पटना: मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने जेपी गंगा पथ के तीसरे फेज का बुधवार को लोकार्पण किया है. लोकार्पण के मौके पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने योजना के पूरा होने में विलंब होने पर अपनी नाराजगी जताई और अधिकारियों से कहा कि कहिए तो आपकी पैर पकड़ लूं.
'कहिए तो आपके पैर छू लें'- नीतीश कुमार: इस दौरान नीतीश कुमार, इंजीनियर के पैर पकड़ने भी लगे, लेकिन अधिकारियों ने कहा कि सर ऐसा मत कीजिए. पथ निर्माण विभाग के अपर मुख्य सचिव प्रत्यय अमृत ने भी मुख्यमंत्री को ऐसा करने से रोका. कार्यक्रम में उपमुख्यमंत्री विजय सिन्हा और उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी भी मौजूद रहे.
चौंक गए सभी: इस दौरान जेपी गंगा पथ के प्रोजेक्ट मैनेजर नीतीश कुमार की हरकत देख चौंक गए और पीछे हट गए. उन्होंने नीतीश कुमार से कहा कि नहीं सर ऐसा मत करिए. बता दें कि यह कोई पहला मौका नहीं है जब नीतीश कुमार ने ऐसा किया हो. इसके पहले भी राजस्व और भूमि सुधार विभाग के एक कार्यक्रम में उन्होंने जल्दी काम करने को लेकर एक आईएएस अधिकारी के सामने हाथ जोड़ दिए थे.
"इसके निर्माण होने से उत्तर बिहार से आवागमन आसान हो जाएगा और कितना अच्छा लग रहा है. गंगा नदी के किनारे हम तो फरवरी में ही बोले थे निर्माण पूरा कर दीजिए. आज भी हमने आग्रह किया है. इसका कोइलवर तक विस्तार करेंगे. वहीं दूसरी तरफ दीघा से राजेंद्र सेतु तक ले जाएंगे जो सबसे पुराना पुल है."- नीतीश कुमार, मुख्यमंत्री, बिहार
सीएम का ड्रीम प्रोजेक्ट: मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का गंगा मरीन ड्राइव ड्रीम प्रोजेक्ट है, जिसमें दीघा से दीदारगंज के बीच 20.5 किलोमीटर जेपी गंगा पथ का निर्माण होना है. गंगा के किनारे बन रहे इस पथ में अब तक दीघा से कंगन घाट तक 17 किलोमीटर का जेपी गंगा पथ बनकर तैयार हो गया है. मुख्यमंत्री के लोकार्पण के बाद इस पर आवागमन शुरू हो जाएगा.
90 किलोमीटर तक होना है निर्माण: इसके बाद दीदारगंज तक अगले साल के शुरुआत में बनकर तैयार हो जाएगा. कोईलवर तक इसके विस्तार को लेकर भी काम हो रहा है. डीपीआर बनाने का मुख्यमंत्री ने निर्देश दिया है. जेपी गंगा पथ 90 किलोमीटर में निर्माण होना है जिस पर आने वाले समय में बड़ी राशि खर्च होगी.
तेजस्वी का तंज: वहीं नीतीश कुमार की इस हरकत पर नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने जमकर निशाना साधा है. तेजस्वी यादव ने कहा कि पूरे विश्व में इतना असहाय,अशक्त,अमान्य,अक्षम, विवश,बेबस,लाचार और मजबूर कोई ही मुख्यमंत्री होगा जो BDO, SDO, थानेदार से लेकर वरीय अधिकारियों और यहां तक कि संवेदक के निजी कर्मचारी के सामने बात-बात पर हाथ जोड़ने और पैर पड़ने की बात करता हो? बिहार में बढ़ते अपराध, बेलगाम भ्रष्टाचार, पलायन एवं प्रशासनिक अराजकता का मुख्य कारण यह है कि एक कर्मचारी तक (अधिकारी तो छोड़िए) मुख्यमंत्री की नहीं सुनता?
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