ETV Bharat / bharat

संदेशखाली हिंसा मामले पर 'सुप्रीम' फैसला, विशेषाधिकार कमेटी के नोटिस पर रोक, 4 हफ्ते में मांगा जवाब

Sandeshkhali violence case: संदेशखाली बंगाल के उत्तर 24 परगना जिले का एक गांव है. तृणमूल कांग्रेस के एक स्थानीय नेता द्वारा महिलाओं के कथित यौन उत्पीड़न को लेकर वहां प्रदर्शन हुए हैं.

Etv Bharat
Etv Bharat
author img

By PTI

Published : Feb 19, 2024, 7:17 AM IST

Updated : Feb 19, 2024, 12:24 PM IST

नई दिल्ली: उच्चतम न्यायालय ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के सांसद सुकांत मजूमदार की 'कदाचार' संबंधी शिकायत पर लोकसभा सचिवालय की विशेषाधिकार समिति द्वारा पश्चिम बंगाल के मुख्य सचिव, पुलिस महानिदेशक और अन्य के खिलाफ जारी नोटिस पर सोमवार को रोक लगा दी. पिछले सप्ताह पश्चिम बंगाल के हिंसा प्रभावित संदेशखाली जाने से रोकने पर भाजपा कार्यकर्ताओं की पुलिस कर्मियों से झड़प हो गयी थी, जिसमें मजूमदार को चोटें आईं थीं.

भारत के प्रधान न्यायाधीश डी. वाई. चंद्रचूड़ और न्यायमूर्ति जे.बी. पारदीवाला व न्यायमूर्ति मनोज मिश्रा की पीठ ने पश्चिम बंगाल के अधिकारियों की ओर से पेश हुए वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल और अभिषेक सिंघवी की दलीलों पर संज्ञान लेते हुए सोमवार को पूर्वाह्न 10.30 बजे उनकी (अधिकारियों की) उपस्थिति के लिए जारी नोटिस पर रोक लगा दी. लोकसभा सचिवालय की ओर से पेश अधिवक्ता ने शीर्ष अदालत द्वारा रोक लगाने के फैसले का विरोध करते हुए कहा कि यह विशेषाधिकार समिति की पहली बैठक है.

अधिवक्ता ने कहा, 'उन पर कोई आरोप नहीं लगाया जा रहा। यह एक नियमित प्रक्रिया है. एक बार जब कोई सांसद नोटिस भेजता है और अध्यक्ष को लगता है कि मामले पर गौर करने लायक कुछ है तो नोटिस जारी किया जाता है.' पश्चिम बंगाल के मुख्य सचिव भगवती प्रसाद गोपालिका और पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) राजीव कुमार को लोकसभा सचिवालय ने सोमवार को पेश होने के लिए नोटिस जारी किया था.

पीठ ने लोकसभा सचिवालय व अन्य को नोटिस जारी करते हुए चार सप्ताह के भीतर जवाब मांगा और इस बीच निचले सदन की समिति की कार्यवाही पर रोक लगा दी. सांसद सुकांत मजूमदार और अन्य को पिछले सप्ताह संदेशखाली में प्रवेश करने से रोक दिया गया था. संदेशखाली इलाके में बड़ी संख्या में महिलाओं द्वारा तृणमूल कांग्रेस के कद्दावर नेता शाहजहां शेख और उनके समर्थकों पर जबरदस्ती जमीन हड़पने और यौन उत्पीड़न करने का आरोप लगाए जाने से तनाव व्याप्त है.

पढ़ें: संदेशखाली : महिलाओं की शिकायतों पर 'बेरुखी', आरोपी से 'हमदर्दी' को लेकर घिरीं ममता

पढ़ें: बंगाल : संदेशखाली पहुंचे राज्य सरकार के तीन मंत्री, लोगों की शिकायतें सुनीं

पढ़ें: संदेशखाली हिंसा : NCSC के प्रतिनिधिमंडल ने बंगाल में राष्ट्रपति शासन लगाने की सिफारिश की

नई दिल्ली: उच्चतम न्यायालय ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के सांसद सुकांत मजूमदार की 'कदाचार' संबंधी शिकायत पर लोकसभा सचिवालय की विशेषाधिकार समिति द्वारा पश्चिम बंगाल के मुख्य सचिव, पुलिस महानिदेशक और अन्य के खिलाफ जारी नोटिस पर सोमवार को रोक लगा दी. पिछले सप्ताह पश्चिम बंगाल के हिंसा प्रभावित संदेशखाली जाने से रोकने पर भाजपा कार्यकर्ताओं की पुलिस कर्मियों से झड़प हो गयी थी, जिसमें मजूमदार को चोटें आईं थीं.

भारत के प्रधान न्यायाधीश डी. वाई. चंद्रचूड़ और न्यायमूर्ति जे.बी. पारदीवाला व न्यायमूर्ति मनोज मिश्रा की पीठ ने पश्चिम बंगाल के अधिकारियों की ओर से पेश हुए वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल और अभिषेक सिंघवी की दलीलों पर संज्ञान लेते हुए सोमवार को पूर्वाह्न 10.30 बजे उनकी (अधिकारियों की) उपस्थिति के लिए जारी नोटिस पर रोक लगा दी. लोकसभा सचिवालय की ओर से पेश अधिवक्ता ने शीर्ष अदालत द्वारा रोक लगाने के फैसले का विरोध करते हुए कहा कि यह विशेषाधिकार समिति की पहली बैठक है.

अधिवक्ता ने कहा, 'उन पर कोई आरोप नहीं लगाया जा रहा। यह एक नियमित प्रक्रिया है. एक बार जब कोई सांसद नोटिस भेजता है और अध्यक्ष को लगता है कि मामले पर गौर करने लायक कुछ है तो नोटिस जारी किया जाता है.' पश्चिम बंगाल के मुख्य सचिव भगवती प्रसाद गोपालिका और पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) राजीव कुमार को लोकसभा सचिवालय ने सोमवार को पेश होने के लिए नोटिस जारी किया था.

पीठ ने लोकसभा सचिवालय व अन्य को नोटिस जारी करते हुए चार सप्ताह के भीतर जवाब मांगा और इस बीच निचले सदन की समिति की कार्यवाही पर रोक लगा दी. सांसद सुकांत मजूमदार और अन्य को पिछले सप्ताह संदेशखाली में प्रवेश करने से रोक दिया गया था. संदेशखाली इलाके में बड़ी संख्या में महिलाओं द्वारा तृणमूल कांग्रेस के कद्दावर नेता शाहजहां शेख और उनके समर्थकों पर जबरदस्ती जमीन हड़पने और यौन उत्पीड़न करने का आरोप लगाए जाने से तनाव व्याप्त है.

पढ़ें: संदेशखाली : महिलाओं की शिकायतों पर 'बेरुखी', आरोपी से 'हमदर्दी' को लेकर घिरीं ममता

पढ़ें: बंगाल : संदेशखाली पहुंचे राज्य सरकार के तीन मंत्री, लोगों की शिकायतें सुनीं

पढ़ें: संदेशखाली हिंसा : NCSC के प्रतिनिधिमंडल ने बंगाल में राष्ट्रपति शासन लगाने की सिफारिश की

Last Updated : Feb 19, 2024, 12:24 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.