ETV Bharat / bharat

नकली जज बनकर कथित तौर पर फर्जी अदालत में करता था सुनवाई, कोर्ट ने ज्यूडिशियल कस्टडी में भेजा

गुजरात की एक अदालत ने इससे पहले फर्जी जज मॉरिस सैमुअल क्रिश्चियन को 11 दिन की पुलिस हिरासत में भेजा था.

Gujarat Fake Judge
फर्जी जज मॉरिस सैमुअल क्रिश्चियन (ETV Bharat)
author img

By ETV Bharat Hindi Team

Published : 11 hours ago

अहमदाबाद: फर्जी जज मॉरिस सैमुअल क्रिश्चियन को 11 दिन की रिमांड पूरी होने के बाद हमदाबाद की मेट्रो कोर्ट में पेश किया गया. साथ ही सैमुअल क्रिश्चियन के साथी दिलीप राठौड़ को भी अदालत में पेश किया गया. हालांकि, पुलिस ने दोनों आरोपियों की और रिमांड की मांग नहीं की, इसलिए कोर्ट ने उन्हें न्यायिक हिरासत में भेज दिया. आरोप है कि, मौरिस क्रिश्चियन कथित तौर पर फर्जी कोर्ट चलाकर फर्जी फैसले सुना रहा था.

खबर के मुताबिक, अहमदाबाद के सिटी सिविल कोर्ट में एक फर्जी कोर्ट पकड़ा गया था. ऐसे फर्जी कोर्ट का खुलासा होते ही पूरे गुजरात में हड़कंप मच गया था. फर्जी मध्यस्थ बनकर जमीन का ऑर्डर देने वाले मॉरिस सैमुअल क्रिश्चियन नाम के व्यक्ति के खिलाफ करंज पुलिस स्टेशन में पुलिस शिकायत दर्ज की गई थी. अहमदाबाद में फर्जी कोर्ट रूम बनाकर फर्जी जज बनकर धोखाधड़ी करने वाले आरोपी मॉरिस सैमुअल क्रिश्चियन को आज रिमांड पूर्ण होने पर अहमदाबाद की मेट्रो कोर्ट में पेश किया गया.

बता दें कि, पिछले ट्रायल के दौरान आरोपी मॉरिस सैमुअल क्रिश्चियन ने पुलिस पर गंभीर आरोप लगाए थे. आरोपी ने कोर्ट को बताया कि, पुलिस ने जुर्म कबूल करने के लिए उससे मारपीट की. आरोपी की शिकायत सुनने के बाद कोर्ट ने आरोपी को मेडिकल चेकअप कराने की इजाजत दे दी. फिर अगले दिन एक बार फिर आरोपी मॉरिस सैमुअल को मेट्रो कोर्ट में पेश किया गया और आरोपी की रिमांड अर्जी पर सुनवाई हुई.

इस बीच आरोपी की मेडिकल जांच रिपोर्ट भी कोर्ट के सामने पेश की गई. उस रिपोर्ट में शरीर पर सिर्फ एक जगह नाखून के निशान पाए गए. इस संबंध में सुनवाई के दौरान थानेदार ने कहा कि आरोपी द्वारा पुलिस पर लगाये गये आरोप गलत है.

आरोपी मॉरिस सैमुअल क्रिश्चियन कथित तौर पर मध्यस्थ के रूप में काम कर रहा था और भूमि संबंधी मामलों में ग्राहकों के पक्ष में गलत फैसले दे रहा था. अहमदाबाद सिटी सिविल कोर्ट के रजिस्ट्रार हार्दिक सागर देसाई की शिकायत के बाद अहमदाबाद के करंज पुलिस स्टेशन में एफआईआर दर्ज की गई.

अदालत ने कहा कि, मॉरिस सैमुअल क्रिश्चियन ने खुद अदालत के समक्ष अपनी गवाही में स्वीकार किया है कि उसने एक साल में लगभग 500 ऐसे मामलों की सुनवाई की है. इसके अलावा पुलिस जांच में पता चला कि, इस आरोपी के खिलाफ पहले भी मणिनगर पुलिस स्टेशन में आईपीसी की धारा 406, 420, 467, 468, 471, 177, 452, 342, 144 सहित अपराध दर्ज किए गए थे. क्रिश्चियन ने अहमदाबाद में फर्जी मध्यस्थता केंद्र स्थापित किया और सरकारी जमीन से संबंधित आदेश जारी किए. उसने खुद को जज के तौर पर पेश किया, जिससे कई लोगों को लगा कि वे वैध कानूनी कार्यवाही में लगे हुए हैं.

