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छत्तीसगढ़ में बना देश का पहला ऑनग्रिड सोलर एनर्जी प्लांट, 4.5 लाख मीट्रिक टन कार्बन उत्सर्जन में आएगी कमी

India First On Grid Solar Energy Plant छत्तीसगढ़ में देश का पहले ऑनग्रिड सोलर सिस्टम की स्थापना की गई.जिसमें अब बिजली का उत्पादन होने लगा है. ये देश का पहला सोनर एनर्जी प्लांट है,जिसमें ग्रिड सिस्टम है.इस प्लांट से ग्रीन एनर्जी को बढ़ावा मिलेगा.साथ ही साढ़े लाख मीट्रिक टन कार्बन उत्सर्जन में कमी आएगी.

Country First On Grid Solar Energy Plant
छत्तीसगढ़ में बना देश का पहला ऑनग्रिड सोलर एनर्जी प्लांट
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By ETV Bharat Chhattisgarh Team

Published : Feb 9, 2024, 12:40 PM IST

रायपुर : छत्तीसगढ़ में ग्रीन एनर्जी को बढ़ावा देने और साढ़े लाख मीट्रिक टन कार्बन उत्सर्जन में कमी लाने के लिए सोलर एनर्जी का देश का सबसे बड़ा प्लांट लगाया गया है. ये प्लांट बैटरी एनर्जी स्टोरेज सिस्टम आधारित है. जिसे राजनांदगांव जिले में डोंगरगढ़ रोड पर ढ़ाबा के आसपास के 9 गांवों के पहाड़ी क्षेत्र में स्थापित किया गया है.संयंत्र के साथ स्थापित बैटरी सिस्टम के मदद से रात से समय भी बिजली गांवों को दी जाएगी. इस सोलर सिस्टम से 5 लाख यूनिट से अधिक बिजली उत्पादन होगा. साथ ही साथ 4.5 लाख मीट्रिक टन कार्बन उत्सर्जन में कमी लाने का दावा किया गया है.

660 मेगा वॉट बिजली का उत्पादन : क्रेडा ने राजनांदगांव में ऑनग्रिड सोलर पावर प्लांट स्थापना का कार्य सोलर कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (सेकी) और छत्तीसगढ़ पावर डिस्ट्रीब्यूशन कंपनी को सौंपा है. इस कंपनी ने 01 फरवरी 2024 को संयंत्र स्थापना का काम पूरा करके इसे चालू किया. यह देश का पहला ऑनग्रिड सोलर सिस्टम है. जिसमें 100 मेगावॉट का सोलर संयंत्र है. इस प्लांट की प्रमुख विशेषता ये है कि इसमें 660 वॉट क्षमता के कुल 2 लाख 39 हजार बाईफेसियल सोलर पैनल लगाए गए हैं. जिससे पैनल के दोनों ओर से मिलने वाली सोलर एनर्जी से बिजली बनाई जा रही है.इस अनोखे परियोजना लागत 960 करोड़ रूपये हैं. जो सौर ऊर्जा से बिजली पैदा करने के बाद आगामी सात साल में हासिल हो जाएगी.

हर दिन कितनी बिजली का उत्पादन : सोलर एनर्जी पार्क के माध्यम से हर दिन लगभग 5 लाख यूनिट से अधिक बिजली का उत्पादन हो रहा है. इससे लगभग 4.5 लाख मीट्रिक टन कार्बन उत्सर्जन में कमी आ रही है.साथ ही साथ ग्रीन एनर्जी की ओर एक बड़ा कदम है.आपको बता दें कि सौर ऊर्जा के क्षेत्र में ये परियोजना देश प्रदेश में उत्कृष्ट मॉडल के रूप में देखा जाएगा. साथ ही ऐसे अनेक परियोजनाओं पर क्रेडा भविष्य में काम करने की योजना बना रहा है.

कब हुई परियोजना की शुरुआत ? : छत्तीसगढ़ शासन ने राजनांदगांव जिले के बैरन पहाड़ी क्षेत्र में देश और प्रदेश के प्रथम सोलर पार्क की स्थापना का निर्णय लिया था.साल 2016 में परियोजना की शुरुआत की गई. इसके तहत ग्रिड कनेक्टेड मेगा साईज सोलर पावर प्लांट स्थापना का काम शुरु किया गया. क्रेडा ने दो चरणों में सोलर पार्क की स्थापना का प्लान बनाया.जिसके लिए 17 गांव की 626.822 हेक्टेयर शासकीय भूमि की मांग की गई.जिसमें 9 गांवों की 377.423 हेक्टेयर भूमि जिला प्रशासन राजनांदगांव ने दी.

