महेंद्रगढ़: हरियाणा के महेंद्रगढ़ में हुए जीएल पब्लिक स्कूल बस के एक्सीडेंट में 6 छात्रों की जान चली गई. अगर प्रशासन लापरवाही नहीं करता तो ये हादसा टाला जा सकता था. कार्रवाई के नाम पर प्रशासन भले ही लीपापोती कर रहा हो लेकिन हादसे में 5 सबसे बड़ी लापरवाही निकलकर सामने आई है, जो पहले दूर कर लेती तो बच्चों की जान बच जाती.
- छुट्टी के दिन स्कूल क्यों खुला- गुरुवार को ईद का त्योहार था. सरकार की तरफ से गजटेड छुट्टी घोषित थी. उसके बावजूद प्रदेश में कई स्कूल खोले गये. इससे पहले भी सर्दी और गर्मी की छुट्टियों में भी स्कूल धड़ल्ले से खोला जाता है लेकिन कोई कार्रवाई नहीं होती. अगर इन लापरवाहियों पर कड़ा एक्शन लिया जाता तो ये हादसा नहीं होता.
- स्कूल बसों की जांच क्यों नहीं हुई- GL पब्लिक स्कूल की जो बस हादसे का शिकार हुई, उसके कागज पूरे नहीं थे. बस का फिटनेस सर्टिफिकेट 2017 में ही एक्सपायर हो चुका था. उसके बावजूद कभी आरटीओ विभाग ने ना उसकी जांच की और ना ही कोई कार्रवाई हुई.
- बस को लेकर स्कूल पर कार्रवाई क्यों नहीं- हैरानी की बात ये है कि जीएल पब्लिक स्कूल की जिस बस का एक्सीडेंट हुआ, उसका पिछले महीने ही 15 हजार का चालान काटा गया था. उसके बाद भी बस चलती रही. ना स्कूल प्रशासन ने इस पर एक्शन लिया और ना ही शिक्षा अधिकारियों ने.
- बस ड्राइवर की जांच क्यों नहीं होती- स्कूल में अक्सर बस ड्राइवरों की लापरवाही का मामला सामने आता है. उसके बावजूद बस ड्राइवर को नौकरी पर रखते समय कानून का पालन नहीं किया जाता. यहां तक कि ड्राइवर का बैकग्राउंड तक नहीं चेक होता है. महेंद्रगढ़ हादसे में सामने आया है कि बस ड्राइवर नशे में था और बस करीब 120 की रफ्तार से चल रही थी. इसीलिए मोड़ पर संतुलन बिगड़ गया. अगर समय रहते इस पर कार्रवाई होती तो 7 बच्चों की जान नहीं जाती.
- अधिकारियों पर कार्रवाई क्यों नहीं- ऐसे मामले में लापरवाही के लिए अक्सर छोटे कर्मचारियों पर कार्रवाई करके पल्ला झाड़ लिया जाता है. लेकिन सभी किसी बड़े अधिकारी पर कार्रवाई नहीं होती. इतने बड़े हादसे में जिला शिक्षा अधिकारी की सीधी भूमिका होती है. क्योंकि छुट्टी के दिन स्कूल खुला. बस का कागज भी पूरा नहीं था. इसलिए बड़े अधिकारियों पर कार्रवाई से बाकी लोगों में भी डर पैदा होता है.