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जम्मू-कश्मीर: सांबा में बीएसएफ ने पाकिस्तानी घुसपैठिए को मार गिराया - Pakistani Intruder Shot Dead - PAKISTANI INTRUDER SHOT DEAD

Jammu Kashmir Pakistani Intruder Shot Dead: जम्मू-कश्मीर में सतर्क सुरक्षा बलों ने अंतरराष्ट्रीय सीमा पार करने की कोशिश कर रहे एक पाकिस्तानी घुसपैठिए को ढेर कर दिया. वहीं, राजौरी जिले के कालाकोट इलाके में आतंकवादियों के एक ठिकाने का भंडाफोड़ किया.

Jammu Kashmir BSF
जम्मू-कश्मीर सुरक्षा बल (प्रतीकात्मक फोटो) (ANI)
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By ETV Bharat Hindi Team

Published : Aug 1, 2024, 12:26 PM IST

श्रीनगर: जम्मू-कश्मीर के सांबा सेक्टर में अंतरराष्ट्रीय सीमा पार करने की कोशिश कर रहे एक पाकिस्तानी घुसपैठिए को सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) के जवानों ने मार गिराया. बीएसएफ प्रवक्ता ने इसकी जानकारी देते हुए कहा कि 31 जुलाई से एक अगस्त 2024 की रात को सांबा सेक्टर में सीमा चौकी खोरा के पास तैनात बीएसएफ जवानों ने संदिग्ध गतिविधि का पता लगाया.

घुसपैठिए को बीएसएफ बाड़ के पास आते देख सतर्क जवानों ने खतरे को बेअसर कर दिया और घुसपैठ की कोशिश को सफलतापूर्वक रोक दिया. जम्मू-कश्मीर में 2024 के पहले सात महीनों में हत्याओं में मामूली वृद्धि देखी गई. इसमें कुल 68 मौतें दर्ज की गई. स्थानीय पुलिस के आंकड़ों के अनुसार, यह पिछले साल की इसी अवधि में 62 से अधिक मौते हुई. हालांकि यह आंकड़ा पिछले सालों की तुलना में काफी कम है.

2024 के शुरुआती सात महीनों में मारे गए लोगों में 17 नागरिक, 17 सुरक्षाकर्मी और 34 आतंकवादी शामिल हैं. यह पिछले दशक के सबसे घातक वर्ष 2019 से बिल्कुल अलग है. जब कुल हत्याओं की संख्या 231 तक पहुंच गई थी, जिसमें 22 नागरिक, 74 सुरक्षाकर्मी और 135 आतंकवादी शामिल थे. डेटा में यह भी बताया गया है कि 2018 में जुलाई तक 218 मौतें दर्ज की गई. ये 2014 के बाद से सबसे अधिक नागरिक (45) और आतंकवादी (122) हताहतों की संख्या है. 2019 में सुरक्षाकर्मियों की सबसे अधिक मौत (74) हुई थी. इसके विपरीत, 2023 में 2014 के बाद से कुल हत्याओं की सबसे कम संख्या देखी गई. इसमें 62 मौतें हुई जिनमें 9 नागरिक, 13 सुरक्षाकर्मी, 38 आतंकवादी और दो अज्ञात व्यक्ति शामिल थे.

राजौरी जिले के कालाकोट में गोला-बारूद बरामद

जम्मू-कश्मीर में आतंकवाद की बढ़ती घटनाओं के बीच पुलिस और सेना के जवानों को बड़ी सफलता मिली है. एक बड़े ऑपरेशन में भारतीय सेना और जम्मू-कश्मीर पुलिस ने गुरुवार को राजौरी जिले के कालाकोट इलाके में आतंकवादियों के एक ठिकाने का सफलतापूर्वक भंडाफोड़ किया है.

भारतीय सेना की राष्ट्रीय राइफल्स इकाई और स्थानीय पुलिस ने रात भर संयुक्त अभियान चलाया जिसके बाद उन्हें एक एके राइफल और अन्य गोला-बारूद बरामद हुआ. भारतीय सेना और स्थानीय पुलिस आतंकवाद को जड़ से खत्म करने के लिए कालाकोट में लगातार तलाशी अभियान चला रही है. इसी सिलसिले में अब कालाकोट के ऊपरी इलाकों से हथियारों का जखीरा बरामद हुआ है. इसके बाद इलाके की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए अधिकारियों ने तलाशी अभियान तेज कर दिया. हथियार बरामद होने के बाद आगे की जांच जारी है. हथियार बरामदगी मामले में शामिल लोगों की पहचान के बारे में जल्द ही जानकारी जारी होने की संभावना है.

