श्रीनगर : जम्मू-कश्मीर प्रशासन ने विधानसभा चुनाव की घोषणा के बाद भावी मंत्रियों और विधायकों के लिए सरकारी आवास को तैयार करने के लिए व्यापक प्रयास शुरू कर दिए हैं. इस पहल में विधायकों के क्वार्टर को खाली करना और उनका नवीनीकरण करना तथा आधिकारिक कक्षों को अपग्रेड करना शामिल है.
नाम न जाहिर करने की शर्त पर घटनाक्रम पर नजर रखने वाले एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, "तैयारियों के हिस्से के रूप में हम यह सुनिश्चित कर रहे हैं कि वर्तमान में क्वार्टरों में रहने वालों को वैकल्पिक आवासों में स्थानांतरित कर दिया जाए. कुछ लोग स्वेच्छा से चले गए हैं, जबकि अन्य को नए आवास की व्यवस्था करने में सहायता की जा रही है."
नवीनीकरण कार्य श्रीनगर और जम्मू दोनों विधानसभा परिसरों में चल रहा है, जिसमें साउंड सिस्टम का आधुनिकीकरण, इंटरनेट कनेक्टिविटी को मजबूत करना, अग्नि सुरक्षा उपाय को बढ़ाना और भवनों के समग्र सौंदर्य में सुधार पर ध्यान केंद्रित किया गया है. अधिकारी ने कहा, "हम यह सुनिश्चित करना चाहते हैं कि ये सुविधाएं न सिर्फ उपयोग के लिए हों, बल्कि उच्च मानकों को भी पूरा करें."
इन सुधारों के साथ विधानसभा अध्यक्ष, उपाध्यक्ष और विपक्ष के नेता के कक्षों पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है. अधिकारी ने बताया, "हम न सिर्फ इन प्रमुख भवनों का नवीनीकरण कर रहे हैं, बल्कि यह भी सुनिश्चित कर रहे हैं कि आधिकारिक वाहन और आवासीय सुविधाएं भी अच्छी स्थिति में हों. हमारा लक्ष्य आगामी विधायी गतिविधियों के लिए सब कुछ बेहतरीन स्थिति में रखना है."
जम्मू-कश्मीर में 10 साल बाद विधानसभा चुनाव हो रहे हैं. 5 अगस्त, 2019 से जम्मू-कश्मीर में उपराज्यपाल का शासन है. इससे पहले जून 2018 में पीडीपी-भाजपा गठबंधन सरकार गिरने के बाद राज्य में राष्ट्रपति शासन लगाया गया था. 5 अगस्त, 2019 को जम्मू-कश्मीर को विशेष दर्जा देने वाले अनुच्छेद 370 के निरस्त कर दिया गया था और राज्य को दो केंद्र शासित प्रदेशों जम्मू-कश्मीर और लद्दाख में बांट दिया गया था.
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