करनाल: पिछले कई महीनों से हरियाणा सहित भारत के कई राज्यों के युवक रूस में फंसे हुए हैं. करनाल के हर्ष को भी गलत तरीके से रूसी सेना में भर्ती कर लिया गया था. हर्ष के परिवार वाले को प्रधानमंत्री के रूस दौरे के बाद उम्मीद बंधी है कि हर्ष जल्द ही भारत लौट जाएगा.
वापसी की कैसे बंधी उम्मीद?: मिली जानकारी के अनुसार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रूस के राष्ट्रपति से मुलाकात के दौरान इस मुद्दे को उठाया. मोदी ने कहा कि भारत के जितने भी युवक रूसी सेना में भर्ती हैं उनको सुरक्षित वापस भारत भेजा जाए. रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने इस पर अपनी सहमति दे दी है. इस खबर के आने के बाद उन परिवारों की उम्मीद जगी है जिनके बच्चे रूसी आर्मी में काम कर रहे थे.
पीड़ित परिवार में खुशी की लहर: यह खबर सुनने के बाद परिवारों में खुशी का माहौल है और वे भारत और रूस की सरकार का धन्यवाद करते नहीं थक रहे. करनाल के गांव साम्भली के युवक हर्ष के परिवारवालों की भी अब उम्मीद जगी है की उनका बेटा घर वापस आ जायेगा. हर्ष दिसंबर माह में विदेश यात्रा पर गया था लेकिन गलत एजेंट के चलते वह रुसी आर्मी में पहुंच गया. हर्ष को जबरन रूसी सेना में भर्ती किया गया था.
सरकार का धन्यवाद: हर्ष एक साधारण परिवार से ताल्लुक रखता है, जिसके घर का खर्च गांव में ही एक किराना की दुकान से चलता है. हर्ष की मां सुमन ने बताया की "जब मैंने यह खबर सुनी तब मेरी खुशी का ठिकाना नहीं था. मेरा बेटा युद्ध के जिस माहौल में जी रहा था उससे हर पल डर लगा रहता है. कई बार भारतीयों के मारे जाने और लापता होने की खबरे भी आती थी. अब तो ऐसा लगने लगा था की कभी बेटे से मिल भी पाएंगे या नहीं". अब सुमन को अपने बेटे से मिल पाने की उम्मीद जग उठी है ,इसके लिए वह भगवान और दोनो देशों की सरकारों का धन्यवाद करती हैं. हर्ष के पिता सुरेश कुमार को भी उम्मीद है की जैसे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में पहले भी विदेश में फंसे भारतीय को निकाला गया है ऐसे ही उनके बच्चे भी घर वापिस आ जायेंगे.