रांची: एक तरफ बीजेपी अपने प्रत्याशियों के चयन में लगी है, वहीं दूसरी तरफ कुछ नेता और सांसद चुनाव नहीं लड़ने की भी इच्छा जता रहे हैं. झारखंड के हजारीबाग से सांसद जयंत सिन्हा ने चुनाव नहीं लड़ने की इच्छा जाहिर की है.
उन्होंने सोशल मीडिया हैंडल एक्स पर लिखा है कि "मैंने माननीय पार्टी अध्यक्ष जेपी नड्डा से अनुरोध किया है कि मुझे मेरे प्रत्यक्ष चुनावी कर्तव्यों से मुक्त करें ताकि मैं भारत और दुनिया भर में जलवायु परिवर्तन से निपटने के लिए किए जा रहे कार्यों पर ध्यान केंद्रित कर सकूं. बेशक, मैं आर्थिक और शासन संबंधी मुद्दों पर पार्टी के साथ काम करना जारी रखूंगा. मुझे पिछले दस वर्षों से भारत और हज़ारीबाग़ के लोगों की सेवा करने का सौभाग्य मिला है. इसके अलावा, मुझे माननीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह और बीजेपी नेतृत्व का कई अवसरों पर आशीर्वाद भी मिला है. उन सभी के प्रति मेरी हार्दिक कृतज्ञता. जय हिन्द!"
दो दिन पहले ही जयंत सिन्हा ने अपने संसदीय क्षेत्र हजारीबाग से विकसित भारत मोदी की गारंटी संकल्प पत्र सुझाव अभियान की शुरुआत की थी. इस दौरान उन्होंने कहा था कि गोड्डा से ज्यादा हजारीबाग लोकसभा क्षेत्र में निवेश हुआ है. इस दौरान उन्होंने अपने क्षेत्र में हुए निवेश का पूरा ब्यौरा दिया था. उन्होंने कहा था कि निशिकांत दुबे ने अपने संसदीय क्षेत्र गोड्डा में 15 वर्षों में 30 हजार करोड़ निवेश किए हैं, जबकि हजारीबाग में 50 हजार करोड़ निवेश किया गया है.
2014 लोकसभा चुनाव के समय बीजेपी ने पूर्व केंद्रीय वित्त और विदेश मंत्री यशवंत सिन्हा का टिकट काटकर उनके बेटे जयंत सिन्हा को टिकट दे दिया. इस चुनाव में जयंत सिन्हा ने 1,59,128 वोट जीत हासिल की, उन्हें कुल 4,06,931 वोट मिले थे. 09 नवंबर को मोदी मंत्रिमंडल में उन्हें जगह भी मिली और केंद्रीय वित्त राज्य मंत्री की जिम्मेवारी दी गई, इस दौरान उनका काम सराहनीय रहा. 06 जुलाई 2016 को उन्हें एविएशन मंत्रालय की जिम्मेवारी दी गई, इस दौरान हवाई चप्पल वाले को हवाई जहाज की यात्रा कराने के पीएम मोदी के कॉन्सेप्ट पर उन्होंने बढ़िया काम किया था. साल 2019 में भी उन्हें बीजेपी ने हजारीबाग से अपना उम्मीदवार बनाया. जहां फिर से उन्होंने एक लाख से अधिक वोट से जीत हासिल की. इस बार उन्हें 7,28,798 वोट मिले. झारखंड के लोगों को उम्मीद थी कि उन्हें मोदी मंत्रिमंडल में फिर से जगह मिलेगी लेकिन ऐसा नहीं हुआ. केंद्र में उन्हें मंत्री नहीं बनाया गया.
जयंत सिन्हा के सोशल मीडिया पोस्स से कुछ घंटे पहले दिल्ली से बीजेपी के सांसद गौतम गंभीर ने भी इस तरह का अनुरोध बीजेपी अध्यक्ष से किया था. उन्होंने भी क्रिकेट पर फोकस करने की बात कह चुनाव नहीं लड़ने की इच्छा जाहिर की थी.
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