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चुनाव के समय कितना गोल्ड-कैश लेकर चल सकते हैं? जब्त होने पर कैसे पाएं वापस, जानिए नियम - lok sabha election - LOK SABHA ELECTION

लखनऊः लोकसभा चुनाव को लेकर आचार संहिता लागू हो चुका है. चुनाव आयोग हर बार की तरह इस बार निष्पक्ष तरीके से चुनाव कराने की कोशिश कर रहा है. आचार संहिता लागू होते ही पुलिस और प्रशासन अलर्ट हो गया है. चुनाव आयोग के निर्देश पर इनकम टैक्स विभाग, रेलवे से लेकर एयरपोर्ट तक सभी एजेंसियां सतर्क हैं. चौराहों पर लगातार चेकिंग की जा रही है. जिससे वोटरों को लुभाने के लिए बड़ी मात्रा में कैश और शराब न ले जाया जा सके. उत्तर प्रदेश के लिए अलग-अलग जिलों में नकदी के साथ लोग पकड़े जा रहे हैं. आइए जानते हैं आम नागरिक चुनाव के समय कितना कैश और गोल्ड लेकर चल सकते हैं और क्या हैं नियम?

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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Apr 6, 2024, 7:14 PM IST

Updated : Apr 6, 2024, 8:36 PM IST

चुनाव के समय कितना कैश और सोना लेकर चल सकते हैं?
आचार संहिता लागू होने के बाद कोई भी आम नागरिक बिना किसी दस्तावेज के अपने साथ 49 हजार रुपये ले जा सकता है. लेकिन 49 हजार रुपये से अधिक कैश ले जाने पर हिसाब देना होगा. यदि हिसाब नहीं दे पाए तो मान लिया जाएगा ये रकम चुनाव में इस्तेमाल के लिए ले जाई जा रही है और जब्त कर लिया जाएगा. इसी तरह बिना डाक्युमेंट के सोना या कोई भी आभूषण 50 हजार की कीमत का अपने साथ कहीं भी ले जा सकते हैं. इसी तरह 10 हजार रुपये का ही गिफ्ट साथ लेकर चल सकते हैं.

कितना कैश, सोना और गिफ्ट रखने पर डाक्युमेंट है जरूरी?
चुनाव के समय अपने आप 49 हजार रुपये से अधिक पैसे अपने साथ लेकर कहीं जा रहे हैं तो पकड़े जाने पर डाक्युमेंट दिखाने पड़ेंगे. जिस बैंक या एटीएम से निकाला है, उसकी पर्ची रखें. इसके अलावा पैसों का सोर्स, पहचान पत्र के साथ पैसे कहां खर्च किया जाना है, ये डाक्युमेंट साथ होना चाहिए. इसी तरह एक तोला या 50 हजार मूल्य से अधिक का सोना साथ लेकर कहीं जा रहे हैं तो इसके लिए पुख्ता सबूत होने चाहिए, नहीं तो पकड़ने जाने पर जब्त कर लिया जाएगा. इसके अलावा कानूनी प्रक्रिया से भी गुजरना पड़ेगा.

10 लाख से अधिक कैश ले जाने के लिए क्या हैं नियम?

आचार संहिता के दौरान बहुत जरूरी काम के लिए आप 10 लाख रुपये भी ले जा सकते हैं. जैसे अगर आप शादी या अस्पताल के लिए 10 लाख रुपये लेकर जा रहे हैं, तो उससे सबंधित डाक्यूमेंट अपने पास रखें. जैसे अस्पताल का बिल या शादी कार्ड. जिसे दिखाने पर सर्विलांस टीम या पुलिस आपको ले जाने देगी. लेकिन इनकम टैक्स विभाग को सूचना जरूर दे देगी.

चुनाव के समय जब्त नकदी या ज्वेलरी कैसे मिलेगा?

