नई दिल्ली: विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने घोषणा की कि भारत और चीन दोनों पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पर पेट्रोलिंग अरेंजमेंट पर एक समझौते पर पहुंच गए हैं. मिस्री ने कहा कि हम चीन के साथ चर्चा किए जा रहे मुद्दों पर एक समझौते पर पहुंच गए हैं.
विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने कहा कि इस घटनाक्रम से सीमा पर तनाव कम होने की उम्मीद है. मिस्री ने कहा, "पिछले कई हफ्तों में हुई चर्चाओं के परिणामस्वरूप भारत-चीन सीमा क्षेत्र में वास्तविक नियंत्रण रेखा पर गश्त व्यवस्था पर एक समझौता हुआ है और इससे सैनिकों की वापसी हो रही है.
उन्होंने बताया कि 2020 में इन क्षेत्रों में उत्पन्न मुद्दों का समाधान हो रहा है. सीमा पर शेष मुद्दों को सुलझाने के लिए भारतीय और चीनी वार्ताकार पिछले कुछ हफ्तों से संपर्क में हैं. कथित तौर पर यह समझौता देपसांग और डेमचोक क्षेत्रों में गश्त व्यवस्था से संबंधित है.
#WATCH | Delhi: On agreement on patrolling at LAC, Foreign Secretary Vikram Misri says, " ...as a result of the discussions that have taken place over the last several weeks an agreement has been arrived at on patroling arrangements along the line of actual control in the… pic.twitter.com/J7L9LEi5zv
— ANI (@ANI) October 21, 2024
2020 में हुई थी झड़प
यह सफलता प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ब्रिक्स शिखर सम्मेलन के लिए रूस के कजान की निर्धारित यात्रा से ठीक एक दिन पहले मिली है. बता दें कि पूर्वी लद्दाख सीमा पर 2020 में हुई झड़प के बाद से दोनों पड़ोसियों के बीच संबंध तनावपूर्ण हैं. इस झड़प में 20 भारतीय सैनिक शहीद हो गए थे, वहीं कई चीनी सैनिक भी मारे गए थे.
मोदी-शी जिनपिंग ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में बैठक करेंगे?
हालांकि, इस बात की कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं की गई है कि पीएम मोदी और शी जिनपिंग ब्रिक्स सम्मेलन में मिलेंगे, लेकिन अटकलें लगाई जा रही हैं कि शिखर सम्मेलन के दौरान दोनों नेता द्विपक्षीय बैठक कर सकते हैं.
कजान में आयोजित ब्रिक्स शिखर सम्मेलन, जिसका विषय 'न्यायसंगत वैश्विक विकास और सुरक्षा के लिए बहुपक्षवाद को मजबूत करना' है, नेताओं को प्रमुख वैश्विक मुद्दों पर चर्चा करने के लिए एक मंच प्रदान करेगा. विदेश मंत्रालय के अनुसार, शिखर सम्मेलन ब्रिक्स पहलों पर प्रगति की समीक्षा करने और सहयोग के लिए नए क्षेत्रों की खोज करने का अवसर प्रदान करता है.
यात्रा के दौरान प्रधानमंत्री मोदी रूस के कजान में ब्रिक्स देशों के नेताओं और अन्य आमंत्रित प्रतिभागियों के साथ द्विपक्षीय बैठकें कर सकते हैं. मूल रूप से ब्राजील, रूस, भारत, चीन और दक्षिण अफ्रीका से मिलकर बने इस समूह का विस्तार ईरान, मिस्र, इथियोपिया और संयुक्त अरब अमीरात को शामिल करने के लिए किया गया है.