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आतंक के प्रति जीरो टॉलरेंस, राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए  उठाये गए कई कदम - ZERO TOLERANCE APPROACH

गृह मंत्रालय की 2024 की वर्षांत समीक्षा में हिज्ब-उत-तहरीर को यूएपीए के तहत आतंकवादी समूह घोषित किया गया.

ZERO TOLERANCE APPROACH
प्रतीकात्मक तस्वीर. (ETV Bharat)
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By ETV Bharat Hindi Team

Published : Dec 31, 2024, 8:00 AM IST

Updated : Dec 31, 2024, 9:20 AM IST

नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आतंक मुक्त भारत बनाने के उद्देश्य को दोहराते हुए गृह मंत्रालय (एमएचए) ने सोमवार को कहा कि गृह मंत्री अमित शाह के नेतृत्व में देश आतंक के प्रति शून्य सहनशीलता के दृष्टिकोण के साथ इस लक्ष्य को प्राप्त करने की ओर बढ़ रहा है.

गृह मंत्रालय ने 2024 की अपनी वर्षांत समीक्षा में कहा कि गृह मंत्रालय ने हिज्ब-उत-तहरीर को यूएपीए के तहत एक आतंकवादी संगठन घोषित किया. इसके साथ ही गोल्डी बरार और कासिम गुज्जर को आतंकवादी घोषित किया गया. नौ संगठनों को गैरकानूनी संगठन घोषित किया गया है.

इसमें आगे कहा गया है कि इस लक्ष्य की ओर एक और महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए, इलेक्ट्रॉनिक्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड, परमाणु ऊर्जा विभाग और डीआरडीओ द्वारा स्वदेशी रूप से निर्मित विस्फोटक डिटेक्टरों की दो अलग-अलग श्रेणियों को भारत सरकार के सुरक्षा बलों के लिए प्रधान वैज्ञानिक सलाहकार प्रोफेसर अजय कुमार द्वारा आईबी के निदेशक तपन डेका को सौंपा गया.

मंत्रालय ने कहा कि स्वदेशी रूप से विकसित डिटेक्टरों को आईबी द्वारा फील्ड तैनाती के लिए 12 चिन्हित सुरक्षा एजेंसियों को सौंपा जाना है. मंत्रालय की ओर से कहा गया कि गृह मंत्री शाह ने देश में सुरक्षा चुनौतियों से निपटने के लिए जिम्मेदार आईबी के मल्टी-एजेंसी सेंटर (एमएसी) के कामकाज की समीक्षा के लिए नई दिल्ली में सुरक्षा और कानून प्रवर्तन एजेंसियों के विभिन्न प्रमुखों के साथ एक उच्च स्तरीय बैठक की अध्यक्षता की.

गृह मंत्रालय ने कहा कि एमएसी ढांचे को इसकी पहुंच और प्रभावकारिता बढ़ाने के लिए एक बड़े तकनीकी और परिचालन सुधार से गुजरना होगा. गृह मंत्री ने देश के उभरते सुरक्षा खतरे के परिदृश्य से निपटने के लिए आतंकी नेटवर्क और उनके सहायक पारिस्थितिकी तंत्र को खत्म करने के लिए सभी एजेंसियों के बीच अधिक तालमेल पर जोर दिया.

गृह मंत्रालय ने कहा कि केंद्रीय गृह मंत्री ने बड़े डेटा और एआई/एमएल-संचालित विश्लेषण और तकनीकी प्रगति का उपयोग करके आतंकी पारिस्थितिकी तंत्र को खत्म करने के लिए राष्ट्रीय सुरक्षा में शामिल सभी एजेंसियों से युवा, तकनीकी रूप से कुशल और भावुक अधिकारियों की एक टीम गठित करने पर भी जोर दिया.

राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) के डिजिटल आपराधिक मामला प्रबंधन प्रणाली (सीसीएमएस) प्लेटफॉर्म का जिक्र करते हुए, गृह मंत्रालय ने कहा कि नव विकसित सीसीएमएस आतंकवाद और संगठित अपराध के मामलों के खिलाफ एनआईए को मजबूत करेगा. गृह मंत्रालय ने कहा कि सीसीएमएस एनआईए के कामकाज में समन्वय में सुधार करेगा, जिससे न्याय प्रणाली में सुधार होगा.

