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BJP की सोशल मीडिया से 'हरदा' को लगता है डर, बोले- 'स्क्रिप्टेड' हिंसा की हो न्यायिक जांच - हल्द्वानी हिंसा पर हरीश रावत

Harish Rawat statement on Haldwani violence बनभूलपुरा हिंसा को करीब एक हफ्ता गुजर चुका है. लेकिन इस मामले में हिंसा क्षेत्र में राजनीतिक दलों से जुड़े लोगों की दस्तक अब तक शून्य रही है. खास तौर पर विपक्षी दल इस मामले में कदम फूंक-फूंककर रख रहा है. ये शांति व्यवस्था बनाए रखने की चिंता है या वोटों के ध्रुवीकरण का खौफ, कहना मुश्किल है. बहरहाल ईटीवी भारत ने इसी मामले को लेकर पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता हरीश रावत से बात की तो उन्होंने भी भाजपा की सोशल मीडिया से उन्हें कितना डर लगता है ये जाहिर करते हुए मामले पर न्यायिक जांच की मांग की.

HALDWANI
हल्द्वानी
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By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : Feb 21, 2024, 3:09 PM IST

Updated : Feb 21, 2024, 3:23 PM IST

भाजपा की सोशल मीडिया से लगता है डर- हरीश रावत

हल्द्वानी: बनभूलपुरा हिंसा के बाद इस मामले में अब तक वैसे तो कई राजनीतिक बयान आए. लेकिन हिंसा वाले क्षेत्र में राजनेताओं की दस्तक देखने को नहीं मिली है. फिलहाल तमाम सवाल खड़े करने वाले विपक्षी दल भी इस क्षेत्र में जाने से परहेज करते हुए दिखाई दिए हैं. इसके पीछे के कारणों को वैसे तो राजनीतिक रूप से समझना कोई मुश्किल काम नहीं है. लेकिन राजनीतिक दलों के बड़े सुरमा भी इस मामले पर कुछ भी कहने से बच रहे हैं. ईटीवी भारत ने बनभूलपुरा हिंसा के घटनास्थल से कुछ दूरी पर स्थित काठगोदाम सर्किट हाउस पहुंचे पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता हरीश रावत से इसी मामले पर कुछ सवाल किए हैं.

बनभूलपुरा हिंसा मामले में हरीश रावत ने न्यायिक जांच की मांग की: 'मलिक का बगीचा' क्षेत्र में 8 फरवरी को हुई घटना पर हर कोई चिंता जाहिर कर रहा है. प्रकरण में बाकायदा 83 पूर्व ब्यूरोक्रेट्स भी उत्तराखंड की मुख्य सचिव राधा रतूड़ी को चिट्ठी लिखकर अपनी चिंता जाहिर कर चुके हैं. इन्हीं कुछ सवालों के बीच पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने भी इस प्रकरण पर न्यायिक जांच की मांग रख दी है. हरीश रावत बेहद सधे हुए अंदाज में इस पूरे प्रकरण पर कुछ चुनिंदा सवाल खड़े करते हुए दिखाई देते हैं.

हरीश रावत कहते हैं कि यह पूरी हिंसा स्क्रिप्टेड यानी पहले से तय की हुई दिखाई देती है. इसीलिए वह बार-बार कह रहे हैं कि इस मामले की न्यायिक जांच होनी चाहिए. ताकि हिंसा के कारणों का पता लगाकर दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की जा सके.

भाजपा की सोशल मीडिया टीम फैलती है झूठ: बनभुलपुरा हिंसा प्रकरण को लेकर भले ही राजनीति किसी भी तरह की हो रही हो लेकिन घटनास्थल पर कोई भी नेता जाने को तैयार नहीं है. इस मामले में हरीश रावत अपने एक बयान से इस बात को इशारों ही इशारों में जाहिर करने की कोशिश करते हैं जिसमें वह कहते हैं कि भाजपा की सोशल मीडिया टीम झूठ फैलाकर लोगों में भ्रम पैदा कर देती है.

दरअसल, विधानसभा चुनाव से पहले हरीश रावत पर मुस्लिम यूनिवर्सिटी को लेकर खूब राजनीति हुई थी. उस समय भी हरीश रावत खुद को बदनाम करने और भाजपा की सोशल मीडिया द्वारा झूठ फैलाने के बाद कहते हुए नजर आए थे. जाहिर है कि इस तरह का डर एक बार फिर हरीश रावत को सता रहा है. तभी घटनास्थल से कुछ दूरी पर आकर भी वह मौके पर जाकर लोगों से मिलने से परहेज करते हुए दिख रहे हैं. हालांकि, वह ऐसा नहीं मानते. वह कहते हैं कि फिलहाल वह न्यायिक जांच की मांग कर रहे हैं और उसके बाद ही वह इससे संबंधित तमाम लोगों से बात करेंगे.