आचार संहिता के दौरान पैसे पकड़े जाने पर कोई दस्तावेज नहीं दिखाने पर सर्विलांस और स्टैटिक्स टीम पैसे सीज कर लेती है. चुनाव खत्म होने के बाद भी पर्याप्त सबूत देने के बाद ही पैसे लैटाए जाते हैं. लेकिन नकद 10 लाख से अधिक का है तो आयकर विभाग जांच करेगा. आयकर विभाग की जांच और सत्यापन क उसके बाद पैसे लौटाए जाएंगे.

कैश और गोल्ड बरामदगी के बाद क्या होता है?
चुनाव के दौरान पैसे, आभूषण और महंगे गिफ्ट बरामद होने के बाद पहले इलेक्शन कमीशन की टीम पूछताछ करती है. इसके बाद इनकम टैक्स डिपार्टमेंट जांच करने के साथ पूछता करता है. पूछताछ और जांच में अगर पता चल जाता है कि कैश या गोल्ड मतदाताओं को लुभाने के लिए ले जा जाया रहा था तो संबंधित व्यक्ति के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई जाती है. इसके बाद कोर्ट में केस चलता है. यदि कोर्ट में पैसे के लीगल सोर्स और चुनाव से कोई संबंध नहीं था तो, पैसे और आभूषण वापस कर दिए जाते हैं.

फ्लाइट से कितना कैश और सोना लेकर कर सकते हैं यात्रा?
चुनाव आयोग के निर्देशों के अनुसार आप 10 लाख कैश और लगभग एक किलो सोना-चांदी लेकर फ्लाइट, ट्रेन और बस में सफर कर सकते हैं. हवाई अड्डों पर सीआईएसएफ या पुलिस अधिकारी चेकिंग के दौरान 10 लाख रुपये से अधिक की नकदी या 1 किलो से अधिक सोना पाते हैं तो तुरंत इनकम टैक्स विभाग को सूचित करेंगे. इसी तरह रेलवे स्टेशन पर जीआरपी 10 लाख कैश और 1 किलो सोना-चांदी बरामद करती है तो वह इनकम टैक्स विभाग को सूचित करेगी. इसके बाद इनकम टैक्स विभाग सत्यापन करेगा. अगर आप कोई संतोषजनक स्पष्टीकरण नहीं दे पाए तो पैसा और सोना जब्त किया जा सकता है.

चेकिंग के समय कैश और ज्वेलरी जब्त होने पर कहां करें शिकायत?
अगर आपका कैश या गोल्ड चेकिंग के दौरान जब्त कर लिया गया है तो घबराए नहीं. इसके लिए जिला-स्तरीय समिति का गठन किया गया, जो आपकी शिकायतों को सुनेगी. समिति में व्यय निगरानी के लिए जिला चुनाव कार्यालय के नोडल अधिकारी और जिला कोषालय अधिकारी शामिल हैं. यह समिति जब्ती के प्रत्येक मामले की स्वत: जांच करेगी. लेकिन कोई एफआईआर/शिकायत दर्ज नहीं की गई है या जब्ती किसी भी उम्मीदवार, राजनीतिक से जुड़ी नहीं है. चुनाव आयोग द्वारा दिए गए एसओपी के अनुसार जब्त की गई किसी भी नकदी को समिति जांच के बाद तुरंत वापस करवा देगी.

क्या जब्त हुआ पैसा पूरा वापस मिल जाता है?
जी बिल्कुल! जब चुनाव आयोग की टीम या पुलिस की टीम चेकिंग करते समय आपका पैसा या गोल्ड जब्त करती है तो बाकायदा पूरी वीडियोग्राफी की जाती है. इसके साथ ही पूरा ब्यौरा दर्ज किया जाता है, जो चुनाव आयोग को भेजा जाता है. इसलिए जब आप पैसे या गोल्ड को अपना बताने के साथ पुख्ता सबूत डिस्ट्रिक कमेटी या कोर्ट में पेश करते हैं तो जब्त की गई पूरी रकम और ज्वेलरी वापस कर दी जाती है.

