पटना: बिहार में लोकसभा चुनाव के दूसरे चरण का मतदान 26 अप्रैल को होना है. दूसरे चरण में पांच सीटों पर मतदान होंगे. पूर्णिया, किशनगंज, कटिहार, बांका और भागलपुर में वोट डाले जाएंगे. 26 अप्रैल को ही पीएम नरेंद्र मोदी दो चुनावी सभा के जरिए सीमांचल व अंग प्रदेश को साधने की कोशिश करेंगे. पीएम नरेंद्र मोदी 26 अप्रैल को मुंगेर में चुनावी सभा कर बांका और भागलपुर को साधेंगे तो अररिया में चुनावी सभा कर पूर्णिया कटिहार और किशनगंज को साधेंगे.
भागलपुर में NDA का मुकाबला कांग्रेस से: भागलपुर लोकसभा सीट से कांग्रेस के अजीत शर्मा का सीधा मुकाबला एनडीए के अजय मंडल से है. वहीं पूर्णिया की बात करें तो एनडीए कैंडिडेट संतोष कुशवाह, जदयू की बीमा भारती और निर्दलीय प्रत्याशी पप्पू यादव में त्रिकोणीय मुकाबला होगा. अजीत शर्मा अपनी बेटी फिल्म अभिनेत्री को भी चुनाव प्रचार के लिए आजमा रहे हैं. राहुल गांधी ने भी अजीत शर्मा के लिए भागलपुर में चुनाव प्रचार किया है. अजय मंडल के लिए राजनाथ सिंह और जेपी नड्डा वोट मांग चुके हैं.
किशनगंज में तीनों कैंडिडेट मुस्लिम: किशनगंज सीट पर कांग्रेस, एआइएमआइएम और जदयू ने प्रत्याशी खड़े किए हैं. तीनों पार्टी में मुसलमान उम्मीदवार ही दिए हैं और तीनों के बीच कड़ा मुकाबला है. किशनगंज की लड़ाई को त्रिकोणात्मक संघर्ष के रूप में देखी जा रही है. किशनगंज सीट से कांग्रेस की टिकट पर तीन बार से सांसद मोहम्मद जावेद को एनडीए भी घेरने में जुटी है. असदुद्दीन ओवैसी ने अपनी पूरी ताकत अपने प्रदेश अध्यक्ष अख्तरुल इमान के लिए झोंक दी है. किशनगंज सीट पर जदयू प्रत्याशी मास्टर मुजाहिद आलम तुरुप का इक्का साबित हो सकते हैं.
कटिहार में तारिक V/s दुलालचंद : कटिहार लोकसभा सीट पर आमने-सामने की लड़ाई है. कांग्रेस पार्टी ने कटिहार लोकसभा सीट पर जहां तारिक अनवर को मैदान में उतारा है. वहीं जेडीयू ने दुलालचंद गोस्वामी को मौका दिया है. दुलालचंद गोस्वामी वर्तमान में कटिहार से सांसद भी हैं. पिछले लोस चुनाव में दुलालचंद गोस्वामी 57000 वोटों से जीते थे. दुलालचंद गोस्वामी के लिए गृह मंत्री अमित शाह ने चुनाव प्रचार किया है तो नीतीश कुमार लगातार सभाएं कर रहे हैं.
बांका में दोनों कैंडिडेट हैं यादव: बांका लोकसभा सीट पर लालू प्रसाद यादव के हनुमान की अग्नि परीक्षा है. पूर्व केंद्रीय मंत्री जय प्रकाश यादव को राष्ट्रीय जनता दल ने फिर एक बार मैदान में उतारा है. जदयू की ओर से गिरधारी यादव मैदान में है और वह वर्तमान में सांसद भी है. पिछले लोकसभा चुनाव में गिरधारी यादव ने जयप्रकाश यादव को 2 लाख से अधिक वोटों से हराया था.
ओवैसी किशनगंज में कर रहे कैंप: पीएम मोदी की रणनीतियों से निपटने के लिए असदुद्दीन ओवैसी किशनगंज में कैंप कर रहे हैं. ओवैसी की पार्टी से एआईएमआईएम के प्रदेश अध्यक्ष अख्तरुल इमान किशनगंज लोकसभा सीट पर उम्मीदवार हैं. किशनगंज सीट से कांग्रेस की टिकट पर तीन बार से सांसद मोहम्मद जावेद को एनडीए भी घेरने में जुटी है. एआइएमआइएम के राष्ट्रीय अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी किशनगंज में कैंप कर रहे हैं.
