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हिमाचल में लोकसभा चुनाव के साथ 6 विधानसभा सीटों पर उपचुनाव, 1 जून को वोटिंग, 4 जून को काउंटिंग - Lok Sabha Elections

Lok Sabha Election Schedule: हिमाचल में लोकसभा चुनाव के साथ ही विधानसभा की 6 सीटों पर उपचुनाव भी होना है. चुनाव आयोग ने तारीखों का ऐलान कर दिया है. इस बार भी 7 चरण में मतदान होगा और लोकसभा चुनाव 2024 के साथ 4 राज्यों में विधानसभा चुनाव और 26 विधानसभा सीटों पर उपचुनाव भी होगा.

Himachal Assembly bypolls
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By ETV Bharat Himachal Pradesh Team

Published : Mar 16, 2024, 5:41 PM IST

Updated : Mar 16, 2024, 5:55 PM IST

शिमला: चुनाव आयोग ने लोकसभा चुनाव की तारीखों का ऐलान कर दिया है. देश में 7 चरण में मतदान होंगे लेकिन इसके साथ ही 4 राज्यों में विधानसभा चुनाव और 13 राज्यों की 26 विधानसभा सीटों पर उपचुनाव का ऐलान भी कर दिया गया है. इन 26 सीटों में 6 विधानसभा सीटें हिमाचल की हैं. चुनाव आयोग के मुताबिक इन राज्यों में लोकसभा चुनाव के साथ ही उपचुनाव और विधानसभा चुनाव होगा. हिमाचल में लोकसभा चुनाव की वोटिंग आखिरी यानी 7वें चरण में 1 जून को होगी. जब हिमाचल की 4 लोकसभा सीटों पर वोटिंग होगी उसके साथ ही 6 विधानसभा सीटों पर उपचुनाव भी होगा.

6 सीटों पर उपचुनाव क्यों ?

दरअसल फरवरी में हुए राज्यसभा चुनाव के दौरान 6 कांग्रेस विधायकों ने क्रॉस वोटिंग की थी. जिससे कांग्रेस उम्मीदवार की हार हुई थी. इसके बाद विधानसभा स्पीकर कुलदीप सिंह पठानिया ने इन 6 विधायकों को अयोग्य करार दे दिया. स्पीकर के फैसले के मुताबिक ये 6 विधायक हिमाचल विधानसभा से बर्खास्त किए गए और ये सदन का हिस्सा नहीं होंगे. इस फैसले के बाद 68 विधायकों वाली हिमाचल विधानसभा की मौजूदा स्ट्रेंथ 62 रह गई. जिसमें 34 सीटों के साथ बहुमत में थी. 25 सीटें बीजेपी और 3 निर्दलीय थे. ये आंकड़ा बकायदा हिमाचल विधानसभा की वेबसाइट पर भी अपडेट किया गया है.

इन 6 सीटों पर होगा उपचुनाव

हिमाचल प्रदेश में धर्मशाला, लाहौल-स्पीति, सुजानपुर, बड़सर, गगरेट और कुटलैहड़ सीट पर उपचुनाव होंगे. साल 2022 में हुए विधानसभा चुनाव में इन सीटों पर कांग्रेस उम्मीदवार की जीत हुई थी लेकिन राज्यसभा चुनाव में इन विधायकों ने क्रॉस वोटिंग कर दी थी. इनमें सुधीर शर्मा, रवि ठाकुर, राजेंद्र राणा, इंद्र दत्त लखनपाल, चैतन्य शर्मा और देवेंद्र भुट्टो का नाम शामिल है. गौरतलब है कि ये विधायक सरकार से नाराज थे. क्रॉस वोटिंग के बाद से ही ये सभी विधायक हिमाचल से बाहर हैं. बीते करीब 3 हफ्ते के दौरान वो हरियाणा के पंचकूला, उत्तराखंड के ऋषिकेश और गुरुग्राम के होटलों में ठहरे हैं. ये बागी विधायक सरकार पर लगातार हमलावर भी हैं. अब इन 6 सीटों पर चुनाव आयोग ने उपचुनाव का ऐलान कर दिया है. यहां मतदान लोकसभा चुनाव के साथ ही 1 जून को होगा, जबकि 4 जून को लोकसभा चुनाव के साथ उपचुनाव के नतीजे भी घोषित होंगे.

