रांची: नीट प्रश्न पत्र लीक मामले में सीबीआई इसकी मिस्ट्री इन दिनों तलाश कर रही है. हजारीबाग इसका केंद्र बिंदु बनता जा रहा है. सीबीआई 25 से 28 जून तक प्रश्न पत्र लीक मामले की कड़ी को हजारीबाग में खंगालती रही. अंततः अहम सबूत के साथ तीन लोग जिसमें ओएसिस स्कूल के प्रिंसिपल एहसान उल हक, वाइस प्रिंसिपल इम्तियाज आलम और जमालुद्दीन को अपने साथ पटना ले गई. देखिए किस तरह सीबीआई ने हजारीबाग में कार्रवाई की है.
हजारीबाग में सीबीआई ने पहली बार इस मामले को लेकर 25 जून को दस्तक दी. उस दिन सीबीआई की किसी भी तरह की हरकत प्रकाश में नहीं आई. बड़े ही गोपनीय तरीके से कई जगहों पर सीबीआई जांच करती रही. जिसमें नूतन नगर स्थित ब्लू डार्ट कूरियर सर्विस, एसबीआई बैंक और ओएसिस स्कूल मुख्य रहा.
26 जून 2024
26 जून को हजारीबाग में आग की तरह यह बात फैल गई. आलम यह रहा कि दिल्ली, रांची के लगभग सभी मीडिया इसे कवर करने हजारीबाग पहुंच गई. 26 जून को सुबह 9:00 के आसपास इस प्रकरण के मुख्य आरोपी ओएसिस स्कूल के प्राचार्य सह नीट के डिस्ट्रिक्ट कोऑर्डिनेटर एहसान उल हक के घर सीबीआई पहुंची. इसके बाद उन्हें 11:00 बजे के आसपास उनके स्कूल ले आई.
जहां उनसे घंटों पूछताछ की गई. इसी बीच सीबीआई की दूसरी टीम एसबीआई बैंक दो बार और ब्लू डार्ट कूरियर सर्विस में जाकर जांच पड़ताल की. शाम के 5:45 बजे के आसपास स्कूल के प्राचार्य को लेकर सीबीआई की टीम निकल गई. सीबीआई की टीम चरही गेस्ट हाउस में उन्हें ले आई. जहां रात भर उनसे पूछताछ की गई. इसी बीच दो स्कूल के सदस्य को सीबीआई ने बांड भरवाकर छोड़ भी दिया. 26 जून को ही उस ई रिक्शा चालक से पूछताछ की गई थी. जिसने प्रश्न पत्र कूरियर से बैंक पहुंचाया था. पूछताछ के बाद उसे छोड़ दिया गया.
27 जून 2024
27 जून को सीबीआई की टीम ने उन्हें चरही गेस्ट हाउस से 10:40 में स्कूल ले आई. जहां उनसे 1:00 बजे तक पूछताछ की गई और स्कूल में विभिन्न जानकारियां इकट्ठी की गई. 1:00 बजे के बाद से लेकर रात भर कई लोगों को चरही गेस्ट हाउस लाया गया. अकेले-अकेले अलग-अलग कमरे में सीबीआई ने पूछताछ की. 27 जून को ही यह बताया गया कि सभी से पूछताछ करने के बाद राउंड टेबल फिर से आमने-सामने बिठाकर पूछताछ की गई.
पूछताछ की कड़ी लंबी होती चली गई और रात भर सीबीआई के पदाधिकारी एक के बाद एक जानकारी इकट्ठा करते चले गए. शाम के 5:30 बजे सीबीआई की तीन गाड़ी गेस्ट हाउस से निकली. जो रात के 11:45 में वापस लौटी. इसी दौरान रात के 10:30 में यह अफवाह फैल गई की सीबीआई की टीम स्कूल के प्रिंसिपल एहसान उल हक और अन्य लोगों को लेकर मेडिकल कॉलेज अस्पताल जांच के लिए ला रही है लेकिन रात के 11:30 बजे तक वहां कोई नहीं पहुंचा.