किशनगंज में हिंदू अल्पसंख्यक: असदुद्दीन ओवैसी ने अपनी पूरी ताकत अपने प्रदेश अध्यक्ष अख्तरुल इमान के लिए झोंक दी है. किशनगंज सीट जीत का ओवैसी पूरे देश में यह संदेश देना चाहते हैं कि मुसलमान के सच्चे हिमायती वही हैं. जहां हिंदू अल्पसंख्यक हैं जबकि मुस्लिम आबादी बड़ी संख्या में है. किशनगंज जिले में मुसलमान की आबादी लगभग 68% के आसपास है. किशनगंज लोकसभा सीट 1957 में बनी और 1967 में इस सीट पर एक मात्र हिंदू उम्मीदवार प्रजा सोशलिस्ट पार्टी के एलएल कपूर ने जीत हासिल की थी. किशनगंज में 68 प्रतिशत आबादी मुसलमानों की है, जबकि 32 प्रतिशत आबादी हिंदुओं की है.
"दूसरे चरण में एनडीए की थोड़ी बढ़त दिखाई दे रही है आमने-सामने की लड़ाई में एनडीए के प्रत्याशी तो मजबूत है. पूर्णिया और किशनगंज में तस्वीर साफ नहीं है त्रिकोणात्मक लड़ाई में बाजी कोई भी मार सकता है. एनडीए को डबल इंजन सरकार की उपलब्धियां का फायदा मिलता दिख रहा है. किशनगंज सीट पर भी कांग्रेस को कड़ी टक्कर मिल रही है." -डॉक्टर संजय कुमार, राजनीतिक विश्लेषक
जदयू का वोट शेयर लगभग 20%: 2009 के लोकसभा चुनाव में अख्तरुल इमान चुनाव नहीं लड़े थे, लेकिन जदयू की टिकट पर मुजाहिद आलम चुनाव लड़े और उन्हें कुल मिलाकर 159136 वोट मिले जदयू का वोट शेयर लगभग 20% था तो मोहम्मद जावेद को कुल मिलाकर 239405 वोट मिले कांग्रेस उम्मीदवार को 80 हजार वोटों से जीत हासिल हुई थी. कांग्रेस पार्टी का वोट शेयर 38.19% था.
कांग्रेस एक लाख 94 हजार वोटों से जीती:2014 लोकसभा चुनाव की बात कर ले तो इस चुनाव में भाजपा और जदयू अलग-अलग लड़ी थी. भाजपा को 298000 वोट मिले थे. भाजपा का वोट शेयर 32.19% था तो जदयू को कुल 55822 वोट मिले थे. कांग्रेस को एक लाख 94 हजार से अधिक वोटों से जीत हासिल हुई थी. कांग्रेस पार्टी का वोट शेयर 53.15% के पार चला जाता है लगभग 15% वोट शेयर में इजाफा होता है.
मोहम्मद जावेद की जीत आसान नहीं: 2019 एआइएमआइएम की टिकट पर अख्तरुल इमान के कुल मिलाकर 295000 से अधिक वोट आते हैं. इनका वोट शेयर 26.78% के आसपास हो जाता है. कांग्रेस पार्टी के उम्मीदवार मोहम्मद जावेद को 367000 से अधिक वोट हासिल कर जीत दर्ज की थी. वहीं एनडीए के उम्मीदवार को भी 332551 वोट मिलते हैं. एनडीए का वोट शेयर लगभग 27 प्रतिशत के आसपास आता है. 2024 के चुनाव में मोहम्मद जावेद के लिए जीत आसान नहीं है.
तुरुप इक्का साबित हो सकते हैं मास्टर मुजाहिद: किशनगंज सीट पर जदयू प्रत्याशी मास्टर मुजाहिद आलम तुरुप का इक्का साबित हो सकते हैं. किशनगंज की सियासत में मुजाहिद आलम मजबूत नेता माने जाते हैं क्षेत्र की जनता के बीच इनकी उपलब्धता रहती है और दो बार यह विधायक रह चुके हैं. साल 2000 और 2014 के विधानसभा चुनाव में इन्हें जीत हासिल हुई थी 2015 के विधानसभा चुनाव में मुजाहिद आलम ने कोचाधामन विधानसभा सीट पर जीत हासिल की थी. एआइएमआइएम के अख्तरुल इमान को चुनाव हराया था. एनडीए की ताकत के बल पर मुजाहिद आलम मोहम्मद जावेद को पटखनी दे सकते हैं.
