नई दिल्ली: इजराइल ने भारतीय मजदूरों की खराब स्किल को लेकर किए जा रहे दावों को पूरी तरह से खारिज कर दिया है. इस संबंध में भारत स्थित इजराइली दूतावास ने एक बयान जारी किया है. बयान में कहा गया है कि यह बताना अहम है कि इजराइल भारत से मजदूरों से संतुष्ट है. वहीं, भारतीय मजदूर अपनी वर्किंग एनवायरनमेंट और सैलरी से संतुष्ट हैं.
यह बयान ऐसे समय में आया है, जब हाल ही में मीडिया रिपोर्ट्स में दावा किया गया था कि इजराइली कंपनियां भारतीय मजदूरों के खराब स्किल से परेशान हैं और उनसे हथौड़ा भी चलाना नहीं आता. इसके चलते इन मजदूरों को इंडस्ट्रियल काम में लगाया गया है.
In light of recent publications, it is important to state that Israel is satisfied with the construction workers who arrived under the bilateral agreements between our two countries.
— Israel in India (@IsraelinIndia) September 11, 2024
Reports received by our offices reveal that the majority of Indian construction workers are… pic.twitter.com/Rb7WfvH9WG
भारतीय मजदूर भी संतुष्ट
इजराइली दूतावास ने माइक्रो ब्लॉगिंग साइट एक्स पर लिखा, "यह बताना महत्वपूर्ण है कि इजराइल भारत के साथ हुए द्विपक्षीय समझौतों के तहत देश में आए मजदूरों से संतुष्ट है. हमारे ऑफिस को पता चला है कि अधिकांश भारतीय मजदूर वर्किंग एनवायरनमेंट और सैलरी से भी संतुष्ट हैं."
अगले ग्रुप का इंतजार
दूतावास ने कहा कि जैसा कि कई नए उद्यमों में होता है, कठिनाइयां आती हैं. ऐसे में PIBA ने अनुरोध करने वाले मजदबरों को इंडस्ट्रियल वर्क के लिए रजिस्टर करने की अनुमति दी. यह अस्थायी निर्णय इस लिए लिया गया है, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि सभी भारतीय मजदूरों को इजरायल में अच्छी तनख्वाह वाली नौकरियां मिलें. इजरायल को उम्मीद है कि 1000 से अधिक भारतीय मजदूरों का अगला समूह जल्द ही आने वाला है.
इस पर पूर्व राजदूत जितेंद्र त्रिपाठी इस घटनाक्रम को भारत-इजराइल संबंधों के लिए महत्वपूर्ण मानते हैं. उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि इजराइल को मजदूरों की सुरक्षा सुनिश्चित करनी चाहिए और उन्हें उचित आवास सुविधाएं प्रदान की जानी चाहिए.
मजदूरों की स्किल पर उठे थे सवाल
इससे पहले कुछ मीडिया रिपोर्ट में दावा किया गया था कि इजराइल भेजे जाने वाले मजदूरों की दो तरीके से लगभग 5,000 श्रमिकों की भर्ती की गई. पहले सरकार-से-सरकार और दूसरा बिजेनस-टू-बिजनेस. सरकार से सरकार प्रोसेस के जरिए भर्ती किए गए कर्मचारियों को मुख्य रूप से स्किल संबंधित मुद्दों का सामना करना पड़ रहा है. यह मजदूर ठीक से काम नहीं कर पा रहे हैं.
रिपोर्ट के अनुसार इन मजदूरों से ईंट और सीमेंट पहुंचाने का काम कराया जा रहा है. वहीं, कुछ भारतीय मजदूरों को भाषा समस्या भी हो रही है. इससे भी उनके काम पर प्रभाव पड़ रहा है. बता दें कि सरकार से सरकार के बीच भर्ती भारत के लखनऊ और हरियाणा से की गई थी.
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