ग्वालियर। बसो मेरे नैनन में नंदलाल... मोहिनी मूरत, सांवली सूरत, नैना बने विशाल... बसों मेरे नैनन में नंदलाल.. ये पंक्तियां कभी श्रीकृष्ण की सबसे बड़ी भक्त मीरा बाई ने श्रीकृष्ण से अपने प्रेम का इजहार करने के लिए गाई थी. कहा जाता है कि कृष्ण प्रेम का मोह ही अलग है. इसी प्रीत राह पर मध्य प्रदेश के ग्वालियर में रहने वाली शिवानी परिहार भी हैं. जो अब राधा बनकर अपने प्रियतम नंदलाल से विवाह करने जा रही हैं. ये अनोखा विवाह धूमधाम से 17 अप्रैल को होने जा रहा है.
ग्वालियर शहर के न्यू ब्रज विगर कॉलोनी में रहने वाले धर्मेंद्र परिहार के घर भी इन दिनों विवाह की तैयारियां चल रही हैं. उनकी बेटी शिवानी की 17 अप्रैल 2024 को शादी है, लेकिन इस शादी से रिश्तेदार तो खुश नहीं हैं, लेकिन अब उन्हें इस बात की परवाह भी नहीं है, होना भी क्यों जब वर स्वयं श्री कृष्ण हो. यहां शिवानी श्रीकृष्ण से विवाह रचा रही हैं. शुरू-शुरू में तो माता पिता को भी इस शादी से आपत्ति थी, लेकिन बेटी की जिद के आगे एक न चली. आखिर में उन्हें इस शादी के लिए राजी होना पड़ा.
विवाह की तैयारियों में जुटे माता-पिता
बीकॉम की छात्रा शिवानी कहती हैं. वे बचपन से ही कान्हा की दीवानी हैं. उन्होंने छोटे में ही सोच लिया था कि वे श्री कृष्ण से ही विवाह करेंगी. उनका कहना है कि, "बचपन से ही पूजा-पाठ करते-करते ये ख्याल उनके मन में आ गया था कि जो सारे जग की समस्याएं दूर करते है, वे उनकी भी परेशानियां दूर करेंगे. उनसे हमेशा बिना मांगे सब कुछ मिल जाता है. शुरू में माता-पिता तैयार नहीं थे, लेकिन बाद में मान गए. अब उनका पूरा सहयोग है. वे खुद इस विवाह की तैयारियां कर रहे हैं.
इस तरह रहेंगे विवाह कार्यक्रम
शिवानी ने बताया कि '17 अप्रैल को विवाह की तारीख तय की गई है. इसलिए 15 अप्रैल को तेल की रस्म होगी. 16 अप्रैल को मंडप होगा. उसी दिन अखंड रामायण पाठ भी होगा. 17 अप्रैल को विवाह संपन्न होगा. इसी दिन भोज रखा गया है. जिसमें ढाई सौ से तीन सौ लोग शामिल होंगे. 18 अप्रैल को विदाई हो जाएगी.'
विवाह के बाद वृंदावन में बितायेंगी जीवन
राधा बनने जा रही शिवानी से जब ये पूछा गया कि असल जीवन से अलग पुरुष से विवाह की जगह भगवान से शादी ये फैसला कैसे लिया, तो इस पर शिवानी का कहना है कि 'मैं बचपन से ही शादी करने के पक्ष में नहीं थी उन्होंने बचपन में ही निर्णय कर लिया था, क्योंकि इस जगत में उनके हिसाब से पुरुष हैं ही नहीं. सभी नारी हैं, जो नर हैं उनका सिर्फ शरीर मात्र अलग है, लेकिन अंतरात्मा से वे भी नारी ही है. जो एक मात्र पुरुष हैं, पूरे ब्रह्मांड वे नंदलाल श्रीकृष्ण हैं. बस स्वरूप अलग है दृष्टिकोण की भावना अलग अलग हैं. विवाह के बाद वे वृंदावन में राधा ध्यान मंदिर है, वहां अपना जीवन श्रीकृष्ण की भक्ति में बितायेंगी.
श्रीकृष्ण बनेंगे घर के दामाद
शिवानी की मां कहती हैं कि,-" उन्होंने अपनी बच्चियों को शुरू से ही श्रीकृष्ण की भक्ति का पाठ पढ़ाया है. मैं खुद अपने नौकरी करने के बाद गोपाल जी की सेवा में समय देती हूं," वे कहती हैं कि उनके घर इस बात की खुशी है कि उनके घर दामाद के रूप में श्रीकृष्ण हैं."
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सम्मेलन से कर रही है विवाह
बता दें कि इस विवाह पर किसी तरह की कोई विवाद की स्थिति न बने इसलिए शिवानी यह विवाह सम्मेलन से कर रही हैं. जिसकी बाकायदा कागज़ी कार्रवाई होगी और मैरिज सर्टिफिकेट भी मिलेगा. जिससे भविष्य में किसी तरह की कोई परेशानी न हो.