"दूसरे चरण में जदयू और कांग्रेस की अग्नि परीक्षा होने वाली है. जदयू के समक्ष कर सीटिंग सीट बढ़ाने की चुनौती है तो कांग्रेस के समक्ष भी किशनगंज बढ़ाने की चुनौती है. पूर्णिया और किशनगंज में त्रिकोणात्मक लड़ाई है. किशनगंज में तीनों प्रत्याशी मजबूत हैं और जीत किसी की भी हो सकती है. पूर्णिया में तेजस्वी यादव ने बयान देकर अपने प्रत्याशी को लड़ाई से बाहर कर दिया है किसी भी दल की लड़ाई पप्पू यादव के साथ है और उनकी बढ़त स्पष्ट दिख रही है. कटिहार, भागलपुर और बांका लोकसभा सीट में आमने-सामने की लड़ाई है आमने-सामने की लड़ाई में एनडीए को बढ़त मिलने दिख रहा है."-अरुण पांडे, वरिष्ठ पत्रकार
पूर्णिया में गोलबंदी: पूर्णिया लोकसभा सीट ने बिहार के सियासी पारे को सातवें आसमान पर ला दिया है. पप्पू यादव की स्वीकारोक्ति लगातार बढ़ रही है और नेताओं के बयान में भी यह साफ झलक रहा है. तेजस्वी यादव पप्पू यादव को हराने के लिए पूर्णिया में कैंप कर रहे हैं और राष्ट्रीय जनता दल का पूरा कुनबा वहां झोंक दिया गया है. तेजस्वी यादव ने यह कह कर पूर्णिया की लड़ाई को और भी दिलचस्प बना दिया है तेजस्वी यादव के बयान के बाद पूर्णिया में गोलबंदी तेजी से शुरू हो गई है.
पप्पू पांच बार सांसद चुने जा चुके हैं: पप्पू यादव पूर्णिया सीट से दो बार निर्दलीय लोकसभा चुनाव जीत चुके हैं. पप्पू यादव ने 1990 में सक्रिय राजनीति में कदम रखा और साल 1991 में निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर पूर्णिया लोकसभा सीट से जीत हासिल की पप्पू यादव पहली बार दसवीं लोकसभा के सदस्य चुने गए. इसके बाद से पप्पू यादव सफलता की सीढ़ियां चढ़ते गए पप्पू यादव 5 बार सांसद चुने जा चुके हैं.
संतोष कुशवाहा को एनडीए का सहारा: संतोष कुशवाहा को एनडीए की ताकत का सहारा है. संतोष कुशवाहा के लिए प्रधानमंत्री चुनावी सभा कर चुके हैं और तीसरी बार जीत हासिल करना चाहते हैं. संतोष कुशवाहा पूर्णिया के स्थानीय है, लेकिन जनता के बीच इनकी उपलब्धता कम रहती है. वीमा भारती जेडीयू कोटा से विधायक थी. रुपौली विधानसभा क्षेत्र से चुनाव जीत कर आई थी और उनके पति अवधेश मंडल बाहुबली है. बीमा भारती को मुस्लिम, यादव और गंगौता वोट का भरोसा है.
कटिहार में 41% मुस्लिम वोटर: दुलालचंद गोस्वामी और तारीक अनवर के बीच कटिहार में आमने-सामने की लड़ाई है. कांग्रेस प्रत्याशी तारिकअनवर 41% मुस्लिम और 11% यादव वोट बैंक के बदौलत जीत हासिल करना चाहते हैं तो दुलालचंद गोस्वामी की ताकत पिछड़ा अति पिछड़ा वोट बैंक है. दुलालचंद गोस्वामी की उपलब्धता जनता के बीच रहती है और यह जमीन से जुड़े हुए हैं.वहीं तारिक अनवर की कर ले तो यह सीधे और सरल स्वभाव के हैं लोगों से आसानी से मिलते-जुलते भी हैं लेकिन पिछले कुछ सालों में क्षेत्र से कट गए हैं और इनका अधिक समय दिल्ली में व्यतीत होता है.
भागलपुर मुस्लिम और यादव डोमिनेंट : भागलपुर लोकसभा सीट पर जदयू और कांग्रेस के बीच आमने-सामने का मुकाबला है. जातीय समीकरण की अगर बात कर लें तो भागलपुर लोकसभा क्षेत्र में मुस्लिम और यादव डोमिनेंट माना जाता है. मुस्लिम आबादी तकरीबन 3.30 लाख है तो यादव भी 3 लाख के आसपास हैं. इसके अलावा गंगौता 2 लाख, वैश्य मतदाता डेढ़ लाख और सवर्ण ढाई लाख के आसपास हैं. भागलपुर लोकसभा क्षेत्र में कोरी कुर्मी की आबादी भी डेढ़ लाख के आसपास है.
आरजेडी को जय प्रकाश यादव पर भरोसा: बांका लोकसभा सीट पर लालू प्रसाद यादव के हनुमान की अग्नि परीक्षा है. पूर्व केंद्रीय मंत्री जय प्रकाश यादव को राष्ट्रीय जनता दल ने फिर एक बार मैदान में उतारा है. बांका लोकसभा क्षेत्र में 6 विधानसभा सीट हैं. इनमें धोरैया, बेलहर, बांका, अमरपुर, कटोरिया और सुल्तानगंज है. बांका लोकसभा क्षेत्र में 3 लाख के आसपास यादव जाति की आबादी है. इसके अलावा ब्राह्मण राजपूत और भूमिहार वोटर लगभग 3.50 लाख के आसपास हैं. मुस्लिम आबादी 2 लाख के करीब है. इसके अलावा महादलित कुर्मी कोइरी समाज के वोटर भी दो से ढाई लाख के आसपास हैं.
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