नई दिल्ली: भारतीय एयरलाइन्स कंपनियों की डॉमेस्टिक और इंटरनेशनल फ्लाइट्स को लगातार बम की धमकियां मिल रही हैं. अब तक भारतीय एयरलाइन्स की कम से कम 80 घरेलू और अंतरराष्ट्रीय फ्लाइट को गुरुवार को बम की धमकियां मिल चुकी हैं.
ताजा धमकी में एयर इंडिया, विस्तारा और इंडिगो की लगभग 20 फ्लाइट्स को निशाना बनाया, जबकि अकासा एयर की 13 फ्लाइट्स को धमकियां मिलीं. रिपोर्टों के अनुसार, एलायंस एयर और स्पाइसजेट की भी पांच-पांच उड़ानें प्रभावित हुईं हैं.
सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म से मांगा सहयोग
इस बीच देश भर में हवाई यात्रा को बाधित करने वाले फर्जी मौसेज की बाढ़ को रोकने के लिए अधिकारियों ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म से सहयोग मांगा हैं. न्यूज एजेंसी पीटीआई के अनुसार सरकार ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म मेटा और एक्स से फर्जी धमकियों के बारे में डेटा शेयर करने के लिए कहा है, जिसने अब 11 दिनों में 250 से अधिक उड़ानों को प्रभावित किया है.
एयरलाइनों को 600 करोड़ रुपये का नुकसान का अनुमान
बता दें कि गुरुवार को 24 घंटे से भी कम समय में करीब 80 घरेलू और अंतरराष्ट्रीय उड़ानों को बम से उड़ाने की धमकियां मिलीं, जो बाद में झूठी साबित हुईं. इससे हजारों यात्री और सुरक्षा एजेंसियां सकते में आ गईं. द इकोनॉमिक टाइम्स ने दो पूर्व एयरलाइन अधिकारियों के हवाले से कहा कि इन व्यवधानों के कारण एयरलाइनों को लगभग 600 करोड़ रुपये का नुकसान होने का अनुमान है.
रिपोर्ट के मुताबिक ताजा धमकी से पहले भारतीय विमानन कंपनियों द्वारा संचालित 170 से अधिक उड़ानों को बम की धमकियां मिली हैं. विमान कंपनियों को अधिकतर धमकियां सोशल मीडिया के माध्यम से मिली हैं, जिसके कारण कुछ अंतरराष्ट्रीय उड़ानों का मार्ग भी बदलना पड़ा है.
एक डॉमेस्टिक फ्लाइट के व्यवधान से कितना होता है नुकसान
एक घरेलू एयरलाइन के वित्त विभाग में काम कर चुके एक अधिकारी ने न्यूज पीटीआई को बताया कि औसतन एक घरेलू उड़ान में व्यवधान से लगभग 1.5 करोड़ रुपये का खर्च आता है, जबकि एक अंतरराष्ट्रीय उड़ान के लिए यह खर्च लगभग 5 से 5.5 करोड़ रुपये होगा.
एक अनुमानित कैलकुलेशन से पता चलता है कि 170 घरेलू और अंतरराष्ट्रीय उड़ानों में व्यवधान की औसत लागत लगभग 3.5 करोड़ रुपये होगी. इस तरह एयरलाइन्स को लगभग 600 करोड़ रुपये का नुकसान होगा.
कहां-कहां खर्च होते हैं पैसे?
एक अन्य अधिकारी, जो एक अन्य घरेलू एयरलाइन के वित्त विभाग में काम कर चुके हैं. उन्होंने कहा कि संकीर्ण बॉडी वाले विमानों की तुलना में चौड़े बॉडी वाले विमानों के लिए परिचालन लागत अधिक होती है. अधिकारी ने कहा कि ईंधन और हवाई अड्डे के पार्किंग शुल्क जैसे डायरेक्ट खर्चों के अलावा व्यवधानों के कारण समग्र उड़ान नेटवर्क पर प्रभाव जैसी अप्रत्यक्ष लागतें भी होती हैं.
धमकियों से निपटने के लिए उठाए गए कदम
इस बीच विमान और हवाई अड्डे पर बम की धमकी मिलने की स्थिति में गठित बम थ्रेट असेसमेंट कमेटी (BTAC) के प्रोटोकॉल में बदलाव किया गया है, ताकि विभिन्न भारतीय एयरलाइनों को इंटरनेट पर लगातार मिल रही धमकियों से बेहतर तरीके से निपटा जा सके. इसके अलावा, सरकार एयरलाइनों को बम की धमकी से निपटने के लिए विधायी कार्रवाई की योजना बना रही है, जिसमें अपराधियों को नो-फ्लाई सूची में डालना भी शामिल है.
नागरिक विमानन सुरक्षा के विरुद्ध गैरकानूनी कृत्यों के दमन अधिनियम (एसयूएएससीए), 1982 में संशोधन प्रस्तावित किए जा रहे हैं, जिसके तहत अपराधियों को गिरफ्तार किया जा सकता है और विमान के जमीन पर होने पर भी अदालत के आदेश के बिना जांच शुरू की जा सकती है. इसके अलावा, विमानों को बम की धमकी देने वालों के लिए कड़ी सजा सुनिश्चित करने के लिए विमान सुरक्षा नियमों में बदलाव की योजना बनाई जा रही है.
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