पांच दिन में एक अरब से अधिक की शराब, कैश ड्रग्स पकड़े गए
बता दें कि उत्तर प्रदेश में 1 मार्च से 5 अप्रैल तक कुल 113.26 करोड़ रुपये कीमत की शराब, ड्रग, बहुमूल्य धातुएं, मुफ्त उपहार और नकदी जब्त की गई है. वहीं, 5 अप्रैल को कुल 158.60 लाख की शराब, ड्रग और नकदी जब्त की गई थी.

इसे भी पढ़ें-दिल्ली में यूपीराज: 15 में से 9 प्रधानमंत्री यहीं से, 54 साल शासन; सबसे कम 13 दिन का कार्यकाल

चुनाव के समय कितना कैश और सोना लेकर चल सकते हैं?
आचार संहिता लागू होने के बाद कोई भी आम नागरिक बिना किसी दस्तावेज के अपने साथ 49 हजार रुपये ले जा सकता है. लेकिन 49 हजार रुपये से अधिक कैश ले जाने पर हिसाब देना होगा. यदि हिसाब नहीं दे पाए तो मान लिया जाएगा ये रकम चुनाव में इस्तेमाल के लिए ले जाई जा रही है और जब्त कर लिया जाएगा. इसी तरह बिना डाक्युमेंट के सोना या कोई भी आभूषण 50 हजार की कीमत का अपने साथ कहीं भी ले जा सकते हैं. इसी तरह 10 हजार रुपये का ही गिफ्ट साथ लेकर चल सकते हैं.

कितना कैश, सोना और गिफ्ट रखने पर डाक्युमेंट है जरूरी?
चुनाव के समय अपने आप 49 हजार रुपये से अधिक पैसे अपने साथ लेकर कहीं जा रहे हैं तो पकड़े जाने पर डाक्युमेंट दिखाने पड़ेंगे. जिस बैंक या एटीएम से निकाला है, उसकी पर्ची रखें. इसके अलावा पैसों का सोर्स, पहचान पत्र के साथ पैसे कहां खर्च किया जाना है, ये डाक्युमेंट साथ होना चाहिए. इसी तरह एक तोला या 50 हजार मूल्य से अधिक का सोना साथ लेकर कहीं जा रहे हैं तो इसके लिए पुख्ता सबूत होने चाहिए, नहीं तो पकड़ने जाने पर जब्त कर लिया जाएगा. इसके अलावा कानूनी प्रक्रिया से भी गुजरना पड़ेगा.

10 लाख से अधिक कैश ले जाने के लिए क्या हैं नियम?

आचार संहिता के दौरान बहुत जरूरी काम के लिए आप 10 लाख रुपये भी ले जा सकते हैं. जैसे अगर आप शादी या अस्पताल के लिए 10 लाख रुपये लेकर जा रहे हैं, तो उससे सबंधित डाक्यूमेंट अपने पास रखें. जैसे अस्पताल का बिल या शादी कार्ड. जिसे दिखाने पर सर्विलांस टीम या पुलिस आपको ले जाने देगी. लेकिन इनकम टैक्स विभाग को सूचना जरूर दे देगी.

चुनाव के समय जब्त नकदी या ज्वेलरी कैसे मिलेगा?

आचार संहिता के दौरान पैसे पकड़े जाने पर कोई दस्तावेज नहीं दिखाने पर सर्विलांस और स्टैटिक्स टीम पैसे सीज कर लेती है. चुनाव खत्म होने के बाद भी पर्याप्त सबूत देने के बाद ही पैसे लैटाए जाते हैं. लेकिन नकद 10 लाख से अधिक का है तो आयकर विभाग जांच करेगा. आयकर विभाग की जांच और सत्यापन क उसके बाद पैसे लौटाए जाएंगे.