ये भी पढ़ें- जम्मू-कश्मीर में आतंकी घटनाओं में होने वाले मौतों में आई भारी कमी, जानें कौन-सा साल था सबसे ज्यादा हिंसक

श्रीनगर: जम्मू-कश्मीर के सांबा सेक्टर में अंतरराष्ट्रीय सीमा पार करने की कोशिश कर रहे एक पाकिस्तानी घुसपैठिए को सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) के जवानों ने मार गिराया. बीएसएफ प्रवक्ता ने इसकी जानकारी देते हुए कहा कि 31 जुलाई से एक अगस्त 2024 की रात को सांबा सेक्टर में सीमा चौकी खोरा के पास तैनात बीएसएफ जवानों ने संदिग्ध गतिविधि का पता लगाया.

घुसपैठिए को बीएसएफ बाड़ के पास आते देख सतर्क जवानों ने खतरे को बेअसर कर दिया और घुसपैठ की कोशिश को सफलतापूर्वक रोक दिया. जम्मू-कश्मीर में 2024 के पहले सात महीनों में हत्याओं में मामूली वृद्धि देखी गई. इसमें कुल 68 मौतें दर्ज की गई. स्थानीय पुलिस के आंकड़ों के अनुसार, यह पिछले साल की इसी अवधि में 62 से अधिक मौते हुई. हालांकि यह आंकड़ा पिछले सालों की तुलना में काफी कम है.

2024 के शुरुआती सात महीनों में मारे गए लोगों में 17 नागरिक, 17 सुरक्षाकर्मी और 34 आतंकवादी शामिल हैं. यह पिछले दशक के सबसे घातक वर्ष 2019 से बिल्कुल अलग है. जब कुल हत्याओं की संख्या 231 तक पहुंच गई थी, जिसमें 22 नागरिक, 74 सुरक्षाकर्मी और 135 आतंकवादी शामिल थे. डेटा में यह भी बताया गया है कि 2018 में जुलाई तक 218 मौतें दर्ज की गई. ये 2014 के बाद से सबसे अधिक नागरिक (45) और आतंकवादी (122) हताहतों की संख्या है. 2019 में सुरक्षाकर्मियों की सबसे अधिक मौत (74) हुई थी. इसके विपरीत, 2023 में 2014 के बाद से कुल हत्याओं की सबसे कम संख्या देखी गई. इसमें 62 मौतें हुई जिनमें 9 नागरिक, 13 सुरक्षाकर्मी, 38 आतंकवादी और दो अज्ञात व्यक्ति शामिल थे.

राजौरी जिले के कालाकोट में गोला-बारूद बरामद

जम्मू-कश्मीर में आतंकवाद की बढ़ती घटनाओं के बीच पुलिस और सेना के जवानों को बड़ी सफलता मिली है. एक बड़े ऑपरेशन में भारतीय सेना और जम्मू-कश्मीर पुलिस ने गुरुवार को राजौरी जिले के कालाकोट इलाके में आतंकवादियों के एक ठिकाने का सफलतापूर्वक भंडाफोड़ किया है.

भारतीय सेना की राष्ट्रीय राइफल्स इकाई और स्थानीय पुलिस ने रात भर संयुक्त अभियान चलाया जिसके बाद उन्हें एक एके राइफल और अन्य गोला-बारूद बरामद हुआ. भारतीय सेना और स्थानीय पुलिस आतंकवाद को जड़ से खत्म करने के लिए कालाकोट में लगातार तलाशी अभियान चला रही है. इसी सिलसिले में अब कालाकोट के ऊपरी इलाकों से हथियारों का जखीरा बरामद हुआ है. इसके बाद इलाके की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए अधिकारियों ने तलाशी अभियान तेज कर दिया. हथियार बरामद होने के बाद आगे की जांच जारी है. हथियार बरामदगी मामले में शामिल लोगों की पहचान के बारे में जल्द ही जानकारी जारी होने की संभावना है.

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