नई दिल्ली : अगर आपको लगता है कि सफेद नमक की जगह पर काला नमक या फिर सेंधा नमक या गुलाबी नमक खाने से स्वास्थ्य अच्छा रहेगा, तो यह खबर जरूर पढ़ें. भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद यानी आईसीएमआर ने इस मिथक को तोड़ा है.
आईसीएमआर की एक रिपोर्ट के अनुसार नमक चाहे जो भी हो, करीब-करीब सभी नमक में सोडियम की मात्रा बराबर पाई जाती है. इसलिए आप यह समझ रहे हैं कि गुलाबी नमक या फिर काला नमक खाने से आपके शरीर में सोडियम तत्व कम जाएगा, तो यह गलत है.
आम तौर पर यह धारणा है कि सफेद नमक, जिसे टेबल नमक भी कहा जाता है, उसकी जगह पर गुलाबी हिमालयन नमक का प्रयोग करेंगे, या फिर काला नमक का प्रयोग करेंगे, तो हमारा स्वास्थ्य बेहतर रहेगा. पर धारणा और हकीकत में अंतर है. और यह जानकारी हम अपनी ओर से नहीं दे रहे हैं, बल्कि आईसीएमआर दे रहा है.
आईसीएमआर ने कहा है कि भले ही नमक के किस्म अलग-अलग हों, लेकिन उसका ज्यादा सेवन स्वास्थ्य के लिए हानिकारक होता है और प्रायः सभी नमक में सोडियम की मात्रा एक जैसी होती है.
जानकारी के लिए बता दें कि काला नामक मसालों और चारकोल से युक्त होता है. जबकि गुलाबी नमक को उसकी प्योरिटी और मिनरल पावर के लिए जाना जाता है.
दुनिया के दूसरे देशों के मुकाबले भारत में नमक की खपत ज्यादा होती है. विश्व स्वास्थ्य संगठन की एक रिपोर्ट के अनुसार एक दिन में एक व्यक्ति को पांच ग्राम से अधिक नमक का सेवन नहीं करना चाहिए. इसके ठीक उलट भारत में एक व्यक्ति प्रायः 10 ग्राम या उससे भी अधिक नमक का सेवन करता है.
अब आप सोच रहे होंगे कि ज्यादा नमक खाने से क्या होगा, तो आपको बता दें कि ज्यादा नमक खाने का मतलब है कि आपके शरीर में सोडियम का ज्यादा होना. इसकी वजह से आप ब्लड प्रशर के मरीज हो सकते हैं. आपके दिल की धड़कनें बढ़ सकती हैं. आपको हार्ट की बीमारी हो सकती है. आईसीएमआर ने कहा है कि ज्यादा नमक खाने से हड्डियां भी कमजोर हो जाती हैं, ब्लड प्रेशर और ब्लड वेसल प्रभावित हो सकता है. रिपोर्ट के अनुसार आप गैस्ट्रिक कैंसर और ऑस्टियोपोरोसिस के शिकार हो सकते हैं.
अगर आप अपनी डाइट में फल और पत्ते वाली सब्जियों को शामिल करते हैं, सोडियम की मात्रा पर नियंत्रण लगाया जा सकता है.
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