कैश और गोल्ड बरामदगी के बाद क्या होता है?
चुनाव के दौरान पैसे, आभूषण और महंगे गिफ्ट बरामद होने के बाद पहले इलेक्शन कमीशन की टीम पूछताछ करती है. इसके बाद इनकम टैक्स डिपार्टमेंट जांच करने के साथ पूछता करता है. पूछताछ और जांच में अगर पता चल जाता है कि कैश या गोल्ड मतदाताओं को लुभाने के लिए ले जा जाया रहा था तो संबंधित व्यक्ति के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई जाती है. इसके बाद कोर्ट में केस चलता है. यदि कोर्ट में पैसे के लीगल सोर्स और चुनाव से कोई संबंध नहीं था तो, पैसे और आभूषण वापस कर दिए जाते हैं.

फ्लाइट से कितना कैश और सोना लेकर कर सकते हैं यात्रा?
चुनाव आयोग के निर्देशों के अनुसार आप 10 लाख कैश और लगभग एक किलो सोना-चांदी लेकर फ्लाइट, ट्रेन और बस में सफर कर सकते हैं. हवाई अड्डों पर सीआईएसएफ या पुलिस अधिकारी चेकिंग के दौरान 10 लाख रुपये से अधिक की नकदी या 1 किलो से अधिक सोना पाते हैं तो तुरंत इनकम टैक्स विभाग को सूचित करेंगे. इसी तरह रेलवे स्टेशन पर जीआरपी 10 लाख कैश और 1 किलो सोना-चांदी बरामद करती है तो वह इनकम टैक्स विभाग को सूचित करेगी. इसके बाद इनकम टैक्स विभाग सत्यापन करेगा. अगर आप कोई संतोषजनक स्पष्टीकरण नहीं दे पाए तो पैसा और सोना जब्त किया जा सकता है.

चेकिंग के समय कैश और ज्वेलरी जब्त होने पर कहां करें शिकायत?
अगर आपका कैश या गोल्ड चेकिंग के दौरान जब्त कर लिया गया है तो घबराए नहीं. इसके लिए जिला-स्तरीय समिति का गठन किया गया, जो आपकी शिकायतों को सुनेगी. समिति में व्यय निगरानी के लिए जिला चुनाव कार्यालय के नोडल अधिकारी और जिला कोषालय अधिकारी शामिल हैं. यह समिति जब्ती के प्रत्येक मामले की स्वत: जांच करेगी. लेकिन कोई एफआईआर/शिकायत दर्ज नहीं की गई है या जब्ती किसी भी उम्मीदवार, राजनीतिक से जुड़ी नहीं है. चुनाव आयोग द्वारा दिए गए एसओपी के अनुसार जब्त की गई किसी भी नकदी को समिति जांच के बाद तुरंत वापस करवा देगी.

क्या जब्त हुआ पैसा पूरा वापस मिल जाता है?
जी बिल्कुल! जब चुनाव आयोग की टीम या पुलिस की टीम चेकिंग करते समय आपका पैसा या गोल्ड जब्त करती है तो बाकायदा पूरी वीडियोग्राफी की जाती है. इसके साथ ही पूरा ब्यौरा दर्ज किया जाता है, जो चुनाव आयोग को भेजा जाता है. इसलिए जब आप पैसे या गोल्ड को अपना बताने के साथ पुख्ता सबूत डिस्ट्रिक कमेटी या कोर्ट में पेश करते हैं तो जब्त की गई पूरी रकम और ज्वेलरी वापस कर दी जाती है.

पांच दिन में एक अरब से अधिक की शराब, कैश ड्रग्स पकड़े गए
बता दें कि उत्तर प्रदेश में 1 मार्च से 5 अप्रैल तक कुल 113.26 करोड़ रुपये कीमत की शराब, ड्रग, बहुमूल्य धातुएं, मुफ्त उपहार और नकदी जब्त की गई है. वहीं, 5 अप्रैल को कुल 158.60 लाख की शराब, ड्रग और नकदी जब्त की गई थी.

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Last Updated : Apr 6, 2024, 8:36 PM IST
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