इंदौर। समाज में जिस तबके के बारे में कोई नहीं सोचता, उसकी भी सुध लेने वाले लोग भी हमारे बीच ही मौजूद हैं. ऐसी ही कहानी है देश के सबसे स्वच्छ शहर इंदौर के मोचियों के दुकानों की ब्रांडिंग की. दरअसल, सड़कों के आसपास गुमटी नुमा शेड में जूते-चप्पल रिपेयर करने वाले मोचियों के लिए जगह के साथ दुकान की पर्याप्त व्यवस्था भी मुहैया नहीं होती. उन लोगों के लिए भी अब बीइंग बीइंग रिस्पॉन्सिबल नामक संस्था ब्रांडिंग अभियान चला रही है.
ये संस्था कर रही है मोचियों की ब्रांडिंग
इंदौर में शहर के प्रमुख चौराहों के अलावा विभिन्न इलाकों में तकरीबन 500 से ज्यादा मोचियों की दुकानें हैं, जिन्हें अमूमन कोई नहीं जानता. ना ही कभी उनकी कोई ब्रांडिंग होती है. यही वजह है कि बीइंग बीइंग रिस्पॉन्सिबल नामक सामाजिक संस्था ने विकसित होते 2030 के भारत की नजर में मोचियों की दुकान कैसी हो और उनकी भी ब्रांडिंग हो, इसलिए दुकानों पर उनके मालिक के फोटो के साथ बैनर तैयार करने का काम शुरू किया है.
दुकान की फोटो और ब्रांडिंग देखकर लोग खुश
इंदौर में फिलहाल इसकी शुरुआत हो चुकी है. यह पहला मौका है जब मोचियों की दुकानों के सामने स्टैंड और उनके फोटो के साथ दुकानों में मिलने वाली सुविधा और सामान की जानकारी बैनर में दर्शाई जा रही है. फिलहाल जिन दुकानों पर यह बैनर लगाए जा रहे हैं वे दुकानदार भी अपने साथ अपनी दुकान की फोटो और ब्रांडिंग को देखकर खुश हैं.
इंदौर में मोची पन्नालाल बताते हैं ''संस्था ने महीने भर पहले उनकी दुकान की ब्रांडिंग शुरू की थी. ब्रांडिंग के लिए एक बैनर दिया गया है और इससे लोग मुझे पहचानते हैं''. बैनर में दुकान की फोटो के साथ पन्नालाल की फोटो और दुकान में उपलब्ध सुविधाओं की जानकारी दी गई है. दुकानदार सुबह जैसे ही दुकान खोलता है. यह बोर्ड भी बाहर लगा दिया जाता है, जिससे आने वाले ग्राहकों पता चल जाता है कि यह मोची की दुकान है. ग्राहक भी मोची की दुकान की मार्केटिंग और ब्रांडिंग देखकर खुश नजर आ रहे हैं.