चंडीगढ़: हरियाणा विधानसभा चुनाव का मतदान खत्म हो गया है. अभी तक मिले आंकड़ों के मुताबिक राज्य में करीब 66.96 प्रतिशत वोटिंग हुई. 2019 के मुकाबले ये मतदान तो कम है लेकिन ये कई इशारा कर रहा है. कांग्रेस आ रही है या बीजेपी हैट्रिक लगायेगी. ज्यादातर एक्जिट पोल में कांग्रेस की सरकार बनती दिख रही है.
क्या कहते हैं राजनीतिक जानकार?
राजनीतिक मामलों के जानकार धीरेंद्र अवस्थी का कहना है कि सरकार के खिलाफ दस साल की एंटी कैंबेंसी काम कर रही है. क्योंकि वोटिंग के मायने सामान्य तौर पर सरकार के खिलाफ माने जाते हैं. हालांकि पिछले कई चुनावों में यह बात गलत भी साबित हो चुकी है. बावजूद इसके इस बात को मापने का पारंपरिक पैमाना यही है कि सरकार विरोधी लहर के चलते बंपर मतदान उसके खिलाफ हुआ है.
'चुनाव में जनता की भागीदारी ज्यादा थी'
धीरेंद्र अवस्थी कहते हैं कि हरियाणा में जिस तरह का इस बार राजनीतिक माहौल बना हुआ था, उसे देखते हुए ये संभावना पहले से लगाई जा रही थी कि चुनाव में बंपर वोटिंग होगी. शुरू से ही इस बार चुनावी प्रचार में लोगों की भागीदारी ज्यादा दिखाई दे रही थी. इस बार चुनाव को लेकर शहर हो या गांव, नुक्कड़ हो या चौराहा, सब जगह बहस देखने को मिल रही थी.
हरियाणा में मतदान प्रतिशत और सत्ता परिवर्तन
हरियाणा में 2000 के चुनाव में 69 प्रतिशत मतदान हुआ था और प्रदेश में ओपी चौटाला की अगुवाई में इनेलो की पूर्ण बहुमत की सरकार बनी थी. वहीं 2005 के विधानसभा चुनाव में 2000 की तुलना में ज्यादा मतदान हुआ और वोटर टर्न आउट 71.96 प्रतिशत रहा. लोगों ने इनेलो की सरकार बदल दी और कांग्रेस ने 67 सीट जीतकर प्रचंड बहुमत की सरकार बनाई.
मोदी लहर में हुई थी अब तक की रिकॉर्ड वोटिंग
2005 के बाद 2009 में 72.29 फीसदी पोलिंग हुई और कांग्रेस की सरकार बरकरार रही. भूपेंद्र हुड्डा दोबारा मुख्यमंत्री बने. इसके बाद 2014 में मोदी लहर के बीच चुनाव हुआ तो वोट प्रतिशत 2009 के आंकड़े को भी पार कर गया. 2014 के हरियाणा चुनाव में हरियाणा में अब तक की रिकॉर्ड वोटिंग 76.13 प्रतिशत हुई और पहली बार राज्य में बीजेपी की पूर्ण बहुमत की सरकार बनी. वहीं 2019 में मतदान प्रतिशत 68.84 रहा और बीजेपी पूर्ण बहुमत से दूर रह गई और केवल 40 सीट जीत पाई. कांग्रेस ने उसे कड़ा मुकाबला दिया और 31 सीटें जीती.
ज्यादा वोटिंग प्रतिशत मतलब सरकार विरोधी लहर
पिछले 5 चुनाव का रिकॉर्ड बता रहा है कि हरियाणा में अधिक मतदान सरकार विरोधी लहर की पहचान रहा है. 2005 के बाद 2009 में भले कांग्रेस की सरकार दोबारा बनी हो लेकिन सीटें कम हो गईं. सरकार जोड़ तोड़ करके चलानी पड़ी. 2005 में कांग्रेस को 67 सीटें मिली थी और मतदान 71.96 प्रतिशत रहा. वहीं 2009 में 72.29 प्रतिशत लोगों ने वोट किया और कांग्रेस की 27 सीटें कम होकर 40 रह गई. यही ट्रेंड 2014 और 2019 में रहा. 2014 में बीजेपी ने 47 सीटें जीती. जबकि 2029 में केवल 40 सीटें मिली और गठबंधन सरकार चलानी पड़ी.
हरियाणा विधानसभा चुनाव में मतदान प्रतिशत
साल | मतदान प्रतिशत | |
1967 | 72.65% | कांग्रेस को बहुमत- 48 सीट |
1968 | 57.26% | कांग्रेस को बहुमत- 48 सीट |
1972 | 70.46% | कांग्रेस को बहुमत- 52 सीट |
1977 | 64.46% | जनता पार्टी- 75 सीट |
1982 | 69.87% | कांग्रेस- 31 सीट |
1987 | 71.24% | सरकार बदली- लोकदल- 60 सीट |
1991 | 65.86% | कांग्रेस को बहुमत- 51 सीट |
1996 | 70.5% | सरकार बदली- HVP- 33 सीट |
2000 | 69% | सरकार बदली- इनेलो- 47 सीट |
2005 | 71.96% | सरकार बदली- कांग्रेस 67 सीट |
2009 | 72.29% | कांग्रेस की 27 सीट कम हुई- 40 मिली |
2014 | 76.13% | बीजेपी को पूर्ण बहुमत- 47 सीट |
2019 | 68.84% | बीजेपी की सीट कम हुई- 40 मिली |
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