श्रीनगर: जम्मू कश्मीर के कई जिलों में पिछले कई दिनों से आतंकी घटनाओं में वृद्धि हुई है. आज (18 जुलाई) डोडा में सेना पर हुए आतंकी हमले में दो जवान घायल हो गए. इस दौरान इंडियन एयरफोर्स ने घायल जवानों को हेलीकॉप्टर की मदद से इलाज के लिए सैनिक अस्पताल ले गए. एयरलिफ्ट के दौरान वायुसेना के जवानों को मौसम की चुनौतियों का सामना करना पड़ा. हालांकि, उन्होंने हार नहीं मनी और घायल जवानों को वहां से लेकर बाहर निकल आए.
बता दें कि, जम्मू-कश्मीर पुलिस के उप महानिरीक्षक श्रीधर पाटिल ने आतंकियों के साथ डोडा में हुई मुठभेड़ के बाद घटनास्थल का दौरा किया. इस दौरान उन्होंने वहां की स्थिति का जायजा लिया. बता दें कि गुरुवार को सेना पर आतंकी हमले में दो जवान घायल हो गए, जिनमें से एक की हालत गंभीर है. अधिकारियों ने बताया कि यह हमला करीब 2 बजे हुआ था. इसके बाद एक छोटी सी मुठभेड़ हुई, हालांकि, आतंकवादी भागने में सफल रहे.
सेना के प्रवक्ता लेफ्टिनेंट कर्नल सुनील बर्तवाल ने ईटीवी भारत को बताया कि सेना ने भारतीय वायुसेना के एक हेलीकॉप्टर के जरिए हमले में गंभीर रूप से घायल हुए सैनिक को इलाज के लिएउधम पुर सैन्य अस्पताल में ट्रांसफर किया और जिसके चलते उनकी जान बच गई.
बड़े पैमाने पर तलाशी अभियान
रक्षा प्रवक्ता ने आगे कहा, "चुनौतीपूर्ण मौसम के बावजूद, निकासी सफल रही, जिससे कमांड सैनिक को समय पर मेडिकल सुविधाएं मिल सकीं. यह मुठभेड़ बड़े सर्च अभियान का हिस्सा थी, जो सोमवार को डेसा वन क्षेत्र में आतंकवादियों के एक कैप्टन सहित चार सैनिकों की हत्या के बाद शुरू किया गया था. आतंकवादियों का पता लगाने के लिए बड़े पैमाने पर तलाशी अभियान शुरू किया गया है."
डीआईजी श्रीधर पाटिल ने मुठभेड़ स्थल का किया दौरा
इस बीच जम्मू-कश्मीर पुलिस के डीआईजी श्रीधर पाटिल ने मुठभेड़ स्थल के पास कास्तीगढ़ इलाके का दौरा किया और स्थिति का जायजा लिया. मुठभेड़ स्थल के किनारे पत्रकारों से बात करते हुए डीआईजी ने कहा कि तलाशी अभियान जारी है. मैं ज्यादा जानकारी साझा नहीं कर सकता क्योंकि हमारा अभियान जारी है और हम जल्द ही सफल होंगे.
उन्होंने कहा कि कास्तीगढ़ इलाके में आतंकवादियों के साथ मुठभेड़ में भारतीय सेना के दो जवान घायल हो गए. यह घटना डोडा में आतंकवादियों से लड़ते हुए एक अधिकारी सहित सेना के चार जवानों के शहीद होने के तुरंत बाद हुई है. इससे पहले सुबह जम्मू के राजौरी जिले के सुंदरबनी इलाके में नियंत्रण रेखा (एलओसी) के पास संदिग्ध गतिविधि देखने पर सेना ने फायरिंग की.