रांची: झारखंड के पूर्व सीएम और बरहेट क्षेत्र के झामुमो विधायक हेमंत सोरेन ने हाईकोर्ट के उस फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है, जिसमें उन्हें विधानसभा के सत्र में भाग लेने की अनुमति नहीं दी गई थी. हेमंत सोरेन की ओर से दाखिल की गई एसएलपी (स्पेशल लीव पिटीशन) पर सुप्रीम कोर्ट में 1 अप्रैल को सुनवाई होगी.
जस्टिस सूर्यकांत और केवी विश्वनाथन की खंडपीठ में उनकी याचिका सुनवाई के लिए सूचीबद्ध हुई है. अपनी याचिका में उन्होंने मांग की है कि आने वाले दिनों में आहूत होने वाले विधानसभा के सत्रों में उन्हें शामिल होने की अनुमति दी जाए. हेमंत सोरेन मनी लॉन्ड्रिंग के आरोप में बीते 31 जनवरी से रांची के होटवार स्थित बिरसा मुंडा सेंट्रल जेल में हैं. उन्होंने पिछले महीने आयोजित झारखंड विधानसभा के बजट सत्र में भाग लेने की अनुमति के लिए रांची के पीएमएलए कोर्ट में अर्जी लगाई थी, लेकिन यह खारिज हो गई थी. इसके बाद वह हाईकोर्ट पहुंचे थे, लेकिन वहां भी उन्हें राहत नहीं मिली थी.
हेमंत सोरेन पर करोड़ों की जमीन के घोटाले और मनी लॉन्ड्रिंग का आरोप है. जिस जमीन की अवैध रूप से खरीद बिक्री का आरोप हेमंत पर लगा है कि वह रांची के बड़गाी में है. इस मामले में हेमंत सोरेन को करीब सात समन जारी किए गए थे. उनके खिलाफ पहला समन 14 अगस्त 2023 को ईडी ने जारी किया था
(अतिरिक्त इनपुट-आईएएनएस)
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