नई दिल्ली : प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी और राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रॉन ने भारत-फ्रांस रणनीतिक साझेदारी, अर्थव्यवस्थाओं में समृद्धि के लिए लचीलापन, उनके देशों की सुरक्षा को आगे बढ़ाने में एक दूसरे के मदद करने के दृष्टिकोण की पुष्टि की है. दोनों नेताओं ने इस बात पर सहमति जतायी कि दोनों देश मिलकर धरती के लिए अधिक टिकाऊ और स्वस्थ भविष्य बना सकते हैं.
गणतंत्र दिवस समारोह के लिए फ्रांसीसी राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रॉन की देश की राजकीय यात्रा के बाद भारत-फ्रांस संयुक्त वक्तव्य के अनुसार, भारत-फ्रांस साझेदारी वैश्विक चुनौतियों का समाधान खोजने, बहुपक्षवाद को फिर से मजबूत करने और एक स्थिर अंतरराष्ट्रीय व्यवस्था और अधिक एकजुट और एकजुट दुनिया बनाने में मदद कर सकती है.
प्रधान मंत्री मोदी और राष्ट्रपति मैक्रॉन ने क्षितिज 2047 और जुलाई 2023 शिखर सम्मेलन के अन्य दस्तावेजों में उल्लिखित द्विपक्षीय सहयोग और अंतर्राष्ट्रीय साझेदारी के लिए अपने साझा दृष्टिकोण की पुष्टि की है. दोनों नेताओं ने संयुक्त वक्तव्य में द्विपक्षीय सहयोग में प्रगति की सराहना की और द्विपक्षीय सहयोग के तीन व्यापक स्तंभों - शांति और समृद्धि के लिए साझेदारी, धरती और जनता के लिए साझेदारी में संप्रभुता और रणनीतिक स्वायत्तता के प्रति अपनी साझा प्रतिबद्धता को और मजबूत करने के लिए इसे और तेज करने की प्रतिबद्धता जताई.
उन्होंने दीर्घकालिक वैश्विक चुनौतियों और वर्तमान अंतर्राष्ट्रीय विकास पर व्यापक चर्चा की, और अपने समान हितों और दृष्टिकोणों से प्रेरित होकर, बहुपक्षीय पहल और संस्थानों के माध्यम से अपने वैश्विक और क्षेत्रीय जुड़ाव को तेज करने पर सहमति व्यक्त की.
इस बीच, भारत और फ्रांस के बीच लंबे समय से चली आ रही दोस्ती की पुष्टि करते हुए राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रॉन ने शुक्रवार को कहा कि फ्रांस और भारत के बीच दोस्ती लंबे समय तक कायम रहे. राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू की आयोजित भोज के दौरान अपने संबोधन की शुरुआत में, मैक्रॉन ने अपने प्रतिनिधिमंडल के गर्मजोशी से स्वागत के लिए हार्दिक आभार व्यक्त किया.
मैक्रॉन ने समय और साझा मूल्यों से परे अद्वितीय बंधन के लिए अपनी सराहना साझा की. फ्रांसीसी राष्ट्रपति ने असाधारण स्वागत को स्वीकार किया और अपनी पिछली राजकीय यात्रा के बाद के पांच वर्षों को याद किया और भारत की जी20 की शानदार सफलता के बाद भारत लौटने पर प्रसन्नता व्यक्त की.
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