राज्यसभा चुनाव की कहानी

हिमाचल प्रदेश की ये 6 सीटें महज 2 हफ्ते पहले ही खाली हुई हैं. दरअसल हिमाचल प्रदेश में 27 फ़रवरी को राज्यसभा की एक सीट के लिए चुनाव हुआ था. जिसमें राज्यसभा सीट के लिए कांग्रेस ने अभिषेक मनु सिंघवी को चुनाव मैदान में उतारा था, वहीं भाजपा ने हिमाचल में विधानसभा चुनाव 2022 के दौरान कांग्रेस छोड़कर भाजपा में शामिल हुए हर्ष महाजन को उम्मीदवार बनाया था. ये राज्यसभा सीट 40 सीटों के साथ बहुमत की सरकार चला रही कांग्रेस की झोली में जाना पक्का लग रहा था लेकिन कांग्रेस के 6 और तीन निर्दलीय विधायकों ने क्रॉस वोटिंग कर दी. जिससे बीजेपी उम्मीदवार की जीत हुई.

ये 9 वोट मिलने के बाद 25 विधायकों वाली बीजेपी के उम्मीदवार को कुल 34 विधायकों का वोट मिले थे. वहीं 40 विधायकों वाली कांग्रेस 6 विधायकों का वोट गंवाने के बाद पार्टी उम्मीदवार अभिषेक मनु सिंघवी को भी 34 ही वोट मिले. जिसके बाद ड्रॉ के जरिये विजेता का फैसला हुआ। जो भाजपा उम्मीदवार हर्ष महाजन के पक्ष में रहा था.

28 फरवरी को हिमाचल में राज्यसभा चुनाव में हुई क्रॉस वोटिंग के बाद उपजे समीकरण के बाद सुक्खू सरकार ने बिना विपक्ष की उपस्थिति के ही बजट पारित किया. जिसमें कांग्रेस के 6 और 3 निर्दलीय विधायकों ने भी हिस्सा नहीं लिया था. ऐसे में बिना विपक्ष के बजट बहुमत से पारित हो गया. जिससे सुक्खू सरकार पर आया संकट टला और फिर स्पीकर ने बजट सत्र खत्म होने से एक दिन पहले ही विधानसभा अनिश्चित काल के लिए स्थगित कर दी थी.

सुप्रीमो कोर्ट में है मामला

कांग्रेस के 6 बागी विधायकों ने स्पीकर के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती हुई है. इसके साथ ही हिमाचल सरकार ने भी कैविएट दाखिल करके सुप्रीम कोर्ट से अपना पक्ष रखने की इजाजत भी मांगी है. सुप्रीम कोर्ट ने इन विधायकों से पूछा था कि वे इस मामले को लेकर हाइकोर्ट क्यों नहीं गए. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि ये मौलिक अधिकार का मामला नहीं है. अब इस मामले में सोमवार 18 मार्च को सुनवाई होनी है.

ये भी पढ़ें: आचार संहिता के बाद भी क्या महिलाओं को मिलेगा ₹1500 का लाभ? जानें योजना पर कितना पड़ेगा असर?

शिमला: चुनाव आयोग ने लोकसभा चुनाव की तारीखों का ऐलान कर दिया है. देश में 7 चरण में मतदान होंगे लेकिन इसके साथ ही 4 राज्यों में विधानसभा चुनाव और 13 राज्यों की 26 विधानसभा सीटों पर उपचुनाव का ऐलान भी कर दिया गया है. इन 26 सीटों में 6 विधानसभा सीटें हिमाचल की हैं. चुनाव आयोग के मुताबिक इन राज्यों में लोकसभा चुनाव के साथ ही उपचुनाव और विधानसभा चुनाव होगा. हिमाचल में लोकसभा चुनाव की वोटिंग आखिरी यानी 7वें चरण में 1 जून को होगी. जब हिमाचल की 4 लोकसभा सीटों पर वोटिंग होगी उसके साथ ही 6 विधानसभा सीटों पर उपचुनाव भी होगा.

6 सीटों पर उपचुनाव क्यों ?

दरअसल फरवरी में हुए राज्यसभा चुनाव के दौरान 6 कांग्रेस विधायकों ने क्रॉस वोटिंग की थी. जिससे कांग्रेस उम्मीदवार की हार हुई थी. इसके बाद विधानसभा स्पीकर कुलदीप सिंह पठानिया ने इन 6 विधायकों को अयोग्य करार दे दिया. स्पीकर के फैसले के मुताबिक ये 6 विधायक हिमाचल विधानसभा से बर्खास्त किए गए और ये सदन का हिस्सा नहीं होंगे. इस फैसले के बाद 68 विधायकों वाली हिमाचल विधानसभा की मौजूदा स्ट्रेंथ 62 रह गई. जिसमें 34 सीटों के साथ बहुमत में थी. 25 सीटें बीजेपी और 3 निर्दलीय थे. ये आंकड़ा बकायदा हिमाचल विधानसभा की वेबसाइट पर भी अपडेट किया गया है.

