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भारत में इस साल 30 जून तक एमपॉक्स के 27 मामले सामने आए: WHO - Mpox Cases In India

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By ETV Bharat Hindi Team

Published : Aug 13, 2024, 4:10 PM IST

Mpox Cases In India: WHO के मुताबिक एमपॉक्स के मामल सबसे ज्यादा अफ्रीकी क्षेत्र से सामने आ रहे हैं. वहीं, भारत में इस साल 30 जून तक कुल संक्रमण के 27 केस दर्ज किए गए हैं.

एमपॉक्स
एमपॉक्स (IANS)

नई दिल्ली: विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने मंगलवार को कहा कि भारत में 1 जनवरी, 2022 से इस साल 30 जून तक 27 पुष्ट एमपॉक्स के मामले सामने आए हैं. हालांकि, मौजूदा वैश्विक डेटा में एमपॉक्स मामलों की वास्तविक संख्या को कम करके आंका गया है. जून 2024 में 26 देशों से एमपॉक्स के कुल 934 पुष्ट मामलों और चार मौतों की सूचना WHO को दी गई थी, जो दुनियाभर में एमपॉक्स के निरंतर प्रसार को दर्शाता है.

डब्ल्यूएचओ के मुताबिक लेबोरेटरी द्वारा पुष्टि किए गए एमपॉक्स के मामलों की संख्या सबसे अधिक अफ्रीका में है, जहां कुल 567 मामले पाए गए हैं, इसके बाद अमेरिका , यूरोपीय, पश्चिमी प्रशांत और दक्षिण-पूर्व एशिया क्षेत्र का नंबर है. पूर्वी भूमध्यसागरीय क्षेत्र ने जून 2024 में मामलों की रिपोर्ट नहीं की. चूंकि देशों द्वारा डब्ल्यूएचओ को रिपोर्टिंग में कमी आ रही है, इसलिए वर्तमान में रिपोर्ट किए गए वैश्विक डेटा में एमपॉक्स के मामलों की वास्तविक संख्या को कम करके आंका गया है.

भारत में 27 मामलों की पुष्टि
1 जनवरी 2022 से 30 जून 2024 तक, सभी छह WHO क्षेत्रों में 208 मौतों सहित एमपॉक्स के कुल 99,176 लेबोरेटरी-कंफर्म मामले रिपोर्ट किए गए. जून 2024 में कुल 934 नए मामले सामने आए. लगातार दूसरे महीने सबसे अधिक मामले अफ्रीकी क्षेत्र में रिपोर्ट किए गए, उसके बाद अमेरिका के क्षेत्र और यूरोपीय क्षेत्र में. दक्षिण-पूर्व एशिया क्षेत्र में पांच सदस्य देशों में से थाईलैंड में 805 पुष्ट मामले और 10 मौतें हुईं, इसके बाद इंडोनेशिया में 88 पुष्ट मामले, भारत में 27 पुष्ट मामले और 1 मृत्यु, श्रीलंका में 4 और नेपाल में 1 मृत्यु हुई.

मामले रिपोर्ट करने में कमी
वैश्विक स्वास्थ्य निगरानी संस्था ने कहा कि डब्ल्यूएचओ को मामले रिपोर्ट करने में कमी आई है, इसलिए, रिपोर्ट किए गए मामलों में हाल के रुझानों को सावधानी से समझा जाना चाहिए. डब्ल्यूएचओ सभी देशों को यह सुनिश्चित करने के लिए प्रोत्साहित करता है कि एमपॉक्स एक अधिसूचित बीमारी है और एमपॉक्स मामलों की रिपोर्ट करें.

79.4 फीसदी पुरुष प्रभावित
वैश्विक स्तर पर उपलब्ध आंकड़ों के अनुसार पुष्टि किए गए मामलों में 79.4 फीसदी पुरुष ही इससे प्रभावित हुए हैं. वहीं, 96.4 फीसदी मामले में प्रभावित पुरुषों की औसत आयु 34 वर्ष है. रिपोर्ट में कहा गया है कि इससे 18 से 44 साल की आयु के पुरुष इस प्रकोप से असमान रूप से प्रभावित होते हैं. कांगो लोकतांत्रिक गणराज्य में मामलों में हाल ही में हुई उल्लेखनीय वृद्धि पर अभी तक कोई केस-आधारित डेटा साझा नहीं किया गया है और उपरोक्त डेटा इन नए मामलों को नहीं दर्शाता है.

ट्रांसमिशन के तरीकों में यौन संपर्क सबसे आम तौर पर रिपोर्ट किया गया है. कुल 83.8 प्रतिशत मामले यौन संबंध से फैले हैं. इसके बाद व्यक्ति-से-व्यक्ति गैर-यौन संपर्क से सबसे ज्यादा के कारण सबसे ज्यादा मामले सामने आए हैं. यह पैटर्न पिछले छह महीनों में जारी रहा है, जिसमें 95.6 प्रतिशत नए मामले यौन संपर्क की रिपोर्ट करते हैं. उपलब्ध जानकारी से पता चलता है कि अफ्रीकी क्षेत्र में संक्रमण के तरीके अधिक विविध हैं, जिसमें विभिन्न प्रकार के शारीरिक या प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष संपर्क और कुछ स्थितियों में, जूनोटिक जोखिम के कारण मानव-से-मानव संक्रमण शामिल है.

