रायपुर : आज के मॉडर्न युग में लड़का और लड़की में कोई फर्क नहीं करता.कई परिवारों में बेटियां बेटों का फर्ज अदा कर रही हैं. ऐसे परिवारों को बेटे से ज्यादा अपनी बेटियों पर भरोसा है.लेकिन कुछ एक अपवाद बेटियां ऐसी भी हैं जिन्हें परिवार और अपने स्वास्थ्य से ज्यादा अपनी आजादी प्यारी है.परिवार ने समाज में आजाद उड़ने के लिए भरोसा करके छोड़ा लेकिन ये बेटियां आजाद हवा में खुद को नशे की गिरफ्त में सौंप चुकी हैं. बड़े शहरों में लड़कियों का रात में लड़कों के साथ पब पार्टी करना आम बात हो चला है. दारु की ग्लास हाथ में लिए डीजे की धुन में थिरकना और फिर अपने गम को धुएं के छल्ले में उड़ाना मानो फैशन है.और हो भी क्यों ना मां बाप ने पढ़ाया लिखाया और खुद के पैरों पर खड़ा होना सिखाया.तो फिर है किसी की मजाल जो इनकी आजादी को लेकर कुछ बोल दे.लेकिन ये बेटियां ये भूल जाती हैं,इन्हें कुदरत ने प्रकृति की वो ताकत बख्शी है जो कोई दूसरा इंसान नहीं कर सकता है.ये ताकत है नया जीवन इस संसार में लाने की. जिसके लिए इनका स्वस्थ्य होना जरुरी है.लेकिन नशे के दलदल में खुद को डुबोकर ये ना सिर्फ खुद को बल्कि आने वाले कल को भी बर्बाद कर रही है.
प्रेग्नेंसी में नशा हो सकता है घातक : हम ये सब इसलिए कह रहे हैं क्योंकि महिलाएं भी धूम्रपान करने लगी हैं. बदलते लाइफस्टाइल और अपने आप को पुरुषों के बराबर दिखाने की कोशिश में महिलाएं नशाखोर बनती जा रहीं हैं. महिलाओं के लिए सिगरेट और तंबाकू का नशा घातक साबित हो सकता है. खासकर प्रेगनेंसी के दौरान महिला समेत उसके होने वाले बच्चे पर भी इसका बुरा असर पड़ता है,सिगरेट तंबाकू के सेवन से पैदा होने वाले बच्चे पर कई तरह के साइड इफेक्ट भी देखने को मिलते हैं. ऐसे में प्रेगनेंसी के दौरान उन्हें किस तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है इन परेशानियों से कैसे बचा जा सकता है इसके क्या उपाय हैं.आइये जानते हैं.
बच्चा होता है कमजोर : महिलाओं के नशा करने के मामले में स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉक्टर रेशु केजरीवाल का कहना है कि प्रेगनेंसी के दौरान यदि कोई महिला सिगरेट पीती है या फिर किसी भी रूप में तंबाकू का सेवन करती है, तो महिला कमजोर हो जाती है.महिलाओं में खून की कमी हो जाती है. होने वाले बच्चों में खून की कमी होती है. बच्चा कमजोर होता है. बच्चे का मानसिक विकास पूरा नहीं होता है.। इसकी वजह से महिला और बच्चा दोनों में डिलीवरी के पहले या डिलीवरी के दौरान खतरा हो सकता है.
सिगरेट से क्या होती है परेशानी ? : डॉ रेशु केजरीवाल की माने तो जो महिला क्रॉनिक स्मोकर होती है, चैन स्मोकर होती है, बीड़ी सिगरेट पीती है, उनकी बॉडी में हमेशा कार्बन मोनोऑक्साइड की मात्रा ज्यादा पाई जाती है. इसकी वजह से बच्चों में साइड इफेक्ट होने का या फिर बच्चों में फिजिकल डिफेक्ट होने के चांसेस काफी ज्यादा हो जाते हैं. सिगरेट और तंबाकू की लत छुड़ाने के लिए निकोटीन च्यूंगम आते हैं, उसका सेवन किया जा सकता है. या फिर सौफ वाली चीजों का सेवन करके धीरे-धीरे आदत को छोड़ना ही अच्छा होता है.
''आजकल ज्यादातर महिलाएं पहले से प्रेगनेंसी का प्लान करती हैं. ऐसे में यदि आप 4-6 महीने बाद प्रेगनेंसी का प्लान बना रही हैं ,तो उस दौरान आपको स्मोकिंग की आदत भी छोड़नी होगी. यह धीरे-धीरे होगा, साथ ही गुटके तंबाकू की आदत को भी छोड़ना होगा. यह आपको प्रेगनेंसी प्लान के दौरान करना होगा.इससे जच्चा और बच्चा दोनों स्वस्थ रहेंगे.'' डॉ रेशु केजरीवाल, स्त्री रोग विशेषज्ञ
नशा नाश का कारण है.ये सभी जानते हैं,लेकिन इससे कोई बच नहीं पाता.नशा करना और नशे में होकर कदम लड़खड़ाने में महिलाएं भी किसी से कम नहीं हैं.समाज बदल रहा है,समाज की जरुरतें भी बदल रही है.लेकिन हमें अपने समाज की बदलती जरुरतों में खुद को इतना नहीं बदलना चाहिए,जिससे खुद का जीना मुहाल हो जाए.वक्त रहते यदि हम गंदी आदतों को छोड़ तो आने वाला कल हसीन हो सकता है.नहीं तो आप अपनी जिंदगी को नर्क करने के लिए खुद ही जिम्मेदार हैं.