इन 6 सीटों पर होगा उपचुनाव

हिमाचल प्रदेश में धर्मशाला, लाहौल-स्पीति, सुजानपुर, बड़सर, गगरेट और कुटलैहड़ सीट पर उपचुनाव होंगे. साल 2022 में हुए विधानसभा चुनाव में इन सीटों पर कांग्रेस उम्मीदवार की जीत हुई थी लेकिन राज्यसभा चुनाव में इन विधायकों ने क्रॉस वोटिंग कर दी थी. इनमें सुधीर शर्मा, रवि ठाकुर, राजेंद्र राणा, इंद्र दत्त लखनपाल, चैतन्य शर्मा और देवेंद्र भुट्टो का नाम शामिल है. गौरतलब है कि ये विधायक सरकार से नाराज थे. क्रॉस वोटिंग के बाद से ही ये सभी विधायक हिमाचल से बाहर हैं. बीते करीब 3 हफ्ते के दौरान वो हरियाणा के पंचकूला, उत्तराखंड के ऋषिकेश और गुरुग्राम के होटलों में ठहरे हैं. ये बागी विधायक सरकार पर लगातार हमलावर भी हैं. अब इन 6 सीटों पर चुनाव आयोग ने उपचुनाव का ऐलान कर दिया है. यहां मतदान लोकसभा चुनाव के साथ ही 1 जून को होगा, जबकि 4 जून को लोकसभा चुनाव के साथ उपचुनाव के नतीजे भी घोषित होंगे.

राज्यसभा चुनाव की कहानी

हिमाचल प्रदेश की ये 6 सीटें महज 2 हफ्ते पहले ही खाली हुई हैं. दरअसल हिमाचल प्रदेश में 27 फ़रवरी को राज्यसभा की एक सीट के लिए चुनाव हुआ था. जिसमें राज्यसभा सीट के लिए कांग्रेस ने अभिषेक मनु सिंघवी को चुनाव मैदान में उतारा था, वहीं भाजपा ने हिमाचल में विधानसभा चुनाव 2022 के दौरान कांग्रेस छोड़कर भाजपा में शामिल हुए हर्ष महाजन को उम्मीदवार बनाया था. ये राज्यसभा सीट 40 सीटों के साथ बहुमत की सरकार चला रही कांग्रेस की झोली में जाना पक्का लग रहा था लेकिन कांग्रेस के 6 और तीन निर्दलीय विधायकों ने क्रॉस वोटिंग कर दी. जिससे बीजेपी उम्मीदवार की जीत हुई.

ये 9 वोट मिलने के बाद 25 विधायकों वाली बीजेपी के उम्मीदवार को कुल 34 विधायकों का वोट मिले थे. वहीं 40 विधायकों वाली कांग्रेस 6 विधायकों का वोट गंवाने के बाद पार्टी उम्मीदवार अभिषेक मनु सिंघवी को भी 34 ही वोट मिले. जिसके बाद ड्रॉ के जरिये विजेता का फैसला हुआ। जो भाजपा उम्मीदवार हर्ष महाजन के पक्ष में रहा था.

28 फरवरी को हिमाचल में राज्यसभा चुनाव में हुई क्रॉस वोटिंग के बाद उपजे समीकरण के बाद सुक्खू सरकार ने बिना विपक्ष की उपस्थिति के ही बजट पारित किया. जिसमें कांग्रेस के 6 और 3 निर्दलीय विधायकों ने भी हिस्सा नहीं लिया था. ऐसे में बिना विपक्ष के बजट बहुमत से पारित हो गया. जिससे सुक्खू सरकार पर आया संकट टला और फिर स्पीकर ने बजट सत्र खत्म होने से एक दिन पहले ही विधानसभा अनिश्चित काल के लिए स्थगित कर दी थी.

सुप्रीमो कोर्ट में है मामला

कांग्रेस के 6 बागी विधायकों ने स्पीकर के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती हुई है. इसके साथ ही हिमाचल सरकार ने भी कैविएट दाखिल करके सुप्रीम कोर्ट से अपना पक्ष रखने की इजाजत भी मांगी है. सुप्रीम कोर्ट ने इन विधायकों से पूछा था कि वे इस मामले को लेकर हाइकोर्ट क्यों नहीं गए. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि ये मौलिक अधिकार का मामला नहीं है. अब इस मामले में सोमवार 18 मार्च को सुनवाई होनी है.

ये भी पढ़ें: आचार संहिता के बाद भी क्या महिलाओं को मिलेगा ₹1500 का लाभ? जानें योजना पर कितना पड़ेगा असर?

Last Updated : Mar 16, 2024, 5:55 PM IST
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