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'नई शिक्षा नीति भारत की संस्कृति और मिट्टी के अनुकूल', बोले हरिवंश- 'पूर्व की सरकार की गलतियों से देश पीछे' - नई शिक्षा नीति

New Education Policy: हरिवंश नारायण सिंह ने नई शिक्षा नीति को लेकर नरेंद्र मोदी सरकार की जमकर तारीफ की है. उन्होंने कहा कि आजादी के बाद अगर हमारी शिक्षा नीति बदल गई होती तो भारत की तकदीर और तस्वीर अलग होती. मौजूदा केंद्र सरकार जो नई शिक्षा नीति लाई है वह भारत की संस्कृति और मिट्टी के अनुकूल है.

'नई शिक्षा नीति भारत की संस्कृति और मिट्टी के अनुकूल', बोले हरिवंश- 'पूर्व की सरकार की गलतियों से देश पीछे'
'नई शिक्षा नीति भारत की संस्कृति और मिट्टी के अनुकूल', बोले हरिवंश- 'पूर्व की सरकार की गलतियों से देश पीछे'
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By ETV Bharat Bihar Team

Published : Feb 29, 2024, 4:53 PM IST

हरिवंश नारायण सिंह

मोतिहारी: राज्यसभा के उपसभापति हरिवंश नारायण सिंह एक दिवसीय दौरे पर पूर्वी चंपारण जिला के पताही प्रखंड पहुंचे.पताही के रुपनी गांव में एक विद्यालय के उद्घाटन के मौके पर पहुंचे हरिवंश नारायण सिंह ने शिक्षा के महत्व को बताया. हरिवंश नारायण सिंह ने फीता काटकर विद्यालय का उद्घाटन किया.

'देशहित में है नई शिक्षा नीति'- हरिवंश: इस मौके पर राज्यसभा के उपसभापति हरिवंश नारायण सिंह को सम्मानित करने के लिए सम्मान समारोह कार्यक्रम का आयोजन किया गया. राज्यसभा के उपसभापति हरिवंश नारायण सिंह ने नई शिक्षा नीति को लेकर नरेंद्र मोदी सरकार की तारीफ करते हुए कहा कि आजादी के बाद अगर हमारी शिक्षा नीति बदल गई होती तो भारत की तकदीर और तस्वीर अलग होती.

पताही के रुपनी गांव में हरिवंश नारायण सिंह
पताही के रुपनी गांव में हरिवंश नारायण सिंह

"मौजूदा केंद्र सरकार जो नई शिक्षा नीति लाई है वो भारत की संस्कृति और मिट्टी के अनुकूल है. उसका असर पंद्रह से बीस वर्षों बाद दिखेगा. क्योंकि अब वह स्कूलों में लागू हो रहा है. हमारे बगल का मुल्क चीन 1978 के पहले कई चीजों में भारत के बराबर था और भारत कई मामलों में चीन से आगे था. फिर क्यों वह हमसे पांच गुणा आगे निकल गया. क्योंकि उस वक्त की सरकारों ने हमारी नीति और शिक्षा नीति को देश के चुनौतियों के अनुरूप नहीं बनाया."- हरिवंश नारायण सिंह, उपसभापति, राज्यसभा

'पहले की गलतियों में होगा सुधार': उपसभापति हरिवंश नारायण सिंह ने आगे कहा कि शिक्षा नीति को देश के चुनौतियों के अनुरूप बनाने का काम वर्ष 2014 के बाद हुआ. वर्ष 2014 के बाद इस सरकार ने बहुत सारा काम किया है और कई कानूनों को बनाया है. जिस काम और कानून को पूर्व की सरकारों ने लाया होता तो आज देश कई चीजों में चीन के काफी आगे होता.आप सभी नई शिक्षा नीति को पढ़ें. नई शिक्षा नीति से उम्मीद है कि जो गलतियां पहले हुई है, उसमें काफी सुधार होगा.

विद्यालय के उद्घाटन कार्यक्रम में शामिल हुए हरिवंश
विद्यालय के उद्घाटन कार्यक्रम में शामिल हुए हरिवंश

'अन्य स्थानीय भाषाओं को महत्व मिला': हरिवंश ने कहा कि नई शिक्षा नीति में मातृभाषा और लोकभाषा के अलावा अन्य स्थानीय भाषाओं को महत्व मिला है. जिससे गांव से बिना अंग्रेजी भाषा के भी बच्चा स्थानीय भाषा में पढ़कर निकलता है तो उसके प्रतिभा में कोई कमी नहीं होती है. बता दें कि रुपनी गांव के एक समाजसेवी ई.संजय कुमार सिंह ने अपने क्षेत्र के बच्चों को शिक्षित करने के उद्देश्य से एक विद्यालय विद्यालय की स्थापना की है. जिस विद्यालय के उद्घाटन कार्यक्रम में शामिल होने के लिए राज्यसभा सांसद हरिवंश नारायण सिंह पताही के रुपनी गांव पहुंचे.

स्कूल का उपसभापति ने किया उद्घाटन: विद्यालय का फीता काटकर उद्घाटन किया और फिर आयोजित कार्यक्रम का उद्घाटन हरिवंश नारायण सिंह ने दीप प्रज्वलित कर किया. इस मौके पर हरिवंश नारायण सिंह को पुष्पगुच्छ और शॉल देकर सम्मानित किया गया. साथ ही पताही क्षेत्र के सेवानिवृत्त शिक्षकों को भी सम्मानित किया गया.