यह कहते हुए कि गृह मंत्रालय जल्द ही आतंकवाद के पूरे 'पारिस्थितिकी तंत्र' से लड़ने के लिए एक राष्ट्रीय आतंकवाद विरोधी नीति और रणनीति तैयार करेगा, गृह मंत्रालय ने कहा कि सरकार आतंकवाद के खिलाफ एक मजबूत पारिस्थितिकी तंत्र बनाने और इसे खत्म करने के लिए प्रतिबद्ध है.

आतंकवाद के वित्तपोषण को रोकने के लिए 25-सूत्रीय एकीकृत योजना बनाई गई; जिहादी आतंकवाद से लेकर पूर्वोत्तर में उग्रवाद, वामपंथी उग्रवाद, जाली मुद्रा और नशीले पदार्थों जैसे मामलों में कई कदम उठाए गए हैं. मंत्रालय ने कहा कि देश में साइबर सुरक्षा परिदृश्य के लिए खतरों का मुकाबला करने के लिए राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों और केंद्रीय पुलिस संगठनों (सीपीओ) में 5,000 'साइबर कमांडो' की एक सेना स्थापित की जाएगी.

मंत्रालय ने कहा कि वित्तीय पारिस्थितिकी तंत्र की धोखाधड़ी जोखिम प्रबंधन क्षमताओं को मजबूत करने के लिए बैंकों और वित्तीय मध्यस्थों के सहयोग से राष्ट्रीय साइबर अपराध रिपोर्टिंग पोर्टल (एनसीआरपी) के आधार पर विभिन्न पहचानकर्ताओं की संदिग्ध रजिस्ट्री बनाई जा रही है. मंत्रालय ने कहा कि मोदी सरकार बहुआयामी दृष्टिकोण के जरिए आतंक मुक्त जम्मू-कश्मीर का निर्माण कर रही है. रिपोर्ट में कहा गया है कि जहां सुरक्षा बल जमीन पर आतंक के खिलाफ पूरी तरह से युद्ध लड़ रहे हैं, वहीं गृह मंत्रालय आतंक और भारत विरोधी गतिविधियों में शामिल व्यक्तियों और संगठनों पर प्रतिबंध लगाकर उन्हें सशक्त बना रहा है.

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नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आतंक मुक्त भारत बनाने के उद्देश्य को दोहराते हुए गृह मंत्रालय (एमएचए) ने सोमवार को कहा कि गृह मंत्री अमित शाह के नेतृत्व में देश आतंक के प्रति शून्य सहनशीलता के दृष्टिकोण के साथ इस लक्ष्य को प्राप्त करने की ओर बढ़ रहा है.

गृह मंत्रालय ने 2024 की अपनी वर्षांत समीक्षा में कहा कि गृह मंत्रालय ने हिज्ब-उत-तहरीर को यूएपीए के तहत एक आतंकवादी संगठन घोषित किया. इसके साथ ही गोल्डी बरार और कासिम गुज्जर को आतंकवादी घोषित किया गया. नौ संगठनों को गैरकानूनी संगठन घोषित किया गया है.

इसमें आगे कहा गया है कि इस लक्ष्य की ओर एक और महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए, इलेक्ट्रॉनिक्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड, परमाणु ऊर्जा विभाग और डीआरडीओ द्वारा स्वदेशी रूप से निर्मित विस्फोटक डिटेक्टरों की दो अलग-अलग श्रेणियों को भारत सरकार के सुरक्षा बलों के लिए प्रधान वैज्ञानिक सलाहकार प्रोफेसर अजय कुमार द्वारा आईबी के निदेशक तपन डेका को सौंपा गया.

मंत्रालय ने कहा कि स्वदेशी रूप से विकसित डिटेक्टरों को आईबी द्वारा फील्ड तैनाती के लिए 12 चिन्हित सुरक्षा एजेंसियों को सौंपा जाना है. मंत्रालय की ओर से कहा गया कि गृह मंत्री शाह ने देश में सुरक्षा चुनौतियों से निपटने के लिए जिम्मेदार आईबी के मल्टी-एजेंसी सेंटर (एमएसी) के कामकाज की समीक्षा के लिए नई दिल्ली में सुरक्षा और कानून प्रवर्तन एजेंसियों के विभिन्न प्रमुखों के साथ एक उच्च स्तरीय बैठक की अध्यक्षता की.

