जमशेदपुर: झारखंड में सरायकेला के बड़ाबम्बू के पास हावड़ा-मुंबई रेल हादसा के बाद यात्री भय के माहौल में है. घटना अहले सुबह यानी चार बजे से पहले की है. 24 कोच वाली इस ट्रेन के हादसे में सबसे पीछे का जनरल कोच में सफर करने वाले यात्री सुरक्षित रहे. जनरल कोच में जमशेदपुर रेलवे कॉलोनी का रहने वाला 48 वर्षीय सूर्यबली यादव भी मौजूद थे. दरअसल, सूर्यबली यादव पिछले 25 सालों से हावड़ा-मुंबई मेले में चना और बादाम बेचकर अपना गुजारा कर रहे हैं.
रेल दुर्घटना की पूरी कहानी
घटना के बाद सूर्यबली किसी तरह बस के जरिए जमशेदपुर पहुंचे. जमशेदपुर में सूर्यबली यादव ने ईटीवी भारत से पूरी घटनाक्रम के बारे में बताया. सूर्यबली ने कहा कि वह टाटानगर से चना बादाम लेकर चढ़ते हैं और चक्रधरपुर तक फेरी कर वापस टाटानगर लौट आते हैं. मंगलवार को ट्रेन देर से टाटानगर पहुंची और वह सामान्य कोच में चढ़ गए. 3 बजकर 20 मिनट पर अचानक जोरदार धमाके के साथ ट्रेन रुक गई और उसका सारा चना बादाम टोकरी समेत कोच में गिर गया. इसी बीच यात्रियों ने भी शोर मचाना शुरू कर दिया और भगदड़ का माहौल उत्पन्न हो गया. सूर्यबली ने बताया कि ट्रेन से नीचे उतरकर देखे तो एसी के सारे कोच और स्लीपर का एक कोच एक के ऊपर एक चढ़ा हुआ दिखाई दिया. उसने बताया कि हादसे के दौरान काफी अंधेरा था. सभी यात्री अपने मोबाइल के लाइट का इस्तेमाल कर रहे थे. हादसे के कुछ ही देर बाद पास के गांव वाले घटनास्थल पहुंचे थे.
हादसे से कुछ देर पहले ही पलटी थी एक अन्य मालगाड़ी
सूर्यबली ने बताया कि महज कुछ मिनट पूर्व दूसरी लाइन पर कोयला से लदी मालगाड़ी ट्रेन पलटी थी. इधर तेज रफ्तार में हावड़ा-मुंबई मेल उससे पलटी ट्रेन से जाकर टकरा गई. इस दौरान मालगाड़ी में कोयले पर बंधी प्लास्टिक उड़कर यात्री ट्रेन के इंजन के सामने आ गयी और इंजन सामने से पूरी तरह से ढक गया. सूर्यबली ने बताया कि हादसे के बाद सुबह 5 बजे एम्बुलेंस और रेस्कयू की टीम और मिलिट्री वाले भी पहुंचे. जहां आगे यात्रियों को बाहर निकाला और घायलों को मौके पर अस्पताल पहुंचाया गया. वहीं, घटना को देखते हुए अधिकारी आगे की कार्रवाई में जुट गई है.
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