कन्नूर: नौसेना में साढ़े तीन दशक की सेवा पूरी करने के बाद आईएनएस सिंधुध्वज पनडुब्बी आखिरकार सेवानिवृत्त हो रही है. कन्नूर अझीकल स्टील इंडस्ट्रियल केरल लिमिटेड (SILK) ने बंदरगाह पर इस पनडुब्बी को तोड़ना शुरू कर दिया है. 16 जुलाई, 2022 को सेवामुक्त होने वाली इस पनडुब्बी को दक्षिण भारत की पहली पनडुब्बी कहा जाता है. रूस से खरीदी गई इस पनडुब्बी को अप्रैल में विशाखापत्तनम से कन्नूर लाया गया था.
हालांकि उम्मीद थी कि छह महीने में इस पनडुब्बी को तोड़ने का काम पूरा कर लिया जाएगा, हालांकि रेतीले किनारों की वजह से इस काम थोड़ी देरी हो रही है. SILK के चेयरमैन मुहम्मद इकबाल ने बताया कि राज्य के उद्योग मंत्री पी राजीव और बंदरगाह मंत्री वीएन वासवन के हस्तक्षेप से भूमि-भरण कार्य में तेजी आई है.
उन्होंने कहा कि राज्य सरकार के अधीन सार्वजनिक क्षेत्र का संगठन सिल्क प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड सहित सभी मानदंडों का अनुपालन करते हुए पनडुब्बी को तोड़ रहा है. यह कार्य बंदरगाह विभाग के समन्वय से किया जा रहा है. निजी फर्म सितारा ट्रेडर्स ने नौसेना से पनडुब्बी को तोड़ने का काम अपने हाथ में ले लिया है.
सिल्क को तोड़ी गई पनडुब्बी के प्रति टन 4,525 रुपये + जीएसटी मिलता है, जबकि सिल्क निजी एजेंसी को 2,400 रुपये प्रति टन + जीएसटी का भुगतान करती है. विध्वंस के अवशेष सितारा ट्रेडर्स द्वारा सीधे बेचे जाते हैं. आईएनएस सिंधुध्वज नौसेना के इतिहास में एकमात्र पनडुब्बी है, जिसने प्रधानमंत्री से इनोवेशन के लिए सीएनएस रोलिंग ट्रॉफी जीती है.
यह स्वदेशी सोनार सिस्टम, रग्मिनी एमएसएसएस जैसी सैटेलाइट संचार प्रणाली, नेविगेशन सिस्टम और स्वदेशी टॉरपीडो फायर कंट्रोल सिस्टम से लैस थी. सिल्क को उम्मीद है कि पनडुब्बी के आने के बाद जहाज़ों को तोड़ने की और भी परियोजनाएं शुरू होंगी. पनडुब्बी को तोड़ने से बंदरगाह की विकास क्षमता का पता चलने की उम्मीद है. माल उतारने वाले बंदरगाह पर केंद्रित माल की आवाजाही के लिए एक व्यापक योजना पर काम चल रहा है.
जल्द ही बेपोर के रास्ते अझिकाल से कोच्चि तक एक नई सेवा शुरू करने की भी योजना है. लक्षद्वीप के लिए सेवा पहले ही शुरू हो चुकी है, जो फिलहाल सप्ताह में एक बार संचालित होती है. निकट भविष्य में सेवाओं की संख्या बढ़ाने और लक्षद्वीप से खोपरा और अन्य अनोखे उत्पादों को मुख्य भूमि तक लाने की योजना है.
इसके अलावा निर्माण सामग्री यहीं से भेजी जाती है. अनलोडिंग पोर्ट का बुनियादी ढांचा विकसित किया जाएगा. इस उद्देश्य के लिए अधिक भूमि अधिग्रहण के लिए कदम उठाए गए हैं, तथा जहाज चैनल की गहराई बढ़ाने का भी निर्णय लिया गया है. अनुमान है कि उतराई बंदरगाह के विकास से उत्तरी मालाबार के आर्थिक क्षेत्र को महत्वपूर्ण बढ़ावा मिलेगा.