ग्वालियर। बीएसएफ की लापता दो महिला आरक्षकों का पता चल गया है. पुलिस के विशेष जांच दल और बीएसएफ की इंटरनल एजेंसी ने आखिरकार इन महिलाओं को कोलकाता के पास से ढूंढ निकाला है. फिलहाल शहाना खातून और आकांक्षा निखर को बीएसएफ के कोलकाता स्थित दफ्तर में लाया गया है जहां उनसे पुलिस और बीएसएफ की टीम पूछताछ कर रही है. यह महिलाएं पिछले एक महीने से ज्यादा समय से गायब थीं. पिछले दिनों इन दोनों महिला आरक्षकों के सीसीटीवी फुटेज पुलिस को मिले थे. इसके आधार पर कोलकाता और मुर्शिदाबाद में चेकिंग अभियान चलाया गया था. इनमें से एक आरक्षक के परिजनों ने दूसरी पर अपहरण करने का आरोप लगाया था.
एक महीने से गायब थीं दोनों आरक्षक
फिलहाल पुलिस ने बीएसएफ की नौकरी से बिना बताए गायब हो जाने के कारणों का खुलासा नहीं किया है. जबलपुर की रहने वाली आकांक्षा निखर अपने साथ काम करने वाली शहाना खातून के साथ गायब हुई थी. दोनों की पोस्टिंग बीएसएफ टेकनपुर मुख्यालय में है. दरअसल 6 जून को सहायक प्रशिक्षण केंद्र टेकनपुर से आकांक्षा के घर जबलपुर फोन पहुंचा था और उन्होंने बेटी के बारे में जानकारी हासिल की थी. दोनों महिला आरक्षकों को कोलकाता के पास से बीएसएफ की इंटरनल ऐजेंसी ने बरामद कर लिया है और फिलहाल वहीं उनसे पूछताछ हो रही है.
आकांक्षा की मां ने की थी शिकायत
जबलपुर की रहने वाली उर्मिला निखर अपने बेटे नीरज के साथ 2 जुलाई को मंगलवार को एसपी की जनसुनवाई में पहुंची थी और अपनी बेटी को बरामद करने की गुहार लगाई थी. आकांक्षा निखर की मां का स्पष्ट कहना था कि उसकी बेटी को शहाना खातून और उसके परिवार के लोगों ने अगवा कर लिया है. यह लोग पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद इलाके में रहते हैं. उनका आरोप था कि उसके घर वाले भी इस साजिश में शामिल हैं.
दर्ज हुआ था अपहरण का मुकदमा
पुलिस ने आकांक्षा के लापता होने पर मां की शिकायत के बाद शहाना खातून के खिलाफ अपहरण का मुकदमा दर्ज किया था. तब से ही पुलिस की टीम बीएसएफ के अधिकारियों के साथ पश्चिम बंगाल में डेरा डाले हुए थी. फिलहाल इन युवतियों की बरामदगी से एक बात साफ हो गई है कि आकांक्षा का अपहरण नहीं हुआ था. आकांक्षा और शहाना अपनी मर्जी से साथ में गई थीं.