9 गांवों में स्थापित हुआ प्लांट : सोलर पार्क स्थापना के पहले चरण में 05 गांव के 181.206 हेक्टेयर शासकीय भूमि का सर्वे कर आबंटन प्राप्त किया गया. इनमें ढाबा, कोहका, रेंगाकठेरा, डुंडेरा, अमलीडीह तहसील डोंगरगांव शामिल किए गए. दूसरे चरण में 04 गांव के 196-217 हेक्टेयर शासकीय भूमि का सर्वे कर आबंटन हासिल किया गया. इसमें ओडारबंध, गिरगांव, टोलागांव, घुघुवा तहसील डोंगरगांव शामिल हुए

रायपुर : छत्तीसगढ़ में ग्रीन एनर्जी को बढ़ावा देने और साढ़े लाख मीट्रिक टन कार्बन उत्सर्जन में कमी लाने के लिए सोलर एनर्जी का देश का सबसे बड़ा प्लांट लगाया गया है. ये प्लांट बैटरी एनर्जी स्टोरेज सिस्टम आधारित है. जिसे राजनांदगांव जिले में डोंगरगढ़ रोड पर ढ़ाबा के आसपास के 9 गांवों के पहाड़ी क्षेत्र में स्थापित किया गया है.संयंत्र के साथ स्थापित बैटरी सिस्टम के मदद से रात से समय भी बिजली गांवों को दी जाएगी. इस सोलर सिस्टम से 5 लाख यूनिट से अधिक बिजली उत्पादन होगा. साथ ही साथ 4.5 लाख मीट्रिक टन कार्बन उत्सर्जन में कमी लाने का दावा किया गया है.

660 मेगा वॉट बिजली का उत्पादन : क्रेडा ने राजनांदगांव में ऑनग्रिड सोलर पावर प्लांट स्थापना का कार्य सोलर कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (सेकी) और छत्तीसगढ़ पावर डिस्ट्रीब्यूशन कंपनी को सौंपा है. इस कंपनी ने 01 फरवरी 2024 को संयंत्र स्थापना का काम पूरा करके इसे चालू किया. यह देश का पहला ऑनग्रिड सोलर सिस्टम है. जिसमें 100 मेगावॉट का सोलर संयंत्र है. इस प्लांट की प्रमुख विशेषता ये है कि इसमें 660 वॉट क्षमता के कुल 2 लाख 39 हजार बाईफेसियल सोलर पैनल लगाए गए हैं. जिससे पैनल के दोनों ओर से मिलने वाली सोलर एनर्जी से बिजली बनाई जा रही है.इस अनोखे परियोजना लागत 960 करोड़ रूपये हैं. जो सौर ऊर्जा से बिजली पैदा करने के बाद आगामी सात साल में हासिल हो जाएगी.

हर दिन कितनी बिजली का उत्पादन : सोलर एनर्जी पार्क के माध्यम से हर दिन लगभग 5 लाख यूनिट से अधिक बिजली का उत्पादन हो रहा है. इससे लगभग 4.5 लाख मीट्रिक टन कार्बन उत्सर्जन में कमी आ रही है.साथ ही साथ ग्रीन एनर्जी की ओर एक बड़ा कदम है.आपको बता दें कि सौर ऊर्जा के क्षेत्र में ये परियोजना देश प्रदेश में उत्कृष्ट मॉडल के रूप में देखा जाएगा. साथ ही ऐसे अनेक परियोजनाओं पर क्रेडा भविष्य में काम करने की योजना बना रहा है.

कब हुई परियोजना की शुरुआत ? : छत्तीसगढ़ शासन ने राजनांदगांव जिले के बैरन पहाड़ी क्षेत्र में देश और प्रदेश के प्रथम सोलर पार्क की स्थापना का निर्णय लिया था.साल 2016 में परियोजना की शुरुआत की गई. इसके तहत ग्रिड कनेक्टेड मेगा साईज सोलर पावर प्लांट स्थापना का काम शुरु किया गया. क्रेडा ने दो चरणों में सोलर पार्क की स्थापना का प्लान बनाया.जिसके लिए 17 गांव की 626.822 हेक्टेयर शासकीय भूमि की मांग की गई.जिसमें 9 गांवों की 377.423 हेक्टेयर भूमि जिला प्रशासन राजनांदगांव ने दी.

9 गांवों में स्थापित हुआ प्लांट : सोलर पार्क स्थापना के पहले चरण में 05 गांव के 181.206 हेक्टेयर शासकीय भूमि का सर्वे कर आबंटन प्राप्त किया गया. इनमें ढाबा, कोहका, रेंगाकठेरा, डुंडेरा, अमलीडीह तहसील डोंगरगांव शामिल किए गए. दूसरे चरण में 04 गांव के 196-217 हेक्टेयर शासकीय भूमि का सर्वे कर आबंटन हासिल किया गया. इसमें ओडारबंध, गिरगांव, टोलागांव, घुघुवा तहसील डोंगरगांव शामिल हुए

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