ये भी पढ़ेंः हल्द्वानी हिंसा: पेट और पैर के आर पार निकल गई गोली, घरों में तड़पते रहे घायल, करते रहे घरेलू इलाज

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ये भी पढ़ेंः हल्द्वानी हिंसा: अभी भी जगह-जगह दिख रहे बनभूलपुरा हिंसा के जख्म, कई घरों में लटके ताले

भाजपा की सोशल मीडिया से लगता है डर- हरीश रावत

हल्द्वानी: बनभूलपुरा हिंसा के बाद इस मामले में अब तक वैसे तो कई राजनीतिक बयान आए. लेकिन हिंसा वाले क्षेत्र में राजनेताओं की दस्तक देखने को नहीं मिली है. फिलहाल तमाम सवाल खड़े करने वाले विपक्षी दल भी इस क्षेत्र में जाने से परहेज करते हुए दिखाई दिए हैं. इसके पीछे के कारणों को वैसे तो राजनीतिक रूप से समझना कोई मुश्किल काम नहीं है. लेकिन राजनीतिक दलों के बड़े सुरमा भी इस मामले पर कुछ भी कहने से बच रहे हैं. ईटीवी भारत ने बनभूलपुरा हिंसा के घटनास्थल से कुछ दूरी पर स्थित काठगोदाम सर्किट हाउस पहुंचे पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता हरीश रावत से इसी मामले पर कुछ सवाल किए हैं.

बनभूलपुरा हिंसा मामले में हरीश रावत ने न्यायिक जांच की मांग की: 'मलिक का बगीचा' क्षेत्र में 8 फरवरी को हुई घटना पर हर कोई चिंता जाहिर कर रहा है. प्रकरण में बाकायदा 83 पूर्व ब्यूरोक्रेट्स भी उत्तराखंड की मुख्य सचिव राधा रतूड़ी को चिट्ठी लिखकर अपनी चिंता जाहिर कर चुके हैं. इन्हीं कुछ सवालों के बीच पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने भी इस प्रकरण पर न्यायिक जांच की मांग रख दी है. हरीश रावत बेहद सधे हुए अंदाज में इस पूरे प्रकरण पर कुछ चुनिंदा सवाल खड़े करते हुए दिखाई देते हैं.

हरीश रावत कहते हैं कि यह पूरी हिंसा स्क्रिप्टेड यानी पहले से तय की हुई दिखाई देती है. इसीलिए वह बार-बार कह रहे हैं कि इस मामले की न्यायिक जांच होनी चाहिए. ताकि हिंसा के कारणों का पता लगाकर दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की जा सके.

भाजपा की सोशल मीडिया टीम फैलती है झूठ: बनभुलपुरा हिंसा प्रकरण को लेकर भले ही राजनीति किसी भी तरह की हो रही हो लेकिन घटनास्थल पर कोई भी नेता जाने को तैयार नहीं है. इस मामले में हरीश रावत अपने एक बयान से इस बात को इशारों ही इशारों में जाहिर करने की कोशिश करते हैं जिसमें वह कहते हैं कि भाजपा की सोशल मीडिया टीम झूठ फैलाकर लोगों में भ्रम पैदा कर देती है.

दरअसल, विधानसभा चुनाव से पहले हरीश रावत पर मुस्लिम यूनिवर्सिटी को लेकर खूब राजनीति हुई थी. उस समय भी हरीश रावत खुद को बदनाम करने और भाजपा की सोशल मीडिया द्वारा झूठ फैलाने के बाद कहते हुए नजर आए थे. जाहिर है कि इस तरह का डर एक बार फिर हरीश रावत को सता रहा है. तभी घटनास्थल से कुछ दूरी पर आकर भी वह मौके पर जाकर लोगों से मिलने से परहेज करते हुए दिख रहे हैं. हालांकि, वह ऐसा नहीं मानते. वह कहते हैं कि फिलहाल वह न्यायिक जांच की मांग कर रहे हैं और उसके बाद ही वह इससे संबंधित तमाम लोगों से बात करेंगे.

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Last Updated : Feb 21, 2024, 3:23 PM IST
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