यह भी पढ़ें- स्टेमिना को बढ़ा देती है ये चीज, डायबिटीज करती है कंट्रोल, BP पर भी लगा देती है लगाम

नई दिल्ली: विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने मंगलवार को कहा कि भारत में 1 जनवरी, 2022 से इस साल 30 जून तक 27 पुष्ट एमपॉक्स के मामले सामने आए हैं. हालांकि, मौजूदा वैश्विक डेटा में एमपॉक्स मामलों की वास्तविक संख्या को कम करके आंका गया है. जून 2024 में 26 देशों से एमपॉक्स के कुल 934 पुष्ट मामलों और चार मौतों की सूचना WHO को दी गई थी, जो दुनियाभर में एमपॉक्स के निरंतर प्रसार को दर्शाता है.

डब्ल्यूएचओ के मुताबिक लेबोरेटरी द्वारा पुष्टि किए गए एमपॉक्स के मामलों की संख्या सबसे अधिक अफ्रीका में है, जहां कुल 567 मामले पाए गए हैं, इसके बाद अमेरिका , यूरोपीय, पश्चिमी प्रशांत और दक्षिण-पूर्व एशिया क्षेत्र का नंबर है. पूर्वी भूमध्यसागरीय क्षेत्र ने जून 2024 में मामलों की रिपोर्ट नहीं की. चूंकि देशों द्वारा डब्ल्यूएचओ को रिपोर्टिंग में कमी आ रही है, इसलिए वर्तमान में रिपोर्ट किए गए वैश्विक डेटा में एमपॉक्स के मामलों की वास्तविक संख्या को कम करके आंका गया है.

भारत में 27 मामलों की पुष्टि
1 जनवरी 2022 से 30 जून 2024 तक, सभी छह WHO क्षेत्रों में 208 मौतों सहित एमपॉक्स के कुल 99,176 लेबोरेटरी-कंफर्म मामले रिपोर्ट किए गए. जून 2024 में कुल 934 नए मामले सामने आए. लगातार दूसरे महीने सबसे अधिक मामले अफ्रीकी क्षेत्र में रिपोर्ट किए गए, उसके बाद अमेरिका के क्षेत्र और यूरोपीय क्षेत्र में. दक्षिण-पूर्व एशिया क्षेत्र में पांच सदस्य देशों में से थाईलैंड में 805 पुष्ट मामले और 10 मौतें हुईं, इसके बाद इंडोनेशिया में 88 पुष्ट मामले, भारत में 27 पुष्ट मामले और 1 मृत्यु, श्रीलंका में 4 और नेपाल में 1 मृत्यु हुई.

मामले रिपोर्ट करने में कमी
वैश्विक स्वास्थ्य निगरानी संस्था ने कहा कि डब्ल्यूएचओ को मामले रिपोर्ट करने में कमी आई है, इसलिए, रिपोर्ट किए गए मामलों में हाल के रुझानों को सावधानी से समझा जाना चाहिए. डब्ल्यूएचओ सभी देशों को यह सुनिश्चित करने के लिए प्रोत्साहित करता है कि एमपॉक्स एक अधिसूचित बीमारी है और एमपॉक्स मामलों की रिपोर्ट करें.

79.4 फीसदी पुरुष प्रभावित
वैश्विक स्तर पर उपलब्ध आंकड़ों के अनुसार पुष्टि किए गए मामलों में 79.4 फीसदी पुरुष ही इससे प्रभावित हुए हैं. वहीं, 96.4 फीसदी मामले में प्रभावित पुरुषों की औसत आयु 34 वर्ष है. रिपोर्ट में कहा गया है कि इससे 18 से 44 साल की आयु के पुरुष इस प्रकोप से असमान रूप से प्रभावित होते हैं. कांगो लोकतांत्रिक गणराज्य में मामलों में हाल ही में हुई उल्लेखनीय वृद्धि पर अभी तक कोई केस-आधारित डेटा साझा नहीं किया गया है और उपरोक्त डेटा इन नए मामलों को नहीं दर्शाता है.

ट्रांसमिशन के तरीकों में यौन संपर्क सबसे आम तौर पर रिपोर्ट किया गया है. कुल 83.8 प्रतिशत मामले यौन संबंध से फैले हैं. इसके बाद व्यक्ति-से-व्यक्ति गैर-यौन संपर्क से सबसे ज्यादा के कारण सबसे ज्यादा मामले सामने आए हैं. यह पैटर्न पिछले छह महीनों में जारी रहा है, जिसमें 95.6 प्रतिशत नए मामले यौन संपर्क की रिपोर्ट करते हैं. उपलब्ध जानकारी से पता चलता है कि अफ्रीकी क्षेत्र में संक्रमण के तरीके अधिक विविध हैं, जिसमें विभिन्न प्रकार के शारीरिक या प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष संपर्क और कुछ स्थितियों में, जूनोटिक जोखिम के कारण मानव-से-मानव संक्रमण शामिल है.

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