भोपाल: मध्य प्रदेश के स्कूलों में होने वाले कार्यक्रमों में अब बच्चों को बिना अभिभावकों के अनुमति शामिल नहीं किए जाएगा. यदि स्कूल संचालक बिना अनुमति बच्चों को ऐसे कार्यक्रमों में शामिल करते हैं तो उनके खिलाफ वैधानिक कार्रवाई की जाएगी. इसके साथ ही स्कूल प्रबंधन को बच्चों को यूनीफार्म से अलग वेशभूषा और और विभिन्न कार्यक्रमों में पात्र बनाने के लिए भी अभिभावकों से परमिशन लेनी होगी. इसके निर्देश मध्य प्रदेश बाल अधिकार संरक्षण आयोग ने दिए हैं. इस संबंध में स्कूल शिक्षा विभाग के सचिव और सभी जिलों के कलेक्टर को लेटर जारी किए गए हैं.
अभिभावकों से लेनी होगी लिखित परमिशन
मध्य प्रदेश बाल अधिकार संरक्षण आयोग के सदस्य अनुराग पांडेय ने इस संबंध में निर्देश जारी किया है. इसमें कहा गया है कि विविध आयोजनों के अवसर पर विद्यालयों में आयोजित होने वाले कार्यक्रम में सहभागिता करने वाले चयनित बालक और बालिकाओं को विविध वेशभूषा एवं अन्य कोई पात्र बनाए जाने के लिए अभिभावकों से लिखित अनुमति लेनी होगी.
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इसमें लिखा है कि बिना अभिभावकों की लिखित अनुमति के बच्चों से कार्यक्रमों में सहभागिता न कराई जाए. इस पत्र में आगे लिखा है कि इस संबंध में यदि किसी प्रकार की शिकायत या विवाद सामने आता है, तो विद्यालय के खिलाफ अधिनियमों के प्रावधानों के अनुसार कार्रवाई की जाएगी.
स्कूलों से आ रही थी शिकायत
बाल अधिकार संरक्षण आयोग के सदस्य अनुराग पांडे ने बताया "बीते साल रतलाम में मामला सामने आया था. इस साल भी अभिभावकों ने कुछ स्कूलों की शिकायत की थी. उनका कहना था कि बच्चों को स्कूल वाले मनमानी तरीके से कुछ किरदार निभाने को कहते हैं, जिसका पालक विरोध करते हैं. हाल में भी एक शिकायत आई है, इसमें कहा गया कि उनके बच्चे से धर्म विशेष के लोगों का रोल निभाने के लिए कहा जा रहा है. ऐसे मामलों को देखते हुए बाल अधिकार आयोग ने ऐसी घटनाओं पर अंकुश लगाने की योजना बनाई है."