क्या है नई शिक्षा नीति: नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति पहुंच गुणवत्ता, सामर्थ्य,समानता और जवाबदेही के स्तंभों पर आधारित है. इस नीति का उद्देश्य एक ऐसी शिक्षा प्रणाली विकसित करना है जो सभी नागरिकों को उच्च गणवत्ता वाली शिक्षा प्रदान करके देश के परिवर्तन में योगदान दे. इस उद्देश्य देश को एक वैश्विक ज्ञान महाशक्ति के रूप में विकसित करना है.

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हरिवंश नारायण सिंह

मोतिहारी: राज्यसभा के उपसभापति हरिवंश नारायण सिंह एक दिवसीय दौरे पर पूर्वी चंपारण जिला के पताही प्रखंड पहुंचे.पताही के रुपनी गांव में एक विद्यालय के उद्घाटन के मौके पर पहुंचे हरिवंश नारायण सिंह ने शिक्षा के महत्व को बताया. हरिवंश नारायण सिंह ने फीता काटकर विद्यालय का उद्घाटन किया.

'देशहित में है नई शिक्षा नीति'- हरिवंश: इस मौके पर राज्यसभा के उपसभापति हरिवंश नारायण सिंह को सम्मानित करने के लिए सम्मान समारोह कार्यक्रम का आयोजन किया गया. राज्यसभा के उपसभापति हरिवंश नारायण सिंह ने नई शिक्षा नीति को लेकर नरेंद्र मोदी सरकार की तारीफ करते हुए कहा कि आजादी के बाद अगर हमारी शिक्षा नीति बदल गई होती तो भारत की तकदीर और तस्वीर अलग होती.

पताही के रुपनी गांव में हरिवंश नारायण सिंह
पताही के रुपनी गांव में हरिवंश नारायण सिंह

"मौजूदा केंद्र सरकार जो नई शिक्षा नीति लाई है वो भारत की संस्कृति और मिट्टी के अनुकूल है. उसका असर पंद्रह से बीस वर्षों बाद दिखेगा. क्योंकि अब वह स्कूलों में लागू हो रहा है. हमारे बगल का मुल्क चीन 1978 के पहले कई चीजों में भारत के बराबर था और भारत कई मामलों में चीन से आगे था. फिर क्यों वह हमसे पांच गुणा आगे निकल गया. क्योंकि उस वक्त की सरकारों ने हमारी नीति और शिक्षा नीति को देश के चुनौतियों के अनुरूप नहीं बनाया."- हरिवंश नारायण सिंह, उपसभापति, राज्यसभा

'पहले की गलतियों में होगा सुधार': उपसभापति हरिवंश नारायण सिंह ने आगे कहा कि शिक्षा नीति को देश के चुनौतियों के अनुरूप बनाने का काम वर्ष 2014 के बाद हुआ. वर्ष 2014 के बाद इस सरकार ने बहुत सारा काम किया है और कई कानूनों को बनाया है. जिस काम और कानून को पूर्व की सरकारों ने लाया होता तो आज देश कई चीजों में चीन के काफी आगे होता.आप सभी नई शिक्षा नीति को पढ़ें. नई शिक्षा नीति से उम्मीद है कि जो गलतियां पहले हुई है, उसमें काफी सुधार होगा.

विद्यालय के उद्घाटन कार्यक्रम में शामिल हुए हरिवंश
विद्यालय के उद्घाटन कार्यक्रम में शामिल हुए हरिवंश

'अन्य स्थानीय भाषाओं को महत्व मिला': हरिवंश ने कहा कि नई शिक्षा नीति में मातृभाषा और लोकभाषा के अलावा अन्य स्थानीय भाषाओं को महत्व मिला है. जिससे गांव से बिना अंग्रेजी भाषा के भी बच्चा स्थानीय भाषा में पढ़कर निकलता है तो उसके प्रतिभा में कोई कमी नहीं होती है. बता दें कि रुपनी गांव के एक समाजसेवी ई.संजय कुमार सिंह ने अपने क्षेत्र के बच्चों को शिक्षित करने के उद्देश्य से एक विद्यालय विद्यालय की स्थापना की है. जिस विद्यालय के उद्घाटन कार्यक्रम में शामिल होने के लिए राज्यसभा सांसद हरिवंश नारायण सिंह पताही के रुपनी गांव पहुंचे.

स्कूल का उपसभापति ने किया उद्घाटन: विद्यालय का फीता काटकर उद्घाटन किया और फिर आयोजित कार्यक्रम का उद्घाटन हरिवंश नारायण सिंह ने दीप प्रज्वलित कर किया. इस मौके पर हरिवंश नारायण सिंह को पुष्पगुच्छ और शॉल देकर सम्मानित किया गया. साथ ही पताही क्षेत्र के सेवानिवृत्त शिक्षकों को भी सम्मानित किया गया.

क्या है नई शिक्षा नीति: नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति पहुंच गुणवत्ता, सामर्थ्य,समानता और जवाबदेही के स्तंभों पर आधारित है. इस नीति का उद्देश्य एक ऐसी शिक्षा प्रणाली विकसित करना है जो सभी नागरिकों को उच्च गणवत्ता वाली शिक्षा प्रदान करके देश के परिवर्तन में योगदान दे. इस उद्देश्य देश को एक वैश्विक ज्ञान महाशक्ति के रूप में विकसित करना है.

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