श्रीनगर: जम्मू-कश्मीर विधानसभा में मंगलवार को दिवंगत अलगाववादी नेता सैयद अली शाह गिलानी समेत 57 दिवंगत विधायकों को श्रद्धांजलि दी गई. विधानसभा अध्यक्ष अब्दुल रहीम राथर ने कहा कि राज्य विधानसभा के पिछले सत्र के बाद से इन पूर्व विधायकों का निधन हुआ. उन्होंने सदन से कहा कि इन विधायकों के लिए दो मिनट का मौन रखा जाए और प्रार्थना की जाए.
राथर ने कहा कि इन सभी नेताओं को व्यक्तिगत रूप से श्रद्धांजलि देना संभव नहीं है, लेकिन विधानसभा को उनकी सेवाओं को याद रखना चाहिए और उनकी आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना करनी चाहिए.
इसके अलावा विधानसभा में पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी, पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी और लोकसभा के पूर्व अध्यक्ष सोमनाथ चटर्जी को भी श्रद्धांजलि दी गई.
दिवंगत अलगाववादी नेता सैयद अली शाह गिलानी ने 1972, 1977 और 1987 में तीन बार बारामूला जिले के सोपोर विधानसभा क्षेत्र का प्रतिनिधित्व किया था. मुतिहा यूनाइटेड फ्रंट (एमयूएफ) से चुने गए गिलानी ने बाद में कश्मीर में अलगाववादी आंदोलन का नेतृत्व किया और सितंबर 2021 में उनका निधन हो गया था. उस समय प्रशासन ने दिन के दौरान उनके अंतिम संस्कार की अनुमति नहीं दी थी और उन्हें रात के समय श्रीनगर के हैदरपोरा इलाके में स्थित कब्रिस्तान में सुपुर्द-ए-खाक गया.
पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) के दो विधायकों रफीक नाइक और नेशनल कॉन्फ्रेंस के डॉ बशीर अहमद शाह (वीरी) को छोड़कर किसी भी नेता ने अपने शोक संदेश में गिलानी का अलग से उल्लेख नहीं किया.
नेता प्रतिपक्ष सुनील शर्मा ने श्रद्धांजलि सभा के दौरान कहा कि इस सूची में देश की राजनीति को आकार देने वाले और लोगों की सेवा करने वाले दिग्गज नेताओं को शामिल किया गया है.
कई दिवंगत विधायक हमारे लिए प्रेरणास्रोत...
दिवंगत भाजपा विधायक दवेंद्र सिंह राणा के लिए विशेष प्रार्थना करते हुए शर्मा ने कहा, "सूची में शामिल कई दिवंगत विधायक हमारे लिए प्रेरणास्रोत हैं. उन्होंने देश और जम्मू की सेवा की और मुश्किल दौर में भी काम किया." पिछले सप्ताह बीमारी के कारण भाजपा विधायक दवेंद्र सिंह राणा का निधन हो गया था.
शर्मा ने भाजपा के दिवंगत नेता और पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी का विशेष रूप से उल्लेख करते हुए कहा कि उनका जीवन सभी विधायकों के लिए आदर्श और प्रेरणास्रोत है.
मैं अपने पिता की वजह से सदन में हूं...
जम्मू से निर्दलीय विधायक और कैबिनेट मंत्री सतीश शर्मा ने नेताओं को श्रद्धांजलि दी और अपने पिता मदन लाल शर्मा का विशेष रूप से उल्लेख किया. मदन लाल शर्मा जम्मू से पांच बार सांसद और कांग्रेस में मंत्री रहे. शर्मा ने कहा, "जब मेरे पिता जीवित थे, तो मैं उन पर गर्व नहीं कर सका. आज मैं अपने पिता की वजह से सदन में हूं."
त्राल से पीडीपी विधायक रफीक नाइक ने अपने शोक संदेश में गिलानी का उल्लेख करते हुए कहा कि चाहे वह उनकी राजनीतिक विचारधारा से सहमत हों या नहीं, लेकिन वह एक महान वक्ता थे और विधानसभा में उनके योगदान को नजरअंदाज नहीं किया जाना चाहिए.
दिवंगत नेताओं के नाम
जम्मू-कश्मीर के पूर्व राज्यपाल जगमोहन मल्होत्रा, पूर्व केंद्रीय मंत्री चमन लाल गुप्ता, पूर्व केंद्रीय मंत्री पी नामग्याल, विधान परिषद के पूर्व अध्यक्ष अब्दुल रशीद डार, पूर्व विधायक मियां बशीर अहमद, मदन लाल शर्मा, मुहम्मद शरीफ नियाज, सैयद मुश्ताक अहमद बुखारी, ठाकुर रणधीर सिंह, अब्दुल गनी मीर, गोविंद राम, पूरन सिंह, सरदार रफीक हुसैन खान, तोगदान रिम्पोछे, गुलाम कादिर मीर और काजी मुहम्मद अफजल, पूर्व विधायक प्रोफेसर भीम सिंह, कृष्ण देव सेठी, पूर्व विधायक अब्दुल अजीज पारे, मुहम्मद यासीन शाह, रछपाल सिंह, पीर अब्दुल गनी शाह, चौधरी बशीर अहमद नाज, मुहम्मद शफी खान, अब्दुल गनी नसीम, अब्दुल वाहिद शान, गुलाम कादिर भट (बेदार), गुलाम रसूल बहार, अब्दुल रजाक वागे, ठाकुर दिवाकर सिंह, राजेश गुप्ता, सोम नाथ, प्रकाश शर्मा, मुहम्मद मकबूल भट, और गुलाम रसूल सोफी.
दिवंगत पूर्व एमएलसी, जिन्हें श्रद्धांजलि दी गई
पूर्व एमएलसी में चौधरी फतेह मुहम्मद, अब्दुल रहमान बदाना, हबीबुल्लाह भट्ट, ठाकुर कश्मीरा सिंह, यशपाल शर्मा, राजा नासिर खान, वली मुहम्मद भगवान, हाजी अली मुहम्मद भट्ट, अब्दुल अजीज वानी, चुनी लाल धीमान, त्रिलोचन सिंह वजीर, आगा सैयद जमाल, हाजी मुहम्मद सुल्तान, गुलजार अहमद खटाना, मुहम्मद असलम, और मिर्ज मुहम्मद याकूब.
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