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फर्जी प्रमाण पत्र देकर आईएएस बनीं पूजा खेडकर..! दिव्यांगता और OBC श्रेणी को लेकर फंसीं - IAS officer Pooja Khedkar

IAS officer Pooja Khedkar: 2022 बैच की प्रोबेशनरी आईएएस अधिकारी पूजा खेडकर की मुश्किलें बढ़ सकती हैं. दावा किया जा रहा है कि सिविल सेवा परीक्षा के लिए उन्हें कथित तौर पर दिव्यांगता और ओबीसी के फर्जी प्रमाण पत्र जमा किए हैं. पद का दुरुपयोग करने के कारण एक दिन पहले ही उनका तबादला पुणे से वाशिम कर दिया गया था.

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By ETV Bharat Hindi Team

Published : Jul 10, 2024, 11:06 PM IST

who is ias pooja khedkar
प्रोबेशनरी आईएएस अधिकारी पूजा खेडकर (ETV Bharat)

मुंबई: महाराष्ट्र कैडर की 2022 बैच की प्रोबेशनरी आईएएस अधिकारी पूजा खेडकर ने सिविल सेवा परीक्षा पास करने के लिए कथित तौर पर दिव्यांगता और अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) के फर्जी प्रमाण पत्र जमा किए हैं. बुधवार को एक अधिकारी ने यह दावा किया.

न्यूज एजेंसी पीटीआई के मुताबिक, अधिकारी ने बताया कि पूजा खेडकर ओबीसी और दृष्टिबाधित श्रेणी के तहत सिविल सेवा परीक्षा में शामिल हुई थीं, उन्होंने दृष्टिहीनता और मानसिक बीमारी का प्रमाण पत्र भी जमा किया था. अधिकारी ने कहा कि अप्रैल 2022 में खेडकर को विकलांगता प्रमाण पत्र के सत्यापन के लिए एम्स दिल्ली में रिपोर्ट करने के लिए कहा गया था, लेकिन उन्होंने कोविड संक्रमण का हवाला देते हुए ऐसा नहीं किया.

अधिकारी ने बताया कि पूजा के पिता दिलीप खेडकर राज्य सरकार के पूर्व अधिकारी हैं. उन्होंने हाल ही में लोकसभा चुनाव लड़ा था और अपनी कुल संपत्ति 40 करोड़ रुपये बताई थी. अधिकारी ने कहा कि हालांकि, पूजा खेडकर ओबीसी श्रेणी के तहत सिविल सेवा परीक्षा में शामिल हुई थीं, जहां क्रीमी लेयर प्रमाणपत्र की सीमा 8 लाख रुपये वार्षिक पैतृक आय है.

रिपोर्ट के मुताबिक, पुणे में प्रोबेशनरी ऑफिसर के रूप में शामिल होने के बाद पूजा खेडकर ने कथित तौर पर कई मांगें कीं, जिसमें ऑडी कार के लिए वीआईपी नंबर प्लेट और वाहन पर लाल बत्ती लगाना शामिल था.

पुणे से वाशिम किया गया था तबादला
प्रोबेशनरी आईएएस अधिकारी द्वारा लाल-नीली बत्ती और वीआईपी नंबर प्लेट वाली निजी ऑडी कार का इस्तेमाल करने के कारण मंगलवार को उनका तबादला पुणे से वाशिम कर दिया गया था. खेडकर के खिलाफ पद के दुरुपयोग की शिकायतें मिल रही थीं.

यह भी पढ़ें- हिंगोली में चार सालों में आए 25 भूकंप के झटके, नासा की लिगो लैब परियोजना पर छाया संकट

मुंबई: महाराष्ट्र कैडर की 2022 बैच की प्रोबेशनरी आईएएस अधिकारी पूजा खेडकर ने सिविल सेवा परीक्षा पास करने के लिए कथित तौर पर दिव्यांगता और अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) के फर्जी प्रमाण पत्र जमा किए हैं. बुधवार को एक अधिकारी ने यह दावा किया.

न्यूज एजेंसी पीटीआई के मुताबिक, अधिकारी ने बताया कि पूजा खेडकर ओबीसी और दृष्टिबाधित श्रेणी के तहत सिविल सेवा परीक्षा में शामिल हुई थीं, उन्होंने दृष्टिहीनता और मानसिक बीमारी का प्रमाण पत्र भी जमा किया था. अधिकारी ने कहा कि अप्रैल 2022 में खेडकर को विकलांगता प्रमाण पत्र के सत्यापन के लिए एम्स दिल्ली में रिपोर्ट करने के लिए कहा गया था, लेकिन उन्होंने कोविड संक्रमण का हवाला देते हुए ऐसा नहीं किया.

अधिकारी ने बताया कि पूजा के पिता दिलीप खेडकर राज्य सरकार के पूर्व अधिकारी हैं. उन्होंने हाल ही में लोकसभा चुनाव लड़ा था और अपनी कुल संपत्ति 40 करोड़ रुपये बताई थी. अधिकारी ने कहा कि हालांकि, पूजा खेडकर ओबीसी श्रेणी के तहत सिविल सेवा परीक्षा में शामिल हुई थीं, जहां क्रीमी लेयर प्रमाणपत्र की सीमा 8 लाख रुपये वार्षिक पैतृक आय है.

रिपोर्ट के मुताबिक, पुणे में प्रोबेशनरी ऑफिसर के रूप में शामिल होने के बाद पूजा खेडकर ने कथित तौर पर कई मांगें कीं, जिसमें ऑडी कार के लिए वीआईपी नंबर प्लेट और वाहन पर लाल बत्ती लगाना शामिल था.

पुणे से वाशिम किया गया था तबादला
प्रोबेशनरी आईएएस अधिकारी द्वारा लाल-नीली बत्ती और वीआईपी नंबर प्लेट वाली निजी ऑडी कार का इस्तेमाल करने के कारण मंगलवार को उनका तबादला पुणे से वाशिम कर दिया गया था. खेडकर के खिलाफ पद के दुरुपयोग की शिकायतें मिल रही थीं.

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