28 जून को सीबीआई 11:00 बजे के आसपास चरही गेस्ट हाउस से स्कूल के प्रिंसिपल को लेकर रामगढ़ की ओर निकल गई. लेकिन रामगढ़ के ठीक पहले से गाड़ी वापस घूम गई. वह गाड़ी फिर से यही से चरही गेस्ट हाउस पहुंच गई. ऐसे में आखिर यह क्यों हुआ यह कौतूहल का विषय बना रहा. इस दौरान सीबीआई की गाड़ी कई बार गेस्ट हाउस से बाहर निकली और वापस एक दो घंटे में लौट आई.
तकरीबन शाम 4:30 में सीबीआई की टीम तीन लोगों को लेकर हजारीबाग से निकल गई जिसमें ओएसिस स्कूल के प्रिंसिपल एहसान उल हक, वाइस प्रिंसिपल इम्तियाज आलम और जमालुद्दीन शामिल हैं. इसी दौरान सीबीआई ने एक दैनिक अखबार के ब्यूरो चीफ को भी इस मामले में पूछताछ के लिए सीसीएल गेस्ट बुला लिया. उन्हीं का अपना भाई है जमालुद्दीन.
हजारीबाग में सीबीआई ने 12 लोगों से पूछताछ की है. जिसमें सभी पांच सेंटर के सेंटर सुपरिटेंडेंट, दो इनविजिलेटर, एक टोटो ड्राइवर, प्रिंसिपल, वाइस प्रिंसिपल और दो पत्रकार शामिल हैं. वहीं 6 स्पॉट पर जाकर सीबीआई की टीम ने जांच की है. जिसमें ब्लू डार्ट कूरियर सर्विस के संचालक, दो मजदूर, दो शिक्षक शामिल हैं.
इसके पहले 23 जून को बिहार की आर्थिक अपराध इकाई की टीम ने हजारीबाग आकर इस मामले की जांच की थी. जिसमें कई लोगों से पूछताछ की गई थी. 24 जून को ओएसिस स्कूल के प्रिंसिपल ने प्रेस वार्ता कर बताया था कि प्रश्न पत्र लाने में अनियमितता बरती गई. नियम को ताक पर रख कर काम किया गया. साथ ही उन्होंने बताया था कि एक पैकेट से छेड़छाड़ किया गया है. जिससे प्रतीत होता है कि क्वेश्चन पेपर लीक इस एनवेलप से हुआ है. उन्होंने इस दौरान बैंक के कार्य प्रणाली और ट्रांसपोर्टेशन पर भी सवाल खड़ा किया था. इसके बाद से ही सीबीआई ने उनके ऊपर दबिश बनाई थी.
अभी भी हजारीबाग में इस बात को लेकर चर्चा है कि किस आधार पर तीन लोगों को सीबीआई अपने साथ पटना ले गई. उनकी संलिप्तता कहां है. इस सवाल का जवाब अब तक किसी के पास नहीं है तो दूसरी ओर जिनकी गिरफ्तारी हुई है उनके परिवार भी चकित हैं.
यहां यह सवाल खड़ा हो रहा है कि आखिर बिहार की आर्थिक अपराध इकाई की टीम के बाद सीबीआई हजारीबाग क्यों पहुंची. दरअसल पटना में एक अर्ध जला प्रश्न पत्र मिला था. उसका बुकलेट नंबर हजारीबाग के ओएसिस स्कूल के सेंटर से मैच कर गया. इसके बाद से ही जांच का दायरा बढ़ता हुआ हजारीबाग पहुंचा है.
बिहार पुलिस ने गिरफ्तार किये गए अभ्यर्थियों के घर से जले हुए कागजात बरामद किए थे, जिनमें परीक्षा के प्रश्न पत्र की फोटोकॉपी भी थी. बिहार की आर्थिक अपराध इकाई ने इन जले हुए कागजातों का मिलान NTA की ओर से उपलब्ध कराए गए मूल प्रश्न पत्र से किया. जांच में पाया गया कि जले हुए कागजातों में 68 प्रश्न मूल प्रश्न पत्र से हूबहू मेल खाते हैं. इतना ही नहीं प्रश्नों के क्रमांक भी मूल प्रश्न पत्र से मेल खाते हैं. वह प्रश्न पत्र हजारीबाग के ओएसिस स्कूल से मैच कर गया था.
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