नई दिल्ली: एक ऐतिहासिक कार्यक्रम में, भगवान बुद्ध और उनके शिष्यों अराहाटा सारिपुत्त और अराहाटा महा मोग्गलाना के पवित्र अवशेष 26 दिवसीय प्रदर्शनी के लिए गुरुवार को थाईलैंड पहुंचे. बिहार के राज्यपाल राजेंद्र आर्लेकर और केंद्रीय सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्री वीरेंद्र कुमार के नेतृत्व में एक उच्च स्तरीय प्रतिनिधिमंडल अवशेषों के साथ थाईलैंड गया.
भारत और थाईलैंड के वरिष्ठ भिक्षुओं द्वारा आगमन पर एक गंभीर प्रार्थना समारोह आयोजित किया गया था. प्रदर्शनी का आयोजन विदेश मंत्रालय, थाईलैंड में भारतीय दूतावास और अंतर्राष्ट्रीय बौद्ध परिसंघ के संयुक्त सहयोग से किया जा रहा है. इससे पहले, संस्कृति मंत्रालय के सचिव गोविंद मोहन ने प्रदर्शनी के लिए अवशेषों की प्रस्तुति को भारत-थाईलैंड संबंधों के लिए एक और ऐतिहासिक मील का पत्थर बताया.
जानकारी के अनुसार 23 फरवरी को थाईलैंड के पीएम द्वारा अवशेषों को सनम लुआंग नामक शाही महल के मैदान में स्थापित किया जाएगा. लोग माखा बुचा दिवस से अपनी श्रद्धा अर्पित कर सकते हैं. सामाजिक न्याय और अधिकारिता के लिए केंद्रीय कैबिनेट मंत्री डॉ. वीरेंद्र कुमार ने इसे लेकर सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक पोस्ट किया.
उन्होंने इसमें लिखा कि 'आज बैंकॉक में, मैंने भगवान बुद्ध और उनके दो शिष्यों के पवित्र धातु अवशेषों के महत्व और दोनों देशों के बीच सांस्कृतिक संबंधों के बारे में थाईलैंड के संस्कृति मंत्री, सेर्मसाक पोंगपनित के साथ विस्तृत चर्चा की. इस मौके पर भारत और थाईलैंड के अधिकारियों ने एक एमओयू पर हस्ताक्षर किये. इस मौके पर हमने मीडिया के साथ अपने विचार भी साझा किये.'