सिरसा: राजस्थान के बीकानेर में दर्दनाक हादसा हो गया. हादसे में एक ही परिवार के 6 लोगों की मौत की खबर है. खबर है कि ट्रक और कार की टक्कर से भीषण हादसा हुआ है. सभी मृतक एक ही कार में सवार थे और ये सिरसा डबवाली के रहने वाले बताए जा रहे हैं. ये सभी लोग राजस्थान के सालासर धाम जा रहे थे. इस दुखद खबर से पूरे एरिया में मातम पसरा हुआ है.
सालासर धाम जा रहा था परिवार: मिली जानकारी के मुताबिक, पीड़ित परिवार सिरसा में डबवाली के रहने वाले हैं. गुरुवार शाम सात बजे माता-पिता, दो भाई और दो बहनें कार में सवार होकर सालासर के लिए रवाना हुए थे. वहीं, रात्रि दस बजे के करीब दस बजे राजस्थान के महाजन थाना पुलिस के जैतपुर टोल प्लाजा के पास भारतमाला सड़क पर कार के दुर्घटनाग्रस्त होने की जानकारी मिली थी.
परिवार के 6 लोगों की मौत: कार सवार 6 लोगों में से पांच की घटनास्थल पर ही मौत हो गई थी. जबकि एक बच्ची को पल्लू अस्पताल ले जाया गया. जहां उसने भी दम तोड़ दिया. हादसे में कार के भी परखच्चे उड़ गए. कार सवार परिवार का मुखिया शिव कुमार (55) ई-रिक्शा चलाता था. जबकि मृत महिला आरती (50) लोगों के घरों में साफ-सफाई का काम करती थी. मृतक नीरज कुमार (23) जो कि देवीलाल पार्क के सामने मेडिकल स्टोर चलाने का काम करता था. जबकि मृतक शिव कुमार की बेटी सुनैना (24) बठिंडा में प्राइवेट नौकरी करती थी.
पिछले 40 सालों से डबवाली में रह रहा था परिवार: वहीं, मृत भूमि (17) डबवाली में 12वीं की पढ़ाई कर रही थी. मृतक डुग्गू (12) 5वीं क्लास में पढ़ता था. नीरज गुप्ता उत्तर प्रदेश के गोंडा जिले के गांव नवाबगंज का रहने वाला था जो कि डबवाली में पिछले 40 सालों से रह रहा था. जिसने किलियांवाली एरिया के डिस्पोजल कॉलोनी में अपना मकान बना रखा था. जिस मकान में नीरज गुप्ता रह रहा था. इसमें उसका बड़ा भाई अनिल गुप्ता भी संयुक्त परिवार के रूप में रह रहा था. करीब एक साल पहले अनिल गुप्ता की हादसे में मौत हो गई थी. उसके बाद परिवार को चलाने का काम नीरज गुप्ता के कंधों पर था. नीरज अभी अविवाहित था. भाई की मौत के बाद उसके चार बच्चों का पालन पोषण भी नीरज ही करता था.
इसलिए जा रहे थे सालासर: दरअसल, ड्रग्स टीम ने नीरज गुप्ता की मेडिकल स्टोर पर मंगलवार को रेड़ की थी. छापेमारी में 1032 टैबलेट गाबा पेंटीन व 860 कैप्सूल गाबा पेंटिंन मिलने पर नीरज खरीद बिक्री का कोई रिकॉर्ड टीम के सामने पेश नहीं कर पाया. इसके बाद ड्रग इंस्पेक्टर सुनील कुमार ने मेडिकल स्टोर को सील कर दिया था. मेडिकल स्टोर सील होने के बाद ही परिवार ने सालासर धाम जाने की योजना बनाई थी.