चेन्नई: चेन्नई साइबर क्राइम पुलिस ने अंतरराष्ट्रीय आतंकवादी संगठन हिज्ब-उत-तहरीर (HuT) के तीन समर्थकों को गिरफ्तार किया है. फिलहाल पुलिस मामले की जांच कर रही है. तीनों लोगों के खिलाफ आतंकवाद निरोधक कानून (यूएपीए) लगाया गया है. बताया गया है कि गिरफ्तार किए गए तीन लोगों ने कथित तौर पर एचयूटी संगठन के माध्यम से शरिया कानून पर आधारित वैश्विक खिलाफत इस्लामी नीति प्रणाली लाने की कोशिश की थी. आरोपियों की पहचान आमिर हुसैन, उसके पिता मंसूर और भाई अब्दुल रहमान के रूप में की गई है. आमिर हुसैन पेशे से इंजीनियर है.
चेन्नई में पहली बार पुलिस ने किसी अंतरराष्ट्रीय इस्लामिक आतंकवादी संगठन के सदस्यों को गिरफ्तार किया है. बताया गया है कि आरोपी मुख्य रूप से संगठन की विचारधारा को फैलाने में संलिप्त थे. पुलिस के मुताबिक आमिर हुसैन ने कथित तौर पर यूट्यूब पर कई वीडियो पोस्ट किए थे. पुलिस ने जांच में पाया है कि आरोपी अपनी लोकसभा चुनाव विरोधी नीति के तहत लोगों के बीच विभिन्न विचारों का प्रचार कर रहे थे. साथ ही आतंकी संगठन की नीति के अनुसार वे इस बात पर जोर दे रहे हैं कि लोगों को लोकतंत्र में विश्वास के बिना खिलाफत स्थापित करने की दिशा में कार्य करना चाहिए.
बताया गया है कि इसी के चलते वे यह प्रचार कर रहे थे कि मुसलमानों को मौजूदा संसदीय चुनाव में वोट नहीं करना चाहिए. पुलिस के मुताबिक, आरोपियों ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये बंद कमरों के अंदर बैठकें आयोजित कीं, जिसमें केवल कुछ लोगों को आमंत्रित किया गया था. पुलिस के मुताबिक, आरोपी चेन्नई के रोयापेट्टा में जॉनी जॉनखान स्ट्रीट पर मॉडर्न एसेंशियल एजुकेशन ट्रस्ट नाम से एक संस्थान चला रहा था और वहां बैठकें करता था.
पुलिस ने जांच में यह भी पाया कि साप्ताहिक बैठकों में बड़ी संख्या में लोग शामिल हो रहे थे. इन तीनों आरोपियों के खिलाफ यूएपीए एक्ट के तहत मामला दर्ज किया गया और पुलिस ने इन्हें गिरफ्तार कर लिया.
पुलिस अधिकारी ने कहा कि आरोपियों के संपर्क में कौन-कौन लोग हैं और फंडिंग कैसे हो रही है, इसकी विस्तृत जांच की गई. इस मामले में चेन्नई साइबर क्राइम पुलिस द्वारा की गई जांच अब राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) को सौंप दी गई है. एनआईए के अधिकारियों ने सेंट्रल क्राइम ब्रांच, साइबर क्राइम पुलिस से जानकारी मांगी है.
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