भोपाल: यूपी में योगी आदित्यनाथ के नक्शेकदम पर चल पड़े एमपी में बीजेपी के विधायक रमेश मेंदोला की डिमांड पर अमल के पहले बवाल हो गया है. विधायक रमेश मेंदोला ने प्रदेश की हर दुकान पर दुकानदार के नाम का साईन बोर्ड लगाने की मांग की थी. लेकिन इस डिमांड के सामने आते ही जमीअत ए उलेमा ने इसका कड़ा विरोध किया है. जमीअत उलेमा मध्यप्रदेश के अध्यक्ष हाजी हारुन ने कहा है कि ये दुकानदार का मान नहीं नफरत फैलाने का दांव है. ये धर्म और जाति की पहचान करवाने का मामला है. तो विधायक जी ये बताएं कि क्या कश्मीर का सेब खाना बंद कर देंगे या अफगानिस्तान से आ रहे अखरोट बादाम लौटा देंगे.
विधायक रमेश मेंदोला की मांग पर उठा बवाल
विधायक रमेश मेंदोला ने यूपी की तर्ज पर एमपी में भी दुकानों में दुकानदार का नाम भी दर्ज किए जाने की मांग का जो पत्र लिखा है उस पर अमल के पहले उठ बवाल गया है. मुस्लिम संगठन जमीअत उलमा ने तो इसे सीधे सीधे समाज में नफरत फैलाने का दांव कहा है. जमीअत ए उलेमा मध्यप्रदेश के अध्यक्ष हाजी हारुन ने कहा कि, ''दुकानदार किस इलाके में, किस जाति का और कौन है यूं भी सब लोग जानते हैं. लेकिन नाम लिखवा के आप कौन सी पहचान निकलवाना चाह रहे हो. ये मकसद साफ दिखाई दे रहा है. ये केवल नफरत फैलाने की कोशिश है समाज में. अगर यही करना है तो फिर विधायक रमेश मेंदोला ये बताएं कि क्या वो कश्मीर से आया सेब नहीं खाएंगे. क्या क्या अफगानिस्तान के अखरोट और बादाम को इंकार कर देंगे. सऊदी अरब से खजूर आ रहा है वो नहीं खाएंगे. फिर भारत से जो चावल दुनिया के बाकी देशों में जाता है क्या उस पर लिखा जाएगा ये घनश्याम का चावल है. ऐसी सारी कोशिशें केवल दो समुदायों को बांटने की कोशिश हैं.''
क्या लिखा है रमेश मेंदोला ने अपनी चिट्ठी में
सीएम डॉ. मोहन यादव के नाम लिखी इस चिट्ठी में रमेश मेंदोला ने कहा है कि, ''नाम के गौरव की अनुभूति कराने और गुडविल बढ़ाने के लिए मध्यप्रदेश में हर दुकान के सामने दुकानदार का नाम लिखने का आदेश दिया जाना चाहिए. उन्होंने लिखा है कि मध्यप्रदेश के हर छोटे बड़े व्यापारी कारोबारी और दुकानरादर को अपना नाम बताने में गौरव के भाव की अनुभूति हो सके इसलिए राज्य शासन को हर स्थायी और चलित दुकान के सामने दुकानदार का नाम लिखना अनिवार्य कर देना चाहिए. इससे व्यापार जगत में स्वस्थ प्रतिस्पर्धा होगी और प्रदेश का विकास तेजी से होगा.''
रिकॉर्ड जीत के लिए पहचाने जाते हैं रमेश मेंदोला
विधायक रमेश मेंदोला की पहचान कैलाश विजयवर्गीय के करीबियों में होती है. उनकी पूरी राजनीति का केन्द्र कैलाश विजयवर्गीय हैं. 2023 के विधानसभा चुनाव में एक लाख सात हजार से ज्यादा मतों के साथ जीत का रिकार्ड बनाया था और इंदौर की दो नंबर सीट पर तीस साल से बीजेपी की सल्तनत को बरकरार रखा था. रमेश मेंदोला की जीत 230 सीटों में सबसे बड़े अंतर की जीत थी. उनका मंत्री पद पक्का माना जा रहा था, लेकिन उन्हें मंत्री नहीं बनाया गया. रमेश मेंदोला ने केवल एमपी नहीं राजस्थान और छत्तीसगढ़ में भी सबसे बड़ी जीत के रिकॉर्ड को तोड़ दिया था.
यूपी और उत्तराखड में पहले से दुकानदार का नाम लिखने का आदेश
यूपी में योगी आदित्यनाथ ही कांवड़ यात्रा के मार्ग वाली सड़कों पर बनी दुकानों पर दुकानदार का नाम लिखवा चुके हैं. इसे लेकर भी काफी विरोध हुआ था. लेकिन योगी आदित्यनाथ अपने फैसले पर अडिग रहे. पहले ये नियम केवल मुजफ्फरपुर जिले में था, फिर इसे पूरे यूपी में लागू कर दिया गया. बाद में उत्तराखड में हरिद्वार पुलिस ने भी ऐसा आदेश जारी किया.
उज्जैन में साल भर से नियम लागू, लेकिन दुकानदार का नाम नहीं
धार्मिक नगरी में ये दुकान पर दुकानदार का नाम लिखे जाने का नियम साल भर से लागू है. लेकिन अब तक इस पर अमल नहीं हो पाया है. उज्जैन नगर निगम इस पर अमल नहीं करा पाई. अब जब यूपी में योगी आदित्यनाथ ने ये फैसला लिया तो इसके बाद अब दुबारा से उज्जैन में धार्मिक संगठनों की ओर से मांग उठने लगी है कि दुकानों पर दुकानदार का नाम और मोबाइल नंबर दर्ज होना चाहिए.