नई दिल्ली : बांग्लादेश में तख्तापलट के बाद वहां के अल्पसंख्यक हिंदुओं पर हो रहे अत्याचार को लेकर भारत के लोगों में आक्रोश है. बांग्लादेश में हिंदुओं की सुरक्षा की मांग को लेकर शुक्रवार को दिल्ली के मंडी हाउस पर भारी संख्या में महिला शक्ति एकत्र हुई हैं. इसमें नौकरीपेशा, घरेलू महिलाएं से लेकर स्टूडेंट्स तक शामिल है. इसमें बड़ी संख्या में पुरुष भी व्यवस्था संभालने के लिए लगे हुए हैं.
प्रदर्शन में शामिल हुईं बांसुरी स्वराज: प्रदर्शन में शामिल हुईं नई दिल्ली से सांसद बांसुरी स्वराज ने बताया कि बांग्लादेश में हिंदू महिलाओं पर हो रहे अत्याचार ने एक भयानक स्थिति पैदा कर दी हैं. वहां माताओं और बहनों के साथ दुष्कर्म हो रहा है. हिंदू भाइयों पर भी अत्याचार हो रहा है. इसके अलावा हिंदू धार्मिक स्थलों को भी बुरी तरह जलाया गया है. इसे ध्यान में रखते हुए कल लाल किले से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारत की 140 करोड़ जनता के प्रति चिंता व्यक्त की.
भारी संख्या में महिलाओं ने दी भागीदारी: नारी शक्ति फाउंडेशन द्वारा प्रदर्शन में भारी संख्या में महिलाओं ने अपनी भागीदारी दी. बांग्लादेश में हिंदू महिलाओं के ऊपर ही रहे अत्याचार के ऊपर विरोध प्रकट किया. भारत के हिंदू समाज ने बांग्लादेश के विकास में अपना विशेष योगदान दिया. जब वहां बाढ़ का संकट आया था, तो इस्कॉन टेंपल में भंडारों का आयोजन किया गया. वहीं मंदिरों में जो चढ़ावा आता है, उसे जन कल्याण के लिए इस्तेमाल किया जाता है.
बांग्लादेश में हिंदूओं की संख्या मात्र 8 फीसदी: वर्तमान में बांग्लादेश में हिंदू समाज की संख्या मात्र 8 फीसदी है. वहीं हिंदू समाज ने अर्थव्यवस्था को सुधारने में भी विशेष योगदान दिया है. आज मंडी हाउस पर आयोजित प्रदर्शन का मुख्य उद्देश्य यह है कि बांग्लादेश की जनता को इस बात का एहसास हो कि वह अकेले नहीं हैं. उनके साथ भारत के सभी हिंदू भाई-बहन खड़े हैं. इस प्रदर्शन के माध्यम से यह बताया जा रहा है कि भारत एक जिम्मेदार पड़ोसी मुल्क है.
महिलाओं में दिखा आक्रोश: नारी शक्ति मार्च में शामिल होने के लिए पहुंची डॉ. नंदिनी ने कहा कि बांग्लादेश में हिंदुओं और महिलाओं के साथ जो अत्याचार हो रहा है, आज उसके लिए हम लोग यहां एकत्र हुए हैं. दिल्ली के बुराड़ी से आईंं रेखा शर्मा ने कहा कि हम कहते हैं कि मेरा देश भारत महान है, लेकिन हमारे बगल के हिंदू बहन बेटियों पर अत्याचार हो रहा है. इसे देखकर मन में आक्रोश होता और अंदर एक ज्वाला धधक उठती है. भारत में बांग्लादेश की स्थिति को लेकर चिंता है.
ऐसे होगी महिलाओं की सुनवाई: डॉ. अर्चना ने आगे कहा कि प्रदर्शन के जरिए हम आवाज उठाने के लिए यहां पहुंचे हैं. आज बांग्लादेश में महिलाओं पर जो अत्याचार हो रहा है, वह काफी दर्दनाक है. अगर महिलाएं बाहर निकलकर अपनी सुरक्षा के लिए आवाज नहीं उठाएंगी तो कौन सुनेगा. यह पूर्ण रूप से प्रदर्शन मौन था. इसलिए मंच के आसपास खड़ी महिलाओं ने किसी भी तरीके से बातचीत करने से इनकार किया.
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