नई दिल्ली: पिछले दो सप्ताह से देश के अधिकांश हिस्सों में भीषण गर्मी के बाद अब राहत भरी खबर मिल रही है. देश में मॉनसून की एंट्री के बाद केरल, पूर्वोत्तर और पश्चिम बंगाल के कुछ हिस्सों में झमाझम बारिश हो रही है. उत्तर भारत में भी जल्द लोगों को गर्मी से राहत मिलेगी. मौसम विभाग के पूर्वानुमान के अनुसार उत्तर भारत में भी जल्द बारिश के आसार हैं.
मौसम विभाग के अनुसार उत्तर-पश्चिम, मध्य और पूर्वी भारत में गर्मी का प्रकोप अगले 2-3 दिनों के दौरान धीरे-धीरे कम होने की संभावना है. अगले 4-5 दिनों के दौरान पूर्वोत्तर भारत में भारी वर्षा जारी रहने की संभावना है.
मॉनसून सक्रिय: दक्षिण-पश्चिम मॉनसून उत्तर-पूर्व, बंगाल की खाड़ी के शेष भागों और उत्तर-पश्चिम बंगाल की खाड़ी के कुछ भागों, त्रिपुरा, मेघालय और असम के शेष भागों और उप-हिमालयी पश्चिम बंगाल और सिक्किम के अधिकांश भागों में सक्रिय है. अगले 2-3 दिनों के दौरान मध्य अरब सागर के कुछ और हिस्सों, दक्षिण अरब सागर के शेष हिस्सों, लक्षद्वीप क्षेत्र और केरल, कर्नाटक के कुछ हिस्सों, तमिलनाडु के कुछ और हिस्सों और दक्षिण-पश्चिम बंगाल की खाड़ी में दक्षिण-पश्चिम मॉनसून के आगे बढ़ने के लिए परिस्थितियाँ अनुकूल हैं.
चक्रवाती परिसंचरण पूर्वोत्तर में असम, बंगाल की खाड़ी से पूर्वोत्तर राज्यों तक तेज दक्षिण-पश्चिमी/दक्षिणी हवा चल रही हैं. इसके प्रभाव में अगले 7 दिनों के दौरान अरुणाचल प्रदेश, असम और मेघालय, नागालैंड, मणिपुर, मिजोरम और त्रिपुरा तथा उप-हिमालयी पश्चिम बंगाल और सिक्किम में गरज, बिजली और तेज हवा (30-40 किमी प्रति घंटे) के साथ हल्की से मध्यम वर्षा होने की संभावना है.
अगले 5 दिनों के दौरान अरुणाचल प्रदेश, असम और मेघालय, उप-हिमालयी पश्चिम बंगाल और सिक्किम में भारी भारी वर्षा होने की संभावना है. अगले 5 दिनों के दौरान बिहार, झारखंड, पश्चिम बंगाल के गंगा के मैदानी इलाके, ओडिशा, छत्तीसगढ़ में साथ ही 2 से 4 जून के दौरान मध्य प्रदेश, विदर्भ, मध्य महाराष्ट्र, मराठवाड़ा में गरज, बिजली और तेज हवा (30-40 किमी प्रति घंटे) के साथ छिटपुट हल्की से मध्यम वर्षा होने की संभावना है.
आज (01 जून) पश्चिम बंगाल के गंगा तटीय क्षेत्रों में कुछ स्थानों पर भारी वर्षा होने की संभावना है. दक्षिण केरल से दूर दक्षिण-पूर्व अरब सागर पर मध्य क्षोभमंडल स्तर पर एक चक्रवाती परिसंचरण बना हुआ है. केरल तट पर तेज पश्चिमी हवा चल रही है. इसके प्रभाव में केरल और माहे, लक्षद्वीप, अंडमान और निकोबार द्वीप समूह, कर्नाटक में गरज, बिजली और तेज हवा (30-40 किमी प्रति घंटे) के साथ हल्की से मध्यम वर्षा होने की संभावना है. अगले 7 दिनों के दौरान तमिलनाडु, पुडुचेरी और कराईकल, तटीय आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, रायलसीमा में छिटपुट से लेकर मध्यम वर्षा हो सकती है.
आज इन राज्यों में बारिश के आसार: एक से 02 जून के दौरान केरल और माहे, अंडमान और निकोबार द्वीप समूह में भारी वर्षा की संभावना है. 01 और 02 जून को तमिलनाडु और दक्षिण आंतरिक कर्नाटक, 02 जून को तटीय आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, रायलसीमा में बारिश के आसार हैं. पूर्वोत्तर राजस्थान के ऊपर एक चक्रवाती परिसंचरण बना हुआ है. इसके प्रभाव में अगले 5 दिनों के दौरान जम्मू-कश्मीर-लद्दाख-गिलगित-बाल्टिस्तान-मुजफ्फराबाद, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड में गरज के साथ छिटपुट हल्की वर्षा होने की संभावना है.
एक से 3 जून के दौरान उत्तर-पश्चिम भारत के मैदानी इलाकों में गरज के साथ हल्की बारिश की संभावना है. इस दौरान पूर्वी राजस्थान में धूल भरी आंधी चलने की संभावना है. एक और दो जून को उत्तर प्रदेश के कुछ हिस्सों, पश्चिमी राजस्थान में धूल भरी आंधी चलने की संभावना है.
अगले 5 दिनों के लिए अधिकतम तापमान का पूर्वानुमान: अगले 3 दिनों के दौरान उत्तर-पश्चिम और मध्य भारत में अधिकतम तापमान में 2-3 डिग्री सेल्सियस की क्रमिक गिरावट की संभावना है और उसके बाद कोई महत्वपूर्ण परिवर्तन नहीं होगा. अगले 3 दिनों के दौरान पूर्वी भारत में अधिकतम तापमान में 3-4 डिग्री सेल्सियस की क्रमिक गिरावट की संभावना है और उसके बाद कोई महत्वपूर्ण परिवर्तन नहीं होगा. देश के बाकी हिस्सों में अधिकतम तापमान में कोई महत्वपूर्ण परिवर्तन की संभावना नहीं है.
अगले 5 दिनों के लिए लू की चेतावनी: हरियाणा-चंडीगढ़-दिल्ली के कई हिस्सों में लू की स्थिति की संभावना है. 01 जून को मध्य प्रदेश, बिहार, झारखंड, विदर्भ, छत्तीसगढ़, उत्तराखंड, तटीय आंध्र प्रदेश और यनम के अलग-अलग इलाकों में लू चलने की संभावना है.
मौसम विभाग (IMD) ने कहा कि गुरुवार को मानसून की बारिश भारत के दक्षिणी केरल तट पर उम्मीद से कुछ दिन पहले ही पहुंच गई. इससे बंपर फसल की संभावनाएं बढ़ गई हैं. यह एशिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था में कृषि और आर्थिक विकास को बढ़ावा दे सकती है. आमतौर पर गर्मियों की बारिश एक जून के आसपास तटीय केरल राज्य में शुरू होती है और जुलाई के मध्य तक पूरे देश में फैल जाती है, जिससे चावल, मक्का, कपास, सोयाबीन और गन्ने जैसी फसलों की बुआई शुरू हो जाती है.