रांचीः मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने अपनी कैबिनेट में युवाओं को विशेष तरजीह दी है. एकमात्र रामदास सोरेन हैं, जिनकी आयु 60 साल से ज्यादा है. साथ ही मंत्रियों के चयन में धर्म, जाति और क्षेत्र का विशेष ख्याल रखा गया है.
झामुमो ने आदिवासी समाज को पहली प्राथमिकता दी है तो कांग्रेस ने हर वर्ग को जोड़ने की कोशिश की है. इस कैबिनेट में पांच पूर्व मंत्रियों को कंटिन्यू किया गया है तो छह नये चेहरों को मंत्री बनाया गया है.
झामुमो ने आदिवासी को दी पहली प्राथमिकता
झामुमो कोटे से शामिल छह मंत्रियों में दीपक बिरूआ, रामदास सोरेन और चमरा लिंडा आदिवासी समाज से आते हैं. झारखंड में संथाल, मुंडा, उरांव और हो जनजाति का ज्यादा प्रभाव है. इसको ध्यान में रखते हुए झामुमो ने 'हो' जनजाति से दीपक बिरुआ, संथाल जनजाति से रामदास सोरेन और उरांव समाज से चमरा लिंडा को मंत्री बनाया है. क्योंकि एसटी के लिए रिजर्व 28 सीटों में से झामुमो ने 21 सीटों पर चुनाव लड़ा था. इनमें से 20 सीटों पर झामुमो के प्रत्याशी जीते थे.
इसलिए झामुमो ने अपने परंपरागत वोट बैंक का सम्मान करते हुए सबसे ज्यादा आदिवासी चेहरों को मंत्री बनाया है. इसके अलावा झामुमो ने सुदिव्य कुमार सोनू और योगेंद्र प्रसाद को मंत्री बनाकर ओबीसी को सेकेंड प्रायोरिटी में रखा है. साथ ही संथाल से हफीजुल हसन को कंटिन्यू कर अल्पसंख्यक वोटरों के प्रति आभार जताया है.
झामुमो ने बनाया क्षेत्रीय संतुलन
झामुमो के छह मंत्रियों के क्षेत्र को देखे तो रामदास सोरेन और दीपक बिरुआ के जरिए कोल्हान प्रमंडल को तरजीह दी गई है. झामुमो ने गुमला के बिशुनपुर से विधायक चमरा लिंडा को मंत्री बनाकर दक्षिणी छोटानागपुर प्रमंडल को साधा है.
गिरिडीह विधायक सुदिव्य कुमार सोनू और गोमिया विधायक योगेंद्र प्रसाद के जरिए उत्तरी छोटानागपुर प्रमंडल के ओबीसी तबके को खुश करने की कोशिश की गई है. वहीं हेमंत सोरेन ने मधुपुर विधायक हफीजुल हसन के जरिए संथाल के अल्पसंख्यकों को सम्मान दिया है. ऊपर से वे खुद संथाल के बरहेट से सीएम हैं.
कांग्रेस ने चार मंत्रियों के जरिए हर वर्ग को साधा
कांग्रेस ने अपने चार मंत्रियों के जरिए हर वर्ग को साधने की कोशिश की है. गठबंधन के खिलाफ जाकर राजद के चुनाव लड़ने के बावजूद छतरपुर सीट जीतने वाले राधाकृष्ण किशोर को मंत्री बनाकर कांग्रेस ने एससी बहुल पलामू प्रमंडल को बड़ा मैसेज दिया है.
साथ ही झामुमो की तरह संथाल से इरफान और दीपिका को मंत्री बनाकर कांग्रेस ने अल्पसंख्यक और ओबीसी/सामान्य वर्ग के वोटबैंक को सम्मान दिया है. इसके अलावा कांग्रेस ने मांडर विधायक शिल्पी नेहा तिर्की को मंत्री बनाकर आदिवासी/ईसाई वोट बैंक के प्रति आभार जताया है.
राजद ने दिखाया यादव प्रेम
यादव समाज का ज्यादा झुकाव राजद की तरफ दिखता है. इस बार के चुनाव में राजद ने चार सीटें जीती है. इनमें से गोड्डा में संजय प्रसाद यादव और हुसैनाबाद में संजय कुमार सिंह यादव की जीत हुई है.
कयास थे कि देवघर विधायक सुरेश पासवान को मंत्री पद मिल सकता है. लेकिन राजद ने संजय प्रसाद यादव को मंत्री बनाकर बता दिया कि वह अपने कोर वोट बैंक की अनदेखी नहीं कर सकते.
तीन गठबंधन दलों की मंत्रिमंडल में भागीदारी पर गौर करेंगे तो पाएंगे कि कैसे 11 मंत्रियों के जरिए राज्य के सभी पांच प्रमंडल की भागीदारी सुनिश्चित कराई गई है. इसमें जाति और धर्म का भी ख्याल रखा गया है. सबसे खास बात है कि ज्यादातर मंत्री युवा हैं.
लिहाजा, उम्र, जाति, धर्म और लिंग के हिसाब से हेमंत सोरेन का यह कैबिनेट काफी बैलेंस दिख रहा है. अब देखना है कि आने वाले समय में ये मंत्रिमंडल कैसा परफॉर्म करता है.
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