एर्नाकुलम: केरल के कोच्चि में एक प्रसिद्ध एआई स्टार्ट-अप कंपनी का मुख्य तकनीकी अधिकारी व्यट्टिला का रहने वाला एक 15 वर्षीय लड़का है. यह युवा तकनीकी प्रतिभा अपनी स्टार्ट-अप कंपनी, उरव एडवांस्ड लर्निंग सिस्टम प्राइवेट लिमिटेड द्वारा संचालित आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, ऑगमेंटेड रियलिटी, वर्चुअल रियलिटी और गेम डेवलपमेंट सर्टिफिकेट कोर्स भी पढ़ाता है.
यूनिटी 3डी गेम डेवलपमेंट और एडवांस्ड पायथन कोडिंग में उसके सर्टिफिकेट कोर्स में कई बच्चे भाग ले रहे हैं. इस युवा सीटीओ का नाम उदय शंकर है, जो मूल रूप से थम्मनम का रहने वाला है. उदय ने विज्ञान और प्रौद्योगिकी में गहरी रुचि के कारण 8वीं कक्षा में ही अपनी पढ़ाई छोड़ दी. स्कूल छोड़ने के बावजूद उदय शंकर चार साल से कंपनी के सीटीओ हैं.
यह युवा प्रतिभा किसी आम व्यक्ति से बहुत अलग है. उसके नाम पर तीन पेटेंट हैं और उसने अब तक चार शोध पत्र प्रस्तुत किए हैं. उसने सात ऐप, नौ कंप्यूटर प्रोग्राम और लगभग 15 गेम विकसित किए हैं. उदय शंकर को कई पुरस्कार भी मिल चुके हैं, जिनमें डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम इग्नाइटेड माइंड चिल्ड्रन क्रिएटिविटी एंड इनोवेशन अवार्ड 2023 भी शामिल है.
उदय शंकर खुद बताते हैं कि कैसे 8वीं कक्षा में स्कूल छोड़ने वाले एक बच्चे ने यह सब हासिल किया. उदय शंकर ने कक्षा 8 में ही पढ़ाई छोड़ दी और बाद में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की संभावनाओं को तलाशने लगा. यह प्रतिभाशाली युवा पहले ही एआई तकनीक का उपयोग करके एक दर्जन से अधिक एप्लिकेशन बना चुका है. उदय ने ओपन स्कूल से अपनी शिक्षा पूरी की और 10वीं कक्षा के बाद आगे की पढ़ाई करने की उम्मीद कर रहे हैं.
उदय के ऐप डेवलपमेंट के सफर के पीछे एक दिलचस्प कहानी है. एक दिन जब उदय ने पलक्कड़ में अपनी दादी को फोन किया, तो वह उनसे संपर्क नहीं कर पाया. इससे उन्हें अपनी दादी का AI वर्जन बनाने का विचार आया. कुछ समय बाद उसने फोन के लिए 'हाय फ्रेंड्स' नाम का ऐप बनाया. उदय शंकर बताते हैं कि आप किसी की फोटो ले सकते हैं, उसका अवतार बना सकते हैं और उससे किसी भी भाषा में बात कर सकते हैं.
इस आविष्कार के परिणामस्वरूप एक KIOSK का निर्माण हुआ जो हमारी भाषा में ही जवाब देता है. उदय शंकर ने दर्शाया कि इस AI-संचालित प्रणाली का उपयोग मेट्रो और ट्रेनों में किया जा सकता है, जहां लोग अलग-अलग भाषाएं बोलते हैं. मल्टीटॉक अवतार AI सुइट को उदय ने AI के बारे में सभी उपलब्ध जानकारी का अध्ययन करके विकसित किया है.
वर्तमान में, इस 15 वर्षीय युवा द्वारा विकसित कई AI ऐप परीक्षण चरण में हैं, और कुछ ऐप पहले ही बेचे जा चुके हैं, जिससे आय हो रही है. उदय शंकर ने मैसाचुसेट्स इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी और आईआईटी कानपुर से सर्टिफिकेट कोर्स पूरा किया है. उसके पिता डॉ. रवि कुमार और मां श्रीकुमारी उनकी प्रतिभा की सराहना करते हैं. उदय ने पहली बार रोबोटिक्स के बारे में तब सीखा जब वह चौथी कक्षा में था और फिर ऑनलाइन पायथन प्रोग्रामिंग सीखी.
उदय ने चार साल पहले अपना स्टार्टअप उरव शुरू किया था. उदय द्वारा विकसित 'क्लीन अलका' ऐप डाउनलोड करके, उपयोगकर्ता किसी की भी छवि बना सकते हैं और एआई टॉक बॉट से बात कर सकते हैं. उसने 'भाषिणी' ऐप के लिए पेटेंट भी प्राप्त किया है, जो विभिन्न भाषाओं को संभाल सकता है. उदय एक ऐप की सेवा प्रदान कर रहा है, जो दृष्टिबाधित लोगों को मुफ्त में सार्वजनिक स्थानों का उपयोग करने में मदद करता है.