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हरियाणा का छोरा इंग्लैंड में करेगा जल संकट पर रिसर्च, दो करोड़ रुपये की मिली स्कॉलरशिप - Prateek Sangwan

Prateek Sangwan Research on Water Crisis: चरखी दादरी के पिचोपा खुर्द गांव निवासी प्रतीक सांगवान को इंग्लैंड की प्रतिष्ठित यूनिवर्सिटी ऑफ यॉर्क में पीएचडी करने का मौका मिला है. यूके सरकार के प्राकृतिक पर्यावरण अनुसंधान परिषद के तरफ से प्रतीक सांगवान को दो करोड़ रुपये की स्कॉलरशिप मिली है.

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By ETV Bharat Haryana Team

Published : Mar 28, 2024, 2:21 PM IST

Updated : Mar 28, 2024, 2:27 PM IST

हरियाणा के प्रतीक सांगवान इंग्लैंड में करेंगे जल संकट पर रिसर्च,

चरखी दादरी: लगातार कम हो रहे भूजल स्तर से जल संकट का खतरा मंडरा रहा है. ऐसे में चरखी दादरी के पिचोपा खुर्द गांव निवासी प्रतीक सांगवान ने आधुनिक तकनीक से जल संकट को दूर करने का संकल्प लिया है. करीब 8 सालों की मेहनत के बूते प्रतीक सांगवान को इंग्लैंड की प्रतिष्ठित यूनिवर्सिटी ऑफ यॉर्क में पीएचडी करने का मौका मिला है. यूके सरकार के प्राकृतिक पर्यावरण अनुसंधान परिषद के तरफ से प्रतीक सांगवान को दो करोड़ रुपये की स्कॉलरशिप मिली है.

इंग्लैंड में जल संकट पर शोध करेंगे प्रतीक: अब वो विदेशी धरती पर हरियाणा समेत उत्तर भारत में बने जल संकट के लिए शोध करेंगे. बेटे की उपलब्धि पर परिजनों और ग्रामीणों ने खुशियां मनाते हुए उज्जवल भविष्य की कामना की है. बता दें कि चरखी दादरी के गांव पिचोपा खुर्द निवासी प्रतीक सांगवान ने अपनी स्कूली शिक्षा सैनिक स्कूल कुंजपुरा से पूरी की है. उन्होंने टाटा सामाजिक विज्ञान संस्थान, मुंबई से जल नीति और शासन में स्नातकोत्तर की उपाधि प्राप्त की.

यूनिवर्सिटी ऑफ यॉर्क में पीएचडी में दाखिला मिला: प्रतीक को अब इंग्लैंड की प्रतिष्ठित यूनिवर्सिटी ऑफ यॉर्क में पीएचडी में दाखिला मिला है. इंग्लैंड सरकार के प्राकृतिक पर्यावरण अनुसंधान परिषद के तरफ से 2 करोड़ रुपये की छात्रवृत्ति मिली है. इसके लिए दुनिया भर से 300 अभ्यर्थियों ने आवेदन किया था, जिसमें भारत के प्रतीक सफल रहे हैं. प्रतीक ने बताया कि उसके शोध का मुख्य उद्देश्य हरियाणा और उत्तरी भारत में गहराते जल संकट का समाधान तलाशना होगा.

प्रतीक को मिली दो करोड़ रुपये की स्कॉलरशिप: प्रतीक ने बताया कि शोध दुनिया की सबसे विकसित तकनीकों को स्थानीय हालातों में ढाल कर, किसानों के लिए मुकमल सिंचाई प्रबंधन के तरीके खोजेगी. वर्तमान में प्रतीक कुमार वेल लैब्स नाम की संस्था के साथ काम करते हैं. जो प्राकृतिक संसाधन प्रबंधन और कृषि आजीविका में अनुसंधान के लिए समर्पित संगठन है. इंग्लैंड सरकार के प्राकृतिक पर्यावरण अनुसंधान परिषद के तरफ से 2 करोड़ रुपये की छात्रवृत्ति मिली है.

हरियाणा सिंचाई और जल संसाधन विभाग में काम कर चुके प्रतीक: इससे पहले प्रतीक कुमार ने सिंचाई और जल संसाधन विभाग, हरियाणा के साथ काम किया है. जहां वो जल संरक्षण कार्यक्रमों को लागू करने में सक्रिय रूप से शामिल रहे हैं. शुरू से ही प्रतीक को बेहतर शिक्षा मुहैया करवाने में उनकी माता का अहम योगदान रहा है. प्रतीक के पिता सुरेंद्र सिंह सरकारी अध्यापक हैं और उन्होंने गर्व व्यक्त करते हुए कहा कि बेटे को गांव से विदेश में इस शैक्षणिक यात्रा पर जाते हुए देखना एक सपने के साकार होने जैसा है. वहीं माता राजबाला व ताऊ सतबीर सिंह ने भी अपने बेटे की उपलब्धि पर खुशी जाहिर करते हुए कहा कि प्रतीक ने उनका विश्व में नाम रोशन किया है.