ये भी पढ़ें: RSS नेता अश्विनी कुमार की हत्या का मामला, कोर्ट ने 13 आरोपियों को बरी किया

अहमदाबाद: फर्जी जज मॉरिस सैमुअल क्रिश्चियन को 11 दिन की रिमांड पूरी होने के बाद हमदाबाद की मेट्रो कोर्ट में पेश किया गया. साथ ही सैमुअल क्रिश्चियन के साथी दिलीप राठौड़ को भी अदालत में पेश किया गया. हालांकि, पुलिस ने दोनों आरोपियों की और रिमांड की मांग नहीं की, इसलिए कोर्ट ने उन्हें न्यायिक हिरासत में भेज दिया. आरोप है कि, मौरिस क्रिश्चियन कथित तौर पर फर्जी कोर्ट चलाकर फर्जी फैसले सुना रहा था.

खबर के मुताबिक, अहमदाबाद के सिटी सिविल कोर्ट में एक फर्जी कोर्ट पकड़ा गया था. ऐसे फर्जी कोर्ट का खुलासा होते ही पूरे गुजरात में हड़कंप मच गया था. फर्जी मध्यस्थ बनकर जमीन का ऑर्डर देने वाले मॉरिस सैमुअल क्रिश्चियन नाम के व्यक्ति के खिलाफ करंज पुलिस स्टेशन में पुलिस शिकायत दर्ज की गई थी. अहमदाबाद में फर्जी कोर्ट रूम बनाकर फर्जी जज बनकर धोखाधड़ी करने वाले आरोपी मॉरिस सैमुअल क्रिश्चियन को आज रिमांड पूर्ण होने पर अहमदाबाद की मेट्रो कोर्ट में पेश किया गया.

बता दें कि, पिछले ट्रायल के दौरान आरोपी मॉरिस सैमुअल क्रिश्चियन ने पुलिस पर गंभीर आरोप लगाए थे. आरोपी ने कोर्ट को बताया कि, पुलिस ने जुर्म कबूल करने के लिए उससे मारपीट की. आरोपी की शिकायत सुनने के बाद कोर्ट ने आरोपी को मेडिकल चेकअप कराने की इजाजत दे दी. फिर अगले दिन एक बार फिर आरोपी मॉरिस सैमुअल को मेट्रो कोर्ट में पेश किया गया और आरोपी की रिमांड अर्जी पर सुनवाई हुई.

इस बीच आरोपी की मेडिकल जांच रिपोर्ट भी कोर्ट के सामने पेश की गई. उस रिपोर्ट में शरीर पर सिर्फ एक जगह नाखून के निशान पाए गए. इस संबंध में सुनवाई के दौरान थानेदार ने कहा कि आरोपी द्वारा पुलिस पर लगाये गये आरोप गलत है.

आरोपी मॉरिस सैमुअल क्रिश्चियन कथित तौर पर मध्यस्थ के रूप में काम कर रहा था और भूमि संबंधी मामलों में ग्राहकों के पक्ष में गलत फैसले दे रहा था. अहमदाबाद सिटी सिविल कोर्ट के रजिस्ट्रार हार्दिक सागर देसाई की शिकायत के बाद अहमदाबाद के करंज पुलिस स्टेशन में एफआईआर दर्ज की गई.

अदालत ने कहा कि, मॉरिस सैमुअल क्रिश्चियन ने खुद अदालत के समक्ष अपनी गवाही में स्वीकार किया है कि उसने एक साल में लगभग 500 ऐसे मामलों की सुनवाई की है. इसके अलावा पुलिस जांच में पता चला कि, इस आरोपी के खिलाफ पहले भी मणिनगर पुलिस स्टेशन में आईपीसी की धारा 406, 420, 467, 468, 471, 177, 452, 342, 144 सहित अपराध दर्ज किए गए थे. क्रिश्चियन ने अहमदाबाद में फर्जी मध्यस्थता केंद्र स्थापित किया और सरकारी जमीन से संबंधित आदेश जारी किए. उसने खुद को जज के तौर पर पेश किया, जिससे कई लोगों को लगा कि वे वैध कानूनी कार्यवाही में लगे हुए हैं.

ये भी पढ़ें: RSS नेता अश्विनी कुमार की हत्या का मामला, कोर्ट ने 13 आरोपियों को बरी किया

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.