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झारखंड से बंगाल और असम पहुंचा डेमोग्राफी का मुद्दा, हिमंत बिस्वा सरमा पर लगा ये बड़ा आरोप - Demographic issue

Controversy over Muslim population data. झारखंड में पिछले कुछ दिनों से संथाल के डेमोग्राफी के मुद्दे पर जमकर राजनीति हो रही है. अब यह मुद्दा यहां से निकलकर पश्चिम बंगाल के रास्ते असम तक पहुंच गया है.

Controversy over Muslim population data
हिमंत बिस्वा सरमा और सुष्मिता देव (ईटीवी भारत- फाइल फोटो)
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By ETV Bharat Jharkhand Team

Published : Jul 18, 2024, 12:52 PM IST

Updated : Jul 18, 2024, 2:14 PM IST

रांची/सिलचर: झारखंड में अगले कुछ महीनों में चुनाव होने वाला है. ऐसे में यहां पर बीजेपी के केंद्रीय नेताओं का दौरा तेज हो गया है. बीजेपी जीताऊ मुद्दे की तलाश में है. ऐसे में संथाल में बदल रहे डेमोग्राफी के मुद्दे को लेकर बीजेपी हमलावर है. बुधवार को असम के सीएम हिमंत बिस्वा सरमा झारखंड दौरे पर थे. इस दौरान उन्होंने असम में बढ़ते मुस्लिम जनसंख्या का जिक्र किया था. हिमंत ने जिस आंकड़े का हवाला दिया था, उसे टीएमसी सांसद ने गलत और भ्रामक बताया है.

सुष्मिता देव और हिमंत बिस्वा सरमा का बयान (सुष्मिता देव का एफबी अकाउंट और ईटीवी भारत)

असम के सीएम के आंकड़े गलत

टीएमसी राज्य सभा सांसद सुष्मिता देव ने असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा के मुस्लिम की बढ़ती जनसंख्या के मामले पर झारखंड में दिए गये बयान को भ्रामक बताया है. उनका कहना है कि असम के मुख्यमंत्री दूसरे राज्यों में जाकर गलत जानकारियां दे रहे है जिससे लोगों में गलतफहमी पैदा हो रही है. अपने बयान मे सुष्मिता देव ने कहा की 1951 में असम में मुसलमानों की जनसंख्या 12 प्रतिशत नहीं बल्कि 25 प्रतिशत थी.

हिमंत के इस बात पर बढ़ा विवाद

दूसरा ये कि जब कोविड की वजह से 2021 में सेंसस नहीं हो पाया तो असम के मुख्यमंत्री के पास ये आंकड़े कैसे आ गये. डेमोग्राफी के मुद्दे पर बात करते हुए बुधवार को झारखंड में हिमंत बिस्वा सरमा ने कहा था कि असम में 1951 में मुस्लिम आबादी 12 प्रतिशत थी जो वर्त्तमान में बढ़ कर 40 प्रतिशत हो गयी है. जिला दर जिला छीन रहा है, इसलिए डेमोग्राफी चेंज होना मेरे लिए पॉलिटिकल मुद्दा नहीं है बल्कि जीने और मरने का मुद्दा है.

इस पूरे मुद्दे को राजनीति का रंग देते हुए उन्होंने इसे झारखंड के डेमोग्राफी के मुद्दे से जोड़ने की कोशिश की थी. वैसे भी बांग्लादेशी घुसपैठ, संथाल के बदलते डेमोग्राफी, लव और लैंड जिहाद जैसे मुद्दे के साथ बीजेपी कुछ ही महीने में होने वाले झारखंड विधानसभा चुनाव में इस्तेमाल करना चाहती है.

कौन हैं सुष्मिता देव

सुष्मिता देव की गिनती असम के बड़े नेताओं में होती है. वह कई सालों तक कांग्रेस में रहीं, इस दौरान उन्होंने महिला कांग्रेस का नेतृत्व भी किया. 2021 में सुष्मिता ने कांग्रेस छोड़ टीएमसी ज्वाइन कर लिया. फिलहाल वह पश्चिम बंगाल से राज्यसभा सांसद हैं.

जेएमएम, कांग्रेस और बीजेपी नेताओं के बयान (ईटीवी भारत)

इस मुद्दे पर झारखंड मुक्ति मोर्चा और कांग्रेस ने कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त की है. झामुमो के केन्द्रीय प्रवक्ता मनोज पांडे ने हिमंत के बयान पर आपत्ति जताते हुए कहा है कि यह आंकड़ा कहां से मिला है इसे बताना चाहिए क्योंकि 2021 में जनगणना ही नहीं हुआ था. उन्होंने टीएमसी सांसद सुस्मिता देव के बयान को सही बताते हुए कहा कि जिस असम की बात हिमंत कह रहे हैं वहां डबल इंजन की सरकार है. आखिर कैसे घुसपैठियों की संख्या में वृद्धि हो गई है. यह गंभीर मामला है. केंद्रीय गृह मंत्री और मुख्यमंत्री को इस्तीफा देना चाहिए था.

