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उम्मीद है 18वीं लोकसभा में कोई व्यवधान नहीं होगा: लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला - Lok Sabha Speaker

ओम बिरला को दूसरी बार लोकसभा का अध्यक्ष चुना गया है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा पेश प्रस्ताव को ध्वनिमत से पारित किये जाने के बाद बुधवार को बिड़ला को लोकसभा अध्यक्ष चुना गया. उनके चुनाव के बाद स्पीकर की कुर्सी पर बैठने के बाद उन्होंने कई टिप्पणियां की.

Om Birla became the Speaker of Lok Sabha
लोकसभा अध्यक्ष बने ओम बिरला (फोटो - ANI Photo)
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By PTI

Published : Jun 26, 2024, 2:21 PM IST

Updated : Jun 26, 2024, 2:45 PM IST

नई दिल्ली: लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने बुधवार को उम्मीद जताई कि सदन में आलोचना और असहमति होगी, लेकिन कोई व्यवधान नहीं होगा. लगातार दूसरी बार लोकसभा अध्यक्ष चुने जाने पर सदन को धन्यवाद देते हुए बिरला ने कहा कि वह संसदीय परंपराओं के उच्च मानकों को बनाए रखने के लिए काम करेंगे.

बिरला ने कहा कि 'सदन को सत्ता पक्ष और विपक्ष मिलकर चलाते हैं, भारतीय लोकतंत्र की ताकत सबकी बात सुनने और सबकी सहमति से सदन चलाने में है. मैं उम्मीद करूंगा कि मैं सबकी सहमति से सदन चलाऊं. अगर किसी पार्टी का एक भी सदस्य हो तो उसे पर्याप्त समय मिलना चाहिए.'

बिरला ने कहा कि 'मेरी अपेक्षा है कि सदन बिना किसी बाधा के चले. हमें लोगों ने उम्मीद के साथ चुना है, इसलिए मैं आग्रह करता हूं कि सदन में व्यवधान नहीं होना चाहिए. आलोचना हो सकती है, लेकिन व्यवधान डालना सदन की परंपरा नहीं है. वेल में भागना संसद की परंपरा नहीं है.'

उन्होंने कहा कि 'मैं कभी किसी सदस्य के खिलाफ कार्रवाई नहीं करना चाहता, लेकिन हर कोई चाहता है कि संसदीय परंपरा का उच्च मानक कायम रहे. इसके लिए मुझे कई बार कठोर निर्णय लेने पड़ते हैं.' सहमति और असहमति को सदन की परंपरा का हिस्सा बताते हुए उन्होंने उम्मीद जताई कि विपक्ष रचनात्मक सुझाव देगा और सरकार उन सुझावों को शामिल करेगी.

उन्होंने कहा कि 'मैं सभी से आग्रह करता हूं कि 18वीं लोकसभा में संविधान के महान निर्माताओं को याद करते हुए हमें ऐसी नीतियां और कानून बनाने चाहिए, जिनसे समाज के वंचित वर्गों को मदद मिले.' उन्होंने लोकसभा में पहली बार चुनकर आए 281 सांसदों का भी स्वागत किया और कहा कि उन्हें अपने वरिष्ठों से संसदीय परंपराओं और प्रथाओं के बारे में सीखना चाहिए.

नई दिल्ली: लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने बुधवार को उम्मीद जताई कि सदन में आलोचना और असहमति होगी, लेकिन कोई व्यवधान नहीं होगा. लगातार दूसरी बार लोकसभा अध्यक्ष चुने जाने पर सदन को धन्यवाद देते हुए बिरला ने कहा कि वह संसदीय परंपराओं के उच्च मानकों को बनाए रखने के लिए काम करेंगे.

बिरला ने कहा कि 'सदन को सत्ता पक्ष और विपक्ष मिलकर चलाते हैं, भारतीय लोकतंत्र की ताकत सबकी बात सुनने और सबकी सहमति से सदन चलाने में है. मैं उम्मीद करूंगा कि मैं सबकी सहमति से सदन चलाऊं. अगर किसी पार्टी का एक भी सदस्य हो तो उसे पर्याप्त समय मिलना चाहिए.'

बिरला ने कहा कि 'मेरी अपेक्षा है कि सदन बिना किसी बाधा के चले. हमें लोगों ने उम्मीद के साथ चुना है, इसलिए मैं आग्रह करता हूं कि सदन में व्यवधान नहीं होना चाहिए. आलोचना हो सकती है, लेकिन व्यवधान डालना सदन की परंपरा नहीं है. वेल में भागना संसद की परंपरा नहीं है.'

उन्होंने कहा कि 'मैं कभी किसी सदस्य के खिलाफ कार्रवाई नहीं करना चाहता, लेकिन हर कोई चाहता है कि संसदीय परंपरा का उच्च मानक कायम रहे. इसके लिए मुझे कई बार कठोर निर्णय लेने पड़ते हैं.' सहमति और असहमति को सदन की परंपरा का हिस्सा बताते हुए उन्होंने उम्मीद जताई कि विपक्ष रचनात्मक सुझाव देगा और सरकार उन सुझावों को शामिल करेगी.

उन्होंने कहा कि 'मैं सभी से आग्रह करता हूं कि 18वीं लोकसभा में संविधान के महान निर्माताओं को याद करते हुए हमें ऐसी नीतियां और कानून बनाने चाहिए, जिनसे समाज के वंचित वर्गों को मदद मिले.' उन्होंने लोकसभा में पहली बार चुनकर आए 281 सांसदों का भी स्वागत किया और कहा कि उन्हें अपने वरिष्ठों से संसदीय परंपराओं और प्रथाओं के बारे में सीखना चाहिए.

Last Updated : Jun 26, 2024, 2:45 PM IST
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