देहरादून (उत्तराखंड): मानसून की बौछार सबको भिगो रही है. यह बौछार अपने साथ कई तरह की बीमारियों को लेकर भी आती है. क्योंकि, बरसात के दौरान बैक्टीरिया आदि पनपते हैं, जिससे कई तरह की बीमारियां फैलती हैं. ये बीमारियां शरीर पर हावी हो जाती हैं. ऐसे में सेहत संबंधी कई तरह की परेशानियां हो जाती हैं. लिहाजा, इस मौसम में खुद को हेल्दी बनाए रखने की जरूरत होती है. इसके लिए अपनी डाइट पर ध्यान देना होता है. ताकि, मानसून का मजा किरकिरा न हो.
मानसून सीजन की बीमारियां और डाइट चार्ट: ईटीवी भारत ने देहरादून के प्रतिष्ठित मैक्स अस्पताल की हेड डाइटीशियन डॉक्टर डॉली बालियान से खास बातचीत की. इस दौरान उन्होंने मानसून सीजन में कैसे अपनी सेहत का ख्याल रखना है? इसकी पूरी जानकारी दी. साथ ही बताया कि क्या डाइट मानसून सीजन में हमें लेनी चाहिए.
हेड डाइटीशियन डॉली बालियान ने बताया कि आजकल के मौसम के हिसाब से जिस तरह के मरीज उनके पास आ रहे हैं, उसमें खासकर बच्चों में ठंड और कफ के अलावा इम्यूनिटी से संबंधित बीमारियां देखने को मिल रही हैं. यह बीमारियां बरसात के दिनों में बच्चों और बुजुर्गों में अमूमन ज्यादा देखने को मिलती हैं.
उन्होंने कहा कि इम्यूनिटी से जुड़ी इन समस्याओं के लिए डाइट का विशेष ध्यान रखना होता है. इस तरह के लोगों को अपनी डाइट में कुछ बदलाव करने की जरूरत है. जैसे कि इसमें सीजनल फलों की बहुत बड़ी भूमिका होती है. सामान्य तौर से आजकल लोगों को अपनी डाइट में सीजनल फलों को एड करने की जरूरत है.
क्या है फल खाने का सही समय और तरीका: डाइटीशियन यानी आहार विशेषज्ञ डॉली बालियान ने बताया कि डाइट प्लान में सीजनल फ्रूट को एड करना बहुत जरूरी है तो वहीं इसके साथ-साथ फलों को किस समय खाना है? इस पर भी बेहद ध्यान देने की जरूरत है. उन्होंने बताया कि हमें कोशिश करनी चाहिए कि हम सुबह के समय फल खाएं.
फल खाने के लिए सुबह का समय बेहद अच्छा माना जाता है. इसका कारण ये है कि फलों में फाइबर और नेचुरल शुगर होता है. सुबह के समय हमें हाई एनर्जेटिक फूड की जरूरत होती है, जो कि ये फल पूरा करते हैं, जब हम सुबह फल खाते हैं.
इसके अलावा एक और ध्यान देने की बात है कि जब फलों को काटा जाए तो उसी टाइम उस ताजा फल को खाएं. फल को काट कर रखने और बाद में खाने से वो सेहत के लिए हानिकारक हो सकता है. डाइटीशियन डॉली का कहना है कि समय-समय पर सीजनल फल खाने चाहिए और उनको बदल-बदल कर खाना चाहिए.
डायबिटिक पेशेंट को नहीं खाने चाहिए ये फल: डाइटीशियन डॉली बालियान का कहना है कि फल खाते समय एक और बात का ध्यान रखना चाहिए. जो मरीज डायबिटिक हैं, उन्हें हाई शुगर वाले फलों को अवॉइड करना चाहिए. उनका कहना है कि जो भी मरीज डायबिटिक हैं, उन्हें अपने डाइटिशियन या फिर अपने डॉक्टर से इस बारे में सलाह लेनी चाहिए कि उन्हें कौन सा फल खाना चाहिए और कौन सा नहीं?
उन्होंने बताया कि अलग-अलग मरीज के डायबिटिक स्तर के आधार पर डॉक्टर सुझाव देगा कि उसे कौन सा फल खाना चाहिए या फिर कौन सा नहीं खाना चाहिए? इसके अलावा उन्होंने बताया कि सामान्य लोगों को आजकल के सीजन में आने वाले लीची, आम, तरबूज, खरबूज आदि जो भी सीजनल फल हैं, उन्हें खाना चाहिए. इसके अलावा एक और खास बात का ध्यान रखनी चाहिए कि किसी भी फल को जरूरत से ज्यादा ना खाएं. यह भी आपकी सेहत के लिए हानिकारक साबित हो सकता है.
मोटापे को अपने पेट से न आंकें, चेक करवाएं अपना BMI: डाइटिशियन डॉली बालियान का मोटापे की समस्या पर कहना है कि कोई शारीरिक रूप से मोटापे का शिकार है या नहीं, इसके लिए उसे अपना बीएमआई (बॉडी मास इंडेक्स) चेक करवाने की जरूरत होती है. यदि आपका बीएमआई 25 से ऊपर है तो इसका मतलब आप मोटापे का शिकार हैं.
यदि 25 से कम है तो यह चिंता की बात नहीं है. यह जरूरी नहीं है कि आपका पेट बाहर आ रहा है या फिर चेहरे पर फैट दिख रहा है. इसका मतलब आप मोटापे का शिकार नहीं है. यह शरीर की अन्य कमियों की वजह से भी हो सकता है, इसके लिए आपको अपनी जांच करवानी चाहिए.
यदि जांच में आपको कुछ भी गड़बड़ लगती है तो आपको उसके बाद अपने डाइटीशियन से सलाह लेनी चाहिए. अगर आप मोटापे का शिकार हैं तो आपको बैड फैट से बचना है. इसमें फास्ट फूड, व्हाइट फूड इनटेक जैसे कि चीनी, आटा, चावल, मैदा इत्यादि शामिल हों, उनसे बचना चाहिए.
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