जोधपुर. देश में बढ़ती इलेक्ट्रिक कारों के अनुपात में अभी चार्जिंग स्टेशनों की कमी है. खास तौर से दूर-दराज के ग्रामीण इलाकों में तो न के बराबर चार्जिंग स्टेशन मौजूद हैं, जबकि दुनिया के कई देशों में दूर-दराज में EV के लिए रिमोट एरिया में सोलर ईवी चार्जर स्थापित किए गए हैं, जो बेहद सफल रहे हैं. भारत में इसकी शुरुआत अभी नहीं हुई. यहां सिर्फ ग्रिड से आने वाली बिजली से ही वाहन चार्ज करने के स्टेशन हैं.
जोधपुर आईआईटी ने इसको लेकर एक ऐसा एडॉप्टर इजाद किया, जिसके मार्फत सोलर पैनल की बिजली से भी वाहन चार्ज हो सकते हैं. आईआईटी के इलेक्ट्रिक इंजीनियरिंग विभाग के डॉ. निशांत कुमार की अगुवाई में पिलर-टॉप सोर पैनल के लिए एडॉप्टर विकसित कर लिया गया है. डॉ. निशांत कुमार बताते हैं कि इसकी टेस्टिंग हमने कर ली है. इसकी लागत 1000 हजार रुपये तक आएगी, जिससे इसे कहीं पर भी आासनी से स्थापित किया जा सकता है.
रिमोट एरिया में ईवी चार्जिंग प्वाइंट : डॉ. कुमार ने बताया कि कनाडा, चीन, संयुक्त राज्य अमेरिका, भारत, ऑस्ट्रेलिया, रूस और कई अरब राज्य आपातकालीन ईवी चार्जिंग प्रदान करने के लिए अलग-अलग स्थानों में पिलर-टॉप सोलर पैनल प्रतिष्ठानों पर काम चल रहा है. हमने एक विशेष सेंसर-आधारित कम लागत वाला चार्जिंग एडॉप्टर बनाया है, जिसे अधिकतम दक्षता और सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए डिजाइन किया गया है. सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि इसे चार्जिंग एडॉप्टर से छेड़छाड़ किए बिना वाहन कंपनी द्वारा प्रदान किए गए चार्जिंग एडॉप्टर से आसानी से जोड़ा जा सकता है. उन्होंने बताया कि हमने इसके सभी स्तर के ट्रॉयल पूरे कर लिए हैं.
क्या होता है पिलर टॉप सोलर पैनल : पिलर टॉप सोलर पैनल बहुत साधारण चार्जिंग प्वाइंट होता है. एक पिलर को उस जगह परलगाया जाता है, जहां पर सूरज की कीरणें आती हों. पैनल के साथ जरूरत पड़ती है एडॉप्टर की, जो सौर उर्जा को ग्रिड उर्जा के बराबर पावर देता है. यह काम आईआईटी ने किया. जिसके तहत सेंसर के माध्यम से इसे बनाकर टेस्टिंग की गई. यह एडॉप्टर किसी भी चार्जिंग वाहन में काम आ सकेगा. इसका आद्योगिक परीक्षण भी कर लिया है. अब जल्द ही इसे बाजार में उतारने की तैयारी है, जिसकी कीमत एक हजार रुपये तक होगी.