गृह मंत्रालय ने कहा कि एमएसी ढांचे को इसकी पहुंच और प्रभावकारिता बढ़ाने के लिए एक बड़े तकनीकी और परिचालन सुधार से गुजरना होगा. गृह मंत्री ने देश के उभरते सुरक्षा खतरे के परिदृश्य से निपटने के लिए आतंकी नेटवर्क और उनके सहायक पारिस्थितिकी तंत्र को खत्म करने के लिए सभी एजेंसियों के बीच अधिक तालमेल पर जोर दिया.

गृह मंत्रालय ने कहा कि केंद्रीय गृह मंत्री ने बड़े डेटा और एआई/एमएल-संचालित विश्लेषण और तकनीकी प्रगति का उपयोग करके आतंकी पारिस्थितिकी तंत्र को खत्म करने के लिए राष्ट्रीय सुरक्षा में शामिल सभी एजेंसियों से युवा, तकनीकी रूप से कुशल और भावुक अधिकारियों की एक टीम गठित करने पर भी जोर दिया.

राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) के डिजिटल आपराधिक मामला प्रबंधन प्रणाली (सीसीएमएस) प्लेटफॉर्म का जिक्र करते हुए, गृह मंत्रालय ने कहा कि नव विकसित सीसीएमएस आतंकवाद और संगठित अपराध के मामलों के खिलाफ एनआईए को मजबूत करेगा. गृह मंत्रालय ने कहा कि सीसीएमएस एनआईए के कामकाज में समन्वय में सुधार करेगा, जिससे न्याय प्रणाली में सुधार होगा.

यह कहते हुए कि गृह मंत्रालय जल्द ही आतंकवाद के पूरे 'पारिस्थितिकी तंत्र' से लड़ने के लिए एक राष्ट्रीय आतंकवाद विरोधी नीति और रणनीति तैयार करेगा, गृह मंत्रालय ने कहा कि सरकार आतंकवाद के खिलाफ एक मजबूत पारिस्थितिकी तंत्र बनाने और इसे खत्म करने के लिए प्रतिबद्ध है.

आतंकवाद के वित्तपोषण को रोकने के लिए 25-सूत्रीय एकीकृत योजना बनाई गई; जिहादी आतंकवाद से लेकर पूर्वोत्तर में उग्रवाद, वामपंथी उग्रवाद, जाली मुद्रा और नशीले पदार्थों जैसे मामलों में कई कदम उठाए गए हैं. मंत्रालय ने कहा कि देश में साइबर सुरक्षा परिदृश्य के लिए खतरों का मुकाबला करने के लिए राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों और केंद्रीय पुलिस संगठनों (सीपीओ) में 5,000 'साइबर कमांडो' की एक सेना स्थापित की जाएगी.

मंत्रालय ने कहा कि वित्तीय पारिस्थितिकी तंत्र की धोखाधड़ी जोखिम प्रबंधन क्षमताओं को मजबूत करने के लिए बैंकों और वित्तीय मध्यस्थों के सहयोग से राष्ट्रीय साइबर अपराध रिपोर्टिंग पोर्टल (एनसीआरपी) के आधार पर विभिन्न पहचानकर्ताओं की संदिग्ध रजिस्ट्री बनाई जा रही है. मंत्रालय ने कहा कि मोदी सरकार बहुआयामी दृष्टिकोण के जरिए आतंक मुक्त जम्मू-कश्मीर का निर्माण कर रही है. रिपोर्ट में कहा गया है कि जहां सुरक्षा बल जमीन पर आतंक के खिलाफ पूरी तरह से युद्ध लड़ रहे हैं, वहीं गृह मंत्रालय आतंक और भारत विरोधी गतिविधियों में शामिल व्यक्तियों और संगठनों पर प्रतिबंध लगाकर उन्हें सशक्त बना रहा है.

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Last Updated : Dec 31, 2024, 9:20 AM IST
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