ये भी पढ़ें- हरियाणा के मॉडल स्कूलों में दाखिला: 1 से 20 अप्रैल तक कर सकते हैं आवेदन, 22 अपैल को ड्रॉ - Admission in Model School

ये भी पढ़ें- हरियाणा विद्यालय शिक्षा बोर्ड की रद्द हुई परीक्षाओं की तारीख घोषित, जानिए कब से होंगी - HARYANA BOARD CANCELED EXAM DATE

हरियाणा के प्रतीक सांगवान इंग्लैंड में करेंगे जल संकट पर रिसर्च,

चरखी दादरी: लगातार कम हो रहे भूजल स्तर से जल संकट का खतरा मंडरा रहा है. ऐसे में चरखी दादरी के पिचोपा खुर्द गांव निवासी प्रतीक सांगवान ने आधुनिक तकनीक से जल संकट को दूर करने का संकल्प लिया है. करीब 8 सालों की मेहनत के बूते प्रतीक सांगवान को इंग्लैंड की प्रतिष्ठित यूनिवर्सिटी ऑफ यॉर्क में पीएचडी करने का मौका मिला है. यूके सरकार के प्राकृतिक पर्यावरण अनुसंधान परिषद के तरफ से प्रतीक सांगवान को दो करोड़ रुपये की स्कॉलरशिप मिली है.

इंग्लैंड में जल संकट पर शोध करेंगे प्रतीक: अब वो विदेशी धरती पर हरियाणा समेत उत्तर भारत में बने जल संकट के लिए शोध करेंगे. बेटे की उपलब्धि पर परिजनों और ग्रामीणों ने खुशियां मनाते हुए उज्जवल भविष्य की कामना की है. बता दें कि चरखी दादरी के गांव पिचोपा खुर्द निवासी प्रतीक सांगवान ने अपनी स्कूली शिक्षा सैनिक स्कूल कुंजपुरा से पूरी की है. उन्होंने टाटा सामाजिक विज्ञान संस्थान, मुंबई से जल नीति और शासन में स्नातकोत्तर की उपाधि प्राप्त की.

यूनिवर्सिटी ऑफ यॉर्क में पीएचडी में दाखिला मिला: प्रतीक को अब इंग्लैंड की प्रतिष्ठित यूनिवर्सिटी ऑफ यॉर्क में पीएचडी में दाखिला मिला है. इंग्लैंड सरकार के प्राकृतिक पर्यावरण अनुसंधान परिषद के तरफ से 2 करोड़ रुपये की छात्रवृत्ति मिली है. इसके लिए दुनिया भर से 300 अभ्यर्थियों ने आवेदन किया था, जिसमें भारत के प्रतीक सफल रहे हैं. प्रतीक ने बताया कि उसके शोध का मुख्य उद्देश्य हरियाणा और उत्तरी भारत में गहराते जल संकट का समाधान तलाशना होगा.

प्रतीक को मिली दो करोड़ रुपये की स्कॉलरशिप: प्रतीक ने बताया कि शोध दुनिया की सबसे विकसित तकनीकों को स्थानीय हालातों में ढाल कर, किसानों के लिए मुकमल सिंचाई प्रबंधन के तरीके खोजेगी. वर्तमान में प्रतीक कुमार वेल लैब्स नाम की संस्था के साथ काम करते हैं. जो प्राकृतिक संसाधन प्रबंधन और कृषि आजीविका में अनुसंधान के लिए समर्पित संगठन है. इंग्लैंड सरकार के प्राकृतिक पर्यावरण अनुसंधान परिषद के तरफ से 2 करोड़ रुपये की छात्रवृत्ति मिली है.

हरियाणा सिंचाई और जल संसाधन विभाग में काम कर चुके प्रतीक: इससे पहले प्रतीक कुमार ने सिंचाई और जल संसाधन विभाग, हरियाणा के साथ काम किया है. जहां वो जल संरक्षण कार्यक्रमों को लागू करने में सक्रिय रूप से शामिल रहे हैं. शुरू से ही प्रतीक को बेहतर शिक्षा मुहैया करवाने में उनकी माता का अहम योगदान रहा है. प्रतीक के पिता सुरेंद्र सिंह सरकारी अध्यापक हैं और उन्होंने गर्व व्यक्त करते हुए कहा कि बेटे को गांव से विदेश में इस शैक्षणिक यात्रा पर जाते हुए देखना एक सपने के साकार होने जैसा है. वहीं माता राजबाला व ताऊ सतबीर सिंह ने भी अपने बेटे की उपलब्धि पर खुशी जाहिर करते हुए कहा कि प्रतीक ने उनका विश्व में नाम रोशन किया है.

ये भी पढ़ें- हरियाणा के मॉडल स्कूलों में दाखिला: 1 से 20 अप्रैल तक कर सकते हैं आवेदन, 22 अपैल को ड्रॉ - Admission in Model School

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Last Updated : Mar 28, 2024, 2:27 PM IST
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