जबलपुर। बरगी की तत्कालीन विधायक प्रतिभा सिंह भारतीय जनता पार्टी की बड़ी नेता रही हैं. उनके पुत्र नितिन सिंह भी राजनीति में सक्रिय रहे. लेकिन आपसी विवाद उन्हें 2011 में गोली मार दी गई थी. इस घटनाक्रम में नितिन सिंह की मौत हो गई थी. मृत्यु के बाद बहू ज्योति सिंह का प्रतिभा सिंह से विवाद शुरू हो गया. ज्योति सिंह ने 30 मार्च 2017 में आरोप लगाया कि उनके साथ मारपीट की गई. उन्हें घर से निकाल दिया गया. उनका सामान सड़क पर फेंका गया.
बहू शिकायत करने थाने पहुंची तो पुलिस ने नहीं की सुनवाई
ज्योति सिंह इसकी शिकायत करने के लिए जबलपुर के मदन महल थाने पहुंची तो उन्हें 4 घंटे तक यहां बिठाकर रखा गया. उनकी शिकायत दर्ज नहीं की गई. इस मामले में जब तत्कालीन पुलिस अधीक्षक ने दखल दिया, तब जाकर ज्योति सिंह की शिकायत दर्ज हो पाई. इसी मामले में ज्योति सिंह ने परिवाद दायर किया था. इसमें कहा गया था कि उनकी सास ने अपने राजनीतिक रसूख का फायदा उठाकर उन्हें शिकायत करने से रोका.
पति की मौत के बाद गुजारा भत्ता 15 हजार मिला, फिर बंद
दरअसल, ज्योति सिंह ने पति की मृत्यु के बाद संपत्ति में हिस्सा मांगा था. इसके बाद उन्हें लगभग 22 एकड़ जमीन मिली भी. लेकिन इस जमीन पर खेती अभी भी ससुराल पक्ष के लोग ही करते हैं और गुजारे भत्ते के रूप में उन्हें ₹15 हजार प्रतिमाह दिया जाता है. जो बीते कुछ दिनों से नहीं मिल रहा था. इसकी वजह से ज्योति सिंह अभी भी परेशान हैं. इस मामले में ज्योति सिंह ने कलेक्टर से जनसुनवाई में भी शिकायत की. गौरतलब है कि इस परिवार के पास संपत्ति की कोई कमी नहीं है लेकिन अपने ही परिवार की बहू को क्यों प्रताड़ित कर रहा है, यह लोगों को समझ नहीं आ रहा. ज्योति सिंह इस कदर प्रताड़ित हैं कि वह एक बार प्रतिभा सिंह के खिलाफ चुनाव में तक खड़ी हो गई थीं.
ALSO READ: नेपानगर की पूर्व विधायक सुमित्रा कास्डेकर को हाईकोर्ट से राहत, परिवाद निरस्त पूर्व सांसद कंकर मुंजारे और उनके 4 साथियों को दो साल की सजा, देखें- क्या है पूरा मामला |
पीड़िता के अधिवक्ता ने दी सजा की जानकारी
इस मामले में ज्योति सिंह के अधिवक्ता प्रदीप बत्रा ने बताया "कोर्ट ने धारा 323 के आरोपी को सही मानते हुए वर्तमान विधायक नीरज सिंह उनकी मां प्रतिभा सिंह और उनके बेटे अनुराग सिंह के खिलाफ सजा सुनाई. जिसमें दो ₹2000 की जुर्माने के साथ ही कोर्ट उठने तक वहीं मौजूद रहने का आदेश दिया गया."