नई दिल्ली: ब्राजील (Brazil) इस साल ग्रुप ऑफ G20 शिखर सम्मेलन की मेजबानी करने के लिए पूरी तरह से तैयार है. वहीं ईटीवी भारत से विशेष बातचीत में भारत में ब्राजील के राजदूत केनेथ एच दा नोब्रेगा ने कहा भारत G20 की सफलतापूर्वक अध्यक्षता कर ग्लोबल साउथ की आवाज को और भी मजबूत किया है. बता दें कि, भारत ने 1 दिसंबर, 2022 को इंडोनेशिया से G20 समूह की अध्यक्षता ग्रहण की थी और एक साल तक इस पद पर रहा. इससे भारत को अंतरराष्ट्रीय महत्व के महत्वपूर्ण मुद्दों पर वैश्विक एजेंडे में योगदान करने का एक महत्वपूर्ण अवसर मिला. भारत की G20 की अध्यक्षता दिसंबर 2023 में समाप्त हो गई. इसके बाद ब्राजील ने भारत से अध्यक्षता ली है. अब ब्राजील G20 शिखर सम्मेलन की मेजबानी करने के लिए तैयार है.
क्या होंगे आगामी G20 शिखर सम्मेलन के प्रमुख मुद्दे
ब्राजील में होने वाले G20 शिखर सम्मेलन में अन्य महत्वपूर्ण विषयों के अलावा वित्त, टिकाऊ, बुनियादी ढांचे और जलवायु परिवर्तन जैसे महत्वपूर्ण मुद्दों पर ध्यान केंद्रित किए जाने की उम्मीद जताई जा रही है. सामाजिक समावेशन, भूख, गरीबी के खिलाफ लड़ाई, ऊर्जा परिवर्तन और इसके आर्थिक, सामाजिक और पर्यावरणीय आयामों में सतत विकास को बढ़ावा दिया जाना और वैश्विक शासन संस्थानों में सुधार पूरे साल ब्राजील की अध्यक्षता में G20 शिखर सम्मेलन के प्रमुख मुद्दे रहने वाले हैं. ब्राजील के राजदूत ने आगे भारत की मेजबानी प्रशंसा करते हुए कहा कि, G20 समूह में अफ्रीकी संघ को शामिल करना भारत की शानदार उपलब्धियों में से एक है.
भारत-ब्राजील राजनीतिक संबंध
ब्राजील-भारत संबंधों पर बोलते हुए राजदूत केनेथ ने आगे कहा कि, भारत की आजादी के बाद से दोनों देशों के बीच बहुत लंबे समय से राजनीतिक संबंध रहे हैं. पिछले 6 से 7 सालों में ब्राजील और भारत के बीच संबंधों में काफी विकास हुआ है. 2022 में भारत ब्राजील का 5वां निर्यातक बना था. उन्होंने कहा कि, जब से वे भारत के लिए राजदूत का पदभार संभाला है, तब से उन्होंने देखा है कि, भारत और ब्राजील के व्यवसाय और निवेश में काफी बढ़ोतरी हुई है. जिसने दोनों देशों के बीच व्यापार संबंधों को काफी बढ़ावा मिला है. उन्होंने आगे कहा कि, ब्राजील ने भारत में ऊर्जा, कृषि, ऑटोमोबाइल, आईटी, खनन और ऊर्जा क्षेत्रों में बड़े पैमाने पर निवेश किया है.
चीनी सब्सिडी विवाद का निपटारा
गौरतलब है कि दुनिया के दो सबसे बड़े चीनी उत्पादक भारत और ब्राजील ने चीनी सब्सिडी पर लंबे समय से चले आ रहे विवाद को निपटाने के लिए कई दौर की बातचीत की है, जिसमें ब्राजील ने भारत के साथ इथेनॉल तकनीक साझा करने की पेशकश की है. ब्राजील दुनिया में गन्ना और इथेनॉल का सबसे बड़ा उत्पादक है।.यह इथेनॉल उत्पादन के लिए उपयोग की जाने वाली तकनीक में भी आगे है. इस विवाद की जड़ें 2005 में शुरू हुईं जब भारत ने विश्व व्यापार संगठन (डब्ल्यूटीओ) में ब्राजील की चीनी सब्सिडी को चुनौती दी, यह तर्क देते हुए कि उन्होंने वैश्विक चीनी बाजार को विकृत कर दिया और भारतीय चीनी उत्पादकों को प्रभावित किया. डब्ल्यूटीओ ने अंततः भारत के पक्ष में फैसला सुनाया और ब्राजील को अपनी चीनी सब्सिडी कम करने के लिए बाध्य किया.