जम्मू: पूरा देश 15 अगस्त को स्वतंत्रता दिवस की 78वीं वर्षगांठ मनााएगा. जम्मू-कश्मीर में स्वतंत्रता दिवस पर आतंकी खतरे को देखते हुए सुरक्षा एजेंसियां सीमाओं पर हाई अलर्ट पर हैं. ईटीवी भारत की टीम भारत-पाकिस्तान के बीच नियंत्रण रेखा (एलओसी) के पास नौशेरा और सुंदरबनी सेक्टर पहुंची और जाना कि भारतीय सेना के जवान जम्मू संभाग के राजौरी जिले में सुंदरबनी और नौशेरा सेक्टर में एलओसी पर किस तरह से निगरानी कर रहे हैं.
ईटीवी भारत को बॉर्डर पर ग्राउंड जीरो से मिली जानकारी के मुताबिक, सुरक्षा बलों को ऐसी जानकारी मिली है कि लश्कर और जैश जैसे आतंकी संगठन 15 अगस्त से पहले जम्मू-कश्मीर में आतंकियों को भारतीय सीमा में घुसाने की साजिश रच रहे हैं. जानकारी के मुताबिक, आतंकी पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में छोटे-छोटे समूहों में लॉन्चिंग पैड पर मौजूद हैं. इनपुट मिलने के बाद भारतीय सेना ने घुसपैठ के खिलाफ अभियान को मजबूत कर दिया है और पाकिस्तान के नापाक मंसूबों को नाकाम करने के लिए सुरक्षा घेरा और कड़ा कर दिया है.
आतंकी की घुसपैठ को लेकर इनपुट मिलने के बाद अंतरराष्ट्रीय सीमा से लेकर एलओसी तक सुरक्षा एजेंसियों ने कई सुरक्षा उपाय किए हैं. सेना की टुकड़ियां एलओसी से सटे इलाकों में गश्त कर रही हैं और सीमा पार से होने वाली हर हरकत पर नजर रखी जा रही है. सीमा के पास पाकिस्तान की हर हरकत पर नजर रखने के लिए सीमावर्ती इलाकों में हाईटेक कैमरे लगाए गए हैं. एलओसी पर सेना कड़ी निगरानी कर रही है और एरिया डोमिनेशन एक्सरसाइज शुरू की गई है. फेंसिंग एरिया डोमिनेशन पार्टी जीरो लाइन पर गश्त कर रही है.
सुंदरबनी और नौशेरा में मौजूद रक्षा अधिकारी ने बताया कि पाकिस्तानी आतंकी संगठन अपने ऑपरेशन के तरीके बदलते रहते हैं, इसे ध्यान में रखते हुए सुरक्षा बलों की जवाबी योजना तैयार है और हाई डेफिनिशन कैमरों से पाकिस्तानी क्षेत्र पर नजर रखी जा रही है.
भारतीय सेना के जवान दिन-रात सीमा पर गश्त कर रहे हैं और सीमा पार दुश्मन के हर नापाक इरादे पर नजर रख रहे हैं. अधिकारियों ने बताया कि ऐसे इनपुट हैं कि पाकिस्तान और पीओके में सक्रिय आतंकी संगठन लगातार भारतीय सीमा में घुसपैठ करने की कोशिश कर रहे हैं और इसी के चलते हाल ही में पुंछ, राजौरी जम्मू, सांबा और कठुआ जैसे इलाकों में घुसपैठ और ड्रोन भेजने की कई कोशिशें की जा रही हैं. इसके अलावा डोडा, किश्तवाड़, रामबन और रियासी में हुए हमले बड़ी चिंता का विषय हैं.
रक्षा प्रवक्ता ने कहा कि अपने कर्तव्यों के अलावा, सैनिक कठोर प्रशिक्षण मानकों को बनाए रखते हैं, जो किसी भी चुनौती के लिए तैयार रहने की जरूरत को रेखांकित करता है. निरंतर सुधार के लिए यह प्रतिबद्धता भारतीय सेना की सर्वोच्च परिचालन तत्परता बनाए रखने के प्रति समर्पण का उदाहरण है. उन्होंने कहा कि तकनीकी प्रगति भी प्रदर्शित की गई, जैसे कि स्मार्ट फेंस सिस्टम जो सीमा सुरक्षा और निगरानी को बढ़ाता है.
उन्होंने कहा कि क्वाडकॉप्टर, उन्नत निगरानी उपकरण, हथियार और नाइट विजन साइट जैसे नए उपकरण भारतीय सेना के नवाचार को अपनाने के अभियान को और अधिक दर्शाते हैं. नागरिकों तक सेना की पहुंच भी उतनी ही उल्लेखनीय थी, क्योंकि वे स्थानीय समुदायों के साथ पुल बनाने का काम करते हैं, यह सुनिश्चित करते हुए कि शांति और विकास सबसे दूरदराज के क्षेत्रों तक भी पहुंचे.
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