इधर कांग्रेस ने भी हिमंता के बयान की आलोचना करते हुए बीजेपी पर उन्माद फैलाने का आरोप लगाया है. पार्टी प्रवक्ता जगदीश साहू ने कहा है कि बीजेपी विकास और महंगाई को छोड़कर इसी तरह का बयान देने में लगी है. वहीं विपक्ष के आरोप पर पलटवार करते हुए बीजेपी नेता प्रदीप सिंहा ने कहा है कि असम के मुख्यमंत्री वह हैं उनका बयान आधिकारिक बयान होता है ऐसे में जिस तरह से उन्होंने चिंता जाहिर की है वह सही है.

ये भी पढ़ें-

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एक तरफ असम की जनता बाढ़ से त्रस्त, दूसरी तरफ उनके सीएम रीचार्ज होने आते हैं झारखंड: झामुमो - JMM on Himanta and Shivraj

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सुष्मिता देव और हिमंत बिस्वा सरमा का बयान (सुष्मिता देव का एफबी अकाउंट और ईटीवी भारत)

असम के सीएम के आंकड़े गलत

टीएमसी राज्य सभा सांसद सुष्मिता देव ने असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा के मुस्लिम की बढ़ती जनसंख्या के मामले पर झारखंड में दिए गये बयान को भ्रामक बताया है. उनका कहना है कि असम के मुख्यमंत्री दूसरे राज्यों में जाकर गलत जानकारियां दे रहे है जिससे लोगों में गलतफहमी पैदा हो रही है. अपने बयान मे सुष्मिता देव ने कहा की 1951 में असम में मुसलमानों की जनसंख्या 12 प्रतिशत नहीं बल्कि 25 प्रतिशत थी.

हिमंत के इस बात पर बढ़ा विवाद

दूसरा ये कि जब कोविड की वजह से 2021 में सेंसस नहीं हो पाया तो असम के मुख्यमंत्री के पास ये आंकड़े कैसे आ गये. डेमोग्राफी के मुद्दे पर बात करते हुए बुधवार को झारखंड में हिमंत बिस्वा सरमा ने कहा था कि असम में 1951 में मुस्लिम आबादी 12 प्रतिशत थी जो वर्त्तमान में बढ़ कर 40 प्रतिशत हो गयी है. जिला दर जिला छीन रहा है, इसलिए डेमोग्राफी चेंज होना मेरे लिए पॉलिटिकल मुद्दा नहीं है बल्कि जीने और मरने का मुद्दा है.

इस पूरे मुद्दे को राजनीति का रंग देते हुए उन्होंने इसे झारखंड के डेमोग्राफी के मुद्दे से जोड़ने की कोशिश की थी. वैसे भी बांग्लादेशी घुसपैठ, संथाल के बदलते डेमोग्राफी, लव और लैंड जिहाद जैसे मुद्दे के साथ बीजेपी कुछ ही महीने में होने वाले झारखंड विधानसभा चुनाव में इस्तेमाल करना चाहती है.

कौन हैं सुष्मिता देव

सुष्मिता देव की गिनती असम के बड़े नेताओं में होती है. वह कई सालों तक कांग्रेस में रहीं, इस दौरान उन्होंने महिला कांग्रेस का नेतृत्व भी किया. 2021 में सुष्मिता ने कांग्रेस छोड़ टीएमसी ज्वाइन कर लिया. फिलहाल वह पश्चिम बंगाल से राज्यसभा सांसद हैं.

जेएमएम, कांग्रेस और बीजेपी नेताओं के बयान (ईटीवी भारत)

इस मुद्दे पर झारखंड मुक्ति मोर्चा और कांग्रेस ने कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त की है. झामुमो के केन्द्रीय प्रवक्ता मनोज पांडे ने हिमंत के बयान पर आपत्ति जताते हुए कहा है कि यह आंकड़ा कहां से मिला है इसे बताना चाहिए क्योंकि 2021 में जनगणना ही नहीं हुआ था. उन्होंने टीएमसी सांसद सुस्मिता देव के बयान को सही बताते हुए कहा कि जिस असम की बात हिमंत कह रहे हैं वहां डबल इंजन की सरकार है. आखिर कैसे घुसपैठियों की संख्या में वृद्धि हो गई है. यह गंभीर मामला है. केंद्रीय गृह मंत्री और मुख्यमंत्री को इस्तीफा देना चाहिए था.

इधर कांग्रेस ने भी हिमंता के बयान की आलोचना करते हुए बीजेपी पर उन्माद फैलाने का आरोप लगाया है. पार्टी प्रवक्ता जगदीश साहू ने कहा है कि बीजेपी विकास और महंगाई को छोड़कर इसी तरह का बयान देने में लगी है. वहीं विपक्ष के आरोप पर पलटवार करते हुए बीजेपी नेता प्रदीप सिंहा ने कहा है कि असम के मुख्यमंत्री वह हैं उनका बयान आधिकारिक बयान होता है ऐसे में जिस तरह से उन्होंने चिंता जाहिर की है वह सही है.

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Last Updated : Jul 18, 2